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पंचायत आजतक 2021: उमाशंकर सिंह बोले-माया'राज' का विकास और कानून व्यवस्था मिसाल है

Panchayat Aaj Tak Uttar Pradesh 2021: 'पंचायत आजतक' कार्यक्रम में बसपा विधायक दल के उपनेता उमाशंकर सिंह ने कहा कि यूपी की जनता मायावती के कानून व्यवस्था और विकास के कार्य को भूल नहीं पाई है. पिछली तीनों सरकारों की तुलना करके देख लीजिए कि किस सरकार में कानून व्यवस्था बेहतर रही है.

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बसपा नेता उमाशंकर सिंह
बसपा नेता उमाशंकर सिंह
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मायावती सरकार के दौरान कानून व्यवस्था सबसे बेहतर रही
  • यूपी में विकास मायावती सरकार के द्वारा किया गया

उत्तर प्रदेश में अगले साल फरवरी में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) को लेकर सियासी दलों ने कमर कस ली है. यूपी चुनाव को लेकर आजतक पर एक बड़ी 'चुनावी महाबैठक' हुई, जिसमें बसपा विधायक दल के उपनेता उमाशंकर सिंह ने कहा कि सूबे की जनता मायावती सरकार के कानून व्यवस्था को सूबे की जनता आज भी याद कर रही है.

बसपा नेता उमाशंकर सिंह ने कहा कि यूपी में सबसे ज्यादा विकास मायावती जी ने किया है. लखनऊ का विकास इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. कानून व्यवस्था के मामले में मायावती की कोई बराबरी नहीं है. राम मंदिर-बाबरी मामले पर हाई कोर्ट का फैसला आ रहा था, तब सभी राज्यों ने अपने-अपने यहां बंदी की थी, लेकिन मायावती ने स्पष्ट कहा था कि सूबे में न तो एक भी चाय की दुकान बंद की गई और न ही पान की दुकान. सभी को फैसला मानना पड़ेगा. 

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सपा, भाजपा से ज्यादा विकास बसपा राज में

बसपा नेता ने कहा कि मायावती सरकार में कहीं कोई अराजकता नहीं हुई. हमें तो तीनों सरकार के कार्यकाल की तुलना करनी चाहिए, साफ हो जाएगा कि गलतफहमी की वजह से हम सत्ता से चले गए थे. यूपी में सबसे ज्यादा विकास मायावती सरकार में हुआ है. लखनऊ का विकास इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. कानून व्यवस्था के मामले में मायावती की कोई बराबरी नहीं है. 

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उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता को तीनों सरकार के कार्यकाल की तुलना करनी चाहिए. इसे साफ हो जाएगा कि सूबे में विकास और कानून व्यवस्था के मामले में कौन सरकार सबसे बेहतर रही है. उमाशंकर ने कहा कि मायावती जी ने मांग की थी कि गरीबों को आरक्षण मिले, ये बात माननी पड़ेगी कि बीजेपी सरकार ने इसे लागू किया है. हमने इसकी तारीफ की थी.

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उमाशंकर सिंह ने कहा कि मायावती बीजेपी के समर्थन से सरकार चला रही थी, उस समय अटल बिहारी वाजपेयी ने बसपा के सामने राष्ट्रीय स्तर पर गठबंधन कर चुनाव लड़ने की बात कही थी. ऐसे में मायावती ने साफ कहा था कि हमारा गठबंधन सिर्फ यूपी के लिए है. ऐसे में मायावती ने उसी दिन बीजेपी से गठबंधन तोड़ दिया और मुख्यमंत्री की कुर्सी कुर्बान कर दी थी. सच तो ये है कांग्रेस का बीजेपी के साथ समझौता चल रहा है. बीजेपी वालों ने कितनों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे, लेकिन किसी को जेल नहीं भेजा.

 

 

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