देश में अगले साल शुरुआती महीने में जिन पांच राज्य में चुनाव होने हैं, उसमें उत्तर प्रदेश को लेकर बीजेपी सबसे ज्यादा फिक्रमंद है. बीजेपी मिशन-2022 को लेकर लगातार मंथन में जुटी हुई है. बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और पार्टी प्रभारी राधा मोहन ने प्रदेश संगठन से लेकर योगी सरकार और संघ के नेताओं साथ दो दिनों तक बैठकें करके 2022 की चुनावी जंग को फतह करने की रणनीति बनाई है, जिसमें हिंदुत्व के एजेंडे को धार देने से लेकर सामाजिक समीकरण को दुरुस्त करने और बूथ मजबूत करने पर जोर दिया गया है.
बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष और प्रभारी राधा मोहन ने अपने यूपी दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को पार्टी मुख्यालय में सरकार और संगठन की समन्वय बैठक की. बीजेपी कोर कमेटी की यह मैराथन बैठक करीब 5 घंटे तक चली, जिसमें 2022 के चुनावी एजेंडे पर मंथन किया गया. इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा सहित कई कैबिनेट मंत्री भी शामिल हुए. इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और संगठन मंत्री सुनील बसंल के साथ ही संगठन के क्षेत्रीय पदाधिकारी भी मौजूद रहे.
सरकार की उपलब्धियों को घर-घर पहुंचाना
बीजेपी की समन्वय बैठक में पार्टी को 2017 में मिली ऐतिहासिक जीत को अगले साल होने वाले चुनाव में दोहराने का मंत्र दिया गया. बीएल संतोष ने मंत्रियों से कहा कि सब कुछ सरकार करेगी तो कैसे होगा..? आप लोग भी सक्रिय होकर चुनाव में जुटें और सरकार के काम को जनता के बीच ले जाएं. प्रदेश सरकार ने साढ़े चार साल में बहुत अच्छा काम किया है, लेकिन सरकार की उपलब्धियों को उतने ही अच्छे तरीके से जनता तक पहुंचाना भी होगा. मंत्रियों का आह्वान किया कि चुनाव से पहले कामकाज का पूरा ब्योरा तैयार करें और उसे जनता तक ले जाएं ताकि यह लोगों के पता चल सके कि बीजेपी सरकार ने क्या काम किया.
राष्ट्रवाद और हिंदुत्व को बीजेपी धार देगी
बीजेपी 2022 के चुनाव मैदान में राष्ट्रवाद और हिंदुत्व को अपना सियासी एजेंडा बनाएगी. सूत्रों की मानें तो कोर कमेटी की बैठक में यह तय हुआ कि सरकार विकास के साथ-साथ राष्ट्रवाद और हिंदुत्व को लेकर आगे बढ़ेगी. सरकार की उपलब्धियां को जनता तक पहुंचाने के लिए मंत्रियों और संगठन नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई. इसके साथ ही अयोध्या में निर्माण हो रहे राम मंदिर को बीजेपी अपनी बड़ी उपलब्धि के तौर पर जनता के बीच ले जाएगी. वहीं, अभी हाल में आए धर्मांतरण केस में भी सरकार को सख्त रुख अख्तियार रखने के दिशा-निर्देश दिए गए हैं.
सामाजिक समीकरण दुरुस्त का चैलेंज
2022 के विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी अपना सामाजिक समीकरण को बेहतर और मजबूत बनाने का भी बैठक में मंत्र दिया गया है. 'सबका साथ-सबका विकास' ही पार्टी की नीति रहेगी और इसी मंत्र के सहारे पार्टी चुनाव में उतरेगी. सरकार और संगठन की समन्वय बैठक में इस बात को लेकर रणनीति बनाई गई कि जिस तरीके से 2017 में सूबे के सभी समाज का समर्थन बीजेपी को मिला था, उसी तरह इस बार भी जातीय समीकरणों को मजबूत बनाए रखना होगा.
इसके लिए संगठन के पदाधिकारियों और मंत्रियों को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वो तहसील, ब्लॉक से लेकर गांव तक हर समाज के बीच जाएं और उनके दुख दर्द को साझा करें. इतनी ही नहीं दोनों केंद्रीय नेताओं ने योगी सरकार से कहा कि संभव हो तो कुछ ऐसी नीतियां बने जो सबको यह भरोसा दिला सके कि सरकार उनके लिए काम रही है. इसके अलावा सभी समाज के लोगों के दरवाजे पर जाएं और बैठकर उनसे बातचीत करें ताकि सरकार या संगठन से किसी भी जाति का की कई नाराजगी न हो सके.
बूथ प्रबंधन पर बीजेपी देगी जोर
बीजेपी कोर कमेटी की बैठक में साफ तौर पर निर्देश दिए गए हैं कि 300 पार का लक्ष्य हासिल करना है तो हर हाल में बूथ मजबूत करना होगा. इसके लिए बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना होगा और उनकी नाराजगी को दूर करने की दिशा में हरसंभव कदम उठाए जाएं. प्रदेश संगठन को जिम्मेदारी दी गई है कि प्रदेश के हर बूथ की लिस्ट तैयार करें और जहां भी कोई कमी है उसे जल्द पूरा करें. बूथ जिताने की जिम्मेदारी हर पदाधिकारी की तय करनी होगी. इस तरह से मेरा बूथ सबसे मजबूत का मंत्र दोहराया गया और मंत्रियों को भी बूथ पर फोकस करने के लिए दिशा निर्देश दिए गए. एक तरह से साफ है कि बीजेपी बूथ प्रबंधन को लेकर संजीदा हो गई है.
नेतृत्व मामले को सुलझाने की कवायद
बीजेपी की केंद्रीय लीडरशिप और संघ के वरिष्ठ नेताओं ने यूपी में नेतृत्व को लेकर मचे घमासान को भी सुलझाने और पार्टी नेताओं को एकजुट करने की कवायद इस दौरे के जरिए की है. केशव प्रसाद मौर्य और सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही है. ऐसे में मंगलवार को बीजेपी और संघ के नेताओं के साथ-साथ सीएम योगी भी केशव मार्य के घर दोपहर के भोजन पर पहुंचे थे. इसके जरिए यह संदेश दिया गया है कि केशव मौर्य और योगी के बीच किसी तरह की कोई तकरार नहीं है और पूरी पार्टी एकजुट है. हालांकि, यह बात सार्वजानिक रूप से नहीं कही गई है कि 2022 के चुनाव में सीएम फेस कौन होगा, लेकिन योगी सरकार के काम पर वोट मांगने का निर्णय जरूर कर लिया गया है.