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मजबूरी या रणनीति, चुनाव से पहले मायावती की BSP के 4 बड़े परिवर्तन

ऐसा ही सपना बसपा सुप्रीमो मायावती का भी है जो पांचवीं बार प्रदेश की मुख्यमंत्री बनना चाहती हैं. इस दिशा में उन्होंने कदम भी बढ़ा दिए हैं और अपनी पार्टी में कई बड़े परिवर्तन किए हैं.

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चुनाव से पहले मायावती की BSP के  बड़े परिवर्तन
चुनाव से पहले मायावती की BSP के बड़े परिवर्तन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चुनाव से पहले मायावती की BSP के बड़े परिवर्तन
  • मीडिया से करीबी, सोशल मीडिया बना दोस्त

देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका है. हर पार्टी प्रचार कर रही है, दावे कर रही है और सत्ता पर काबिज होने के सपने भुना रही है. ऐसा ही सपना बसपा सुप्रीमो मायावती का भी है जो पांचवीं बार प्रदेश की मुख्यमंत्री बनना चाहती हैं. इस दिशा में उन्होंने कदम भी बढ़ा दिए हैं और अपनी पार्टी में कई बड़े परिवर्तन किए हैं.

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मायावती के बड़े बदलाव

जिस बहुजन समाज पार्टी को हमेशा से ही सोशल मीडिया से दूर माना जाता था, अब सबकुछ बदल गया है. ये पार्टी सोशल मीडिया के जरिए ना सिर्फ अपना प्रचार कर रही है बल्कि लोगों से भी सीधा संवाद स्थापित कर रही है. खुद मायावती ने भी अब सोशल मीडिया को खासा तवज्जो देना शुरू कर दिया है. इसी का परिणाम है कि अब पार्टी में अगर कोई नया सदस्य भी आ रहा है तो उसकी मुलाकात मायावती से भी हो रही है और साथ में फोटो भी खिचवाई जा रही है.

ताजा उदाहरण आजाद समाज पार्टी से आए उन पदाधिकारियों का है जिन्होंने ना सिर्फ बीएसपी की सदस्यता ली, बल्कि उन्हें आते ही मायावती से भी मिलने का मौका मिल गया. ऐसे में ये अपने आप में बड़ा परिवर्तन है.

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मीडिया से करीबी

एक और परिवर्तन जो अब साफ दिखने लगा है वो प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर है. पहले बसपा की तरफ से मायावती हीं प्रेस कॉन्फ्रेंस किया करती थीं, वहां भी वे एक कागज पढ़ चली जाती थीं. लेकिन अब मायावती खुद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हर सवाल का जवाब भी देती हैं, बल्कि उनके पार्टी के दूसरे नेता भी आगे आकर पार्टी का पक्ष रखते हैं. हाल ही में बीएसपी के मंत्री भी रहे और बहुजन समाज पार्टी के कद्दावर नेता नकुल दुबे ने मीडिया के सवालों का जवाब दिया था. बीएसपी सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद और बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के बेटे कपिल मिश्रा भी सक्रिय हो चुके हैं और उन्हें युवा संवाद करवाने की जिम्मेदारी दी गई है.

 

सोशल मीडिया को बनाया दोस्त

वैसे अब मायावती मीडिया के करीब भी हो गई हैं. उनके पहले के प्रचार देखेंगे तो पता चलता है कि वे हमेशा किसी एक न्यूज एजेंसी को बुला अपना एक बयान पढ़ दिया करती थीं. ऐसे में मीडिया को उनसे सवाल करने का ज्यादा मौका नहीं मिलता था. लेकिन अब मायावती खुद मीडिया से रूबरू हो रही हैं. हर सवाल का जवाब भी दे रही हैं. ऐसे में उनकी पार्टी का पक्ष पहले की तुलना में ज्यादा मजबूत दिखाई देता है.

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अब अगर मायवती मीडिया के करीब आई हैं तो उनके प्रवक्ता भी डिबेट का हिस्सा बनने लगे हैं. हर मुद्दे पर मीडिया में कई बहस होती हैं, लेकिन पहले बीएसपी के प्रवक्ता नदारद रहते थे. अब वो बेरुखी कम होती दिख गई है. बीएसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा के मुताबिक, बहुजन समाज पार्टी एक मिशन है जो लोगों के पास जाति-धर्म से ऊपर उठकर काम करती है इसलिए आज लोग बीएसपी के साथ जुड़ रहे हैं.

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