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UP: दिव्यांगों-बुजुर्गों के बैलेट वोट जबरन BJP को दिलाने का आरोप, भड़के अखिलेश बोले- एक्शन हो

आगरा के फतेहाबाद में पोस्टल बैलेट से वोट डलवाने पहुंचे अफसरों पर एक दिव्यांग ने मनमाना वोट डलवाने का आरोप लगाया है. इसका वीडियो शेयर करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की है.

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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आगरा के फतेहाबाद का वीडियो वायरल
  • अफसरों पर मनमाना वोट डलवाने का आरोप
  • अखिलेश ने की EC से कार्रवाई की मांग

उत्तर प्रदेश में पोस्टल बैलेट से हो रही वोटिंग पर सवाल उठने लगे हैं. आगरा के फतेहाबाद विधानसभा का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पोस्टल बैलेट से वोट डलवाने पहुंचे अफसरों पर ग्रामीण मनमाना वोट डलवाने का आरोप लगा रहे हैं. इस वीडियो को ट्वीट करके पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की है.

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दरअसल, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोमवार को आगरा की फतेहाबाद विधानसभा में दिव्यांगों और बुजुर्गों के मतदान को लेकर ट्वीट किया है. अखिलेश ने लिखा, 'वृद्धों और दिव्यांगों से वोट डलवाने के मामले में फतेहाबाद विधानसभा में पोलिंग पार्टी पर मतदाता की इच्छा के विरुद्ध खुद ही मनमाना वोट डालने का आरोप लगा है.'

अपने अगले ट्वीट में अखिलेश यादव ने कहा, 'बैलेट से वोट डलवाने में धांधली के मामले में एक प्रशासनिक अधिकारी का सरेआम ये कहना कि 'एक वोट से कुछ होता है क्या' बेहद गंभीर मामला है, चुनाव आयोग से अपेक्षा है कि ऐसे अधिकारियों को चिन्हित कर के तुरंत सस्पेंड किया जाए.'

क्या है पूरा मामला

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने ट्वीट में चुनाव आयोग से तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है. यह वीडियो दिव्यांग मतदाता सुरेंद्र की शिकायत के बाद सुर्खियों में आया. गांव जगराजपुर के रहने वाले दिव्यांग सुरेंद्र ने पोलिंग पार्टी पर आरोप लगाया था कि वह साइकिल पर वोट डालना चाहता था लेकिन पोलिंग पार्टी ने उसका वोट भाजपा में डलवा दिया.

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इस मामले को लेकर फतेहाबाद के जगराजपुर में मौके पर विरोध भी हुआ. यह विरोध स्थानीय गांव के लोगों ने किया. विरोध के बाद प्रशासनिक स्तर पर जांच पड़ताल की कार्यवाही शुरू कर दी गई और जांच पड़ताल में माइक्रो प्रेक्षक ने अपनी रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी को दी है. माइक्रो प्रेक्षक अरुण कुमार गौड़ ने अपनी रिपोर्ट में घटना का जिक्र किया है.

माइक्रो प्रेक्षक अरुण कुमार गौड़ ने कहा है कि वीडियो कैमरे की रिकॉर्डिंग के बीच मतदान करवाया गया है, जो लोग मतदान करने से मना कर रहे थे, उनसे हस्ताक्षर करवाए जा रहे थे. टीम जब गांव में पहुंची तो लोगों ने हंगामा कर दिया और टीम को घेर लिया. बड़ी मुश्किल से टीम बचकर बाहर निकली.

इस पूरे घटनाक्रम में जिले के आला अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन वह तैयार नहीं हुए. आपको बता दें कि कोरोना की वजह से चुनाव आयोग ने दिव्यांग और 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को पोस्टल बैलेट से वोट डालने का फरमान जारी किया है. इसी फरमान के तहत गांव-गांव वोट डलवाए जा रहे हैं.

 

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