उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं और तमाम राजनीतिक दल पूरी तरह से कमर कस कर मैदान में उतर चुका हैं. योगी आदित्यनाथ के अगुवाई में उतरी बीजेपी हर हाल में अपनी सत्ता को बचाए रखने में जुटी है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव इस बार जातीय आधार वाले छोटे-छोटे दलों के साथ हाथ मिलाकर दोबारा से सत्ता में वापसी में करने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.
वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी यूपी में तीन दशक से कांग्रेस के लिए सुखी पड़ी सियासी जमीन को उपजाऊ बनाने की कवायद में हैं. बसपा सुप्रीमो मायावती 2007 की तर्ज पर एक बार फिर जीत के लिए सोशल इंजीनियरिंग को बनाने में जुटी हैं. इसके अलावा असदुद्दीन ओवीसी की पार्टी AIMIM सहित अन्य क्षेत्रीय दल भी अपने राजनीतिक वजूद को बचाए रखने के लिए मशक्कत कर रही हैं.
ऐसे में सवाल उठता है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी, सपा, कांग्रेस, बसपा सहित तमाम क्षेत्रीय पिछली बार की कितनी सीटों पर किस्मत आजमाने की तैयारी में हैं? ऐसे में हम सभी दलों के इस बार के चुनाव लड़ने की सीटों का आंकड़ा बताएंगे?
बीजेपी पिछली बार से कम सीट पर लड़ेगी चुनाव
2017 विधानसभा चुनाव में यूपी की 403 सीटों में से बीजेपी 384 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी थी, जबकि बाकी सीटें 19 सीटें अपने दो सहयोगी अपना दल और भारतीय सुहेलदेव समाज पार्टी के लिए छोड़ दी थी. इस बार 2022 के चुनाव में बीजेपी का अपना दल (एस) और निषाद पार्टी के साथ गठबंधन है. बीजेपी की सहयोगी अपना दल (एस) पिछले चुनाव से ज्यादा सीटों की डिमांड कर रही है तो निषाद पार्टी भी अच्छी खासी सीटों पर चुनाव लड़ने का दम भर रही है.
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले और बिहार के पूर्व सीएम जीतनराम मांझी भी अपनी पार्टी के लिए यूपी में बीजेपी से सीटों की मांग कर रहे हैं. ऐसे में बीजेपी अगर अपना दल को 11 से ज्यादा सीटें देती है और निषाद पार्टी को भी कम से कम दस सीटें देना पड़ता है तो बीजेपी को 384 से कम सीटों पर चुनाव लड़ना पड़ सकता है. हालांकि, बीजेपी गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर कोई फॉर्मूला सामने नहीं आया है, लेकिन सहयोगी दल जिस तरह से दबाव बना रहे हैं. उससे साफ जाहिर होता है कि बीजेपी 2017 के चुनाव से कम सीटों पर ही चुनाव लड़ने के लिए मजबूर होना पड़ेगा.
सपा 2017 से ज्यादा सीटों पर आजमाएगी किस्मत
2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी. इसके चलते यूपी में सपा कुल 403 सीटों में से 311 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, जिसमें महज 47 सीटें ही जीत सकी थी. इस बार के चुनाव में सपा ने किसी भी बड़े दल के बजाय छोटे दलों के साथ गठबंधन कर रखा है. सपा ने अभी तक आरएलडी, सुभासपा, महानदल, जनवादी पार्टी और चाचा शिवपाल यादव की प्रसपा के साथ गठबंधन किया है.
सपा गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर फॉर्मूला तो सामने नहीं है, लेकिन आरएलडी को 32 से 36 सीटें मिलने की संभावना है जबकि ओमप्रकाश राजभर की पार्टी को 10 से 12 सीटें मिल सकती हैं. महानदल, जनवादी पार्टी और प्रसपा तो सपा के साइकिल चुनाव निशान लड़ने के मन बना चुकी हैं. ऐसे में सपा के साढ़े तीन सौ सीटें लड़ने का प्लान है. अखिलेश यादव भी कह चुके हैं कि इस बार उनकी पार्टी साढ़े तीन सौ सीट पर खुद चुनाव लड़ेगी और बाकी सीटें सहयोगी दलों के देगी. इससे साफ है कि सपा इस बार 2017 के चुनाव की तुलना में ज्यादा सीटों पर चुनावी मैदान में उतरेगी.
बसपा-कांग्रेस सभी सीटों पर लड़ेगी चुनाव
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में बसपा और कांग्रेस ने किसी भी दल के साथ अभी तक किसी तरह का कोई गठबंधन नहीं किया है. मायावती पिछले चुनाव की तरह इस बार भी सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. वहीं, कांग्रेस भी सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है. 2017 चुनाव में कांग्रेस ने सपा के मिलकर चुनाव लड़ा था, जिसके तहत 114 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. ऐसे में कांग्रेस पिछले चुनाव की तुलना में इस बार ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
आरएलडी-AIMIM कितनी सीटों पर लड़ेगी चुनाव
आरएलडी 2017 के विधानसभा चुनाव में 277 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन इस बार सपा से गठबंधन के चलते वो कम सीटों पर चुनाव लड़ रही है. सपा गठबंधन के तहत आरएलडी को 32 से 36 सीटें मिलने के अनुमान है जबकि 50 से ज्यादा सीटों की डिमांड कर रखा था. वहीं, असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM इस बार के चुनाव में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान तो पहले ही कर चुकी है जबकि 2017 के चुनाव में 38 सीटों पर अपने कैंडिडेट उतारे थे. आरएलडी जहां पिछली बार से कम सीट पर चुनाव लड़ रही है तो AIMIM पिछली बार से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी.