उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के छठे चरण में चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे 676 में से 670 उम्मीदवारों का भी लेखा-जोखा आ गया है. इनमें से 27 फीसदी यानी 182 उम्मीदवारों के खिलाफ अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. 151 उम्मीदवार तो पुलिस रिकॉर्ड में हत्या, रेप, जानलेवा हमला करने जैसे गंभीर अपराधों के मुलजिम हैं.
सपा के सबसे ज्यादा उम्मीदवार दागी
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स और यूपी इलेक्शन वॉच के साझा अध्ययन में सभी उम्मीदवारों के नामांकन के पर्चे के साथ दिए हलफनामे की जांच पड़ताल की गई. उससे पता चला कि समाजवादी पार्टी के 48 में से 40 यानी 83 फीसद उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं. दूसरे नंबर पर 23 आरोपी उम्मीदवारों के साथ बीजेपी है. कांग्रेस और बीएसपी के 22-22 उम्मीदवार आपराधिक मुकदमे झेल रहे हैं. AAP के 51 उम्मीदवारों में से 7 मुलजिम हैं.
रेप के आरोपी भी चुनावी मैदान में
छ्ठे चरण में समाजवादी पार्टी के 48 उम्मीदवारों में से 29 तो गंभीर अपराध के आरोपी हैं. बीजेपी के 52 में से 20 और कांग्रेस के 56 में से 20 पर गंभीर अपराधों के मुकदमे चल रहे हैं. बीएसपी के 57 में से 18 और आप के 51 में से पांच उम्मीदवार गंभीर अपराधों के आरोपी हैं. आठ उम्मीदवार महिलाओं के प्रति अपराध के आरोपी हैं. इन आठ में से दो पर तो रेप के आरोप हैं. आठ पर हत्या के आरोप में मुकदमे चल रहे हैं जबकि 23 पर जानलेवा हमला करने यानी आईपीसी की दफा 307 के तहत हत्या का प्रयास करने के इल्जाम हैं.
अति संवेदनशील घोषित हुए 37 सीटों के चुनाव क्षेत्र
ऐसे ही लोगों को वजह से छठे चरण की 57 सीटों में से 37 सीटों के चुनाव क्षेत्र अति संवेदनशील घोषित करते हुए रेड अलर्ट पर रखे गए हैं. बता दें कि रेड अलर्ट उन चुनावी हलकों को घोषित किया जाता है जहां तीन या इससे अधिक उम्मीदवार आपराधिक रिकॉर्ड के साथ चुनावी ताल ठोक रहे हों.