पश्चिम बंगाल चुनाव में हार के बाद भारतीय जनता पार्टी का पूरा फोकस अब उत्तर प्रदेश पर है, जहां अगले साल शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं. यूपी के 2022 के चुनाव से पूर्व पंचायत चुनाव में औसत प्रदर्शन और कोरोना की दूसरी लहर से उत्पन्न स्थिति से बीजेपी बेहद सतर्क हो गई है और उत्तर प्रदेश को लेकर संगठन के वरिष्ठ नेताओं का मंथन जारी है. ऐसे में सूबे की मौजूदा सियासी स्थिति और भविष्य की रणनीति की रूपरेखा तैयार करने के लिए रविवार को पार्टी संगठन और संघ नेताओं के बीच शीर्ष स्तर पर दिल्ली में गोपनीय बैठक की गई.
संघ-बीजेपी नेताओं की बीच हुई बैठक के महत्व का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले और राज्य के संगठन मंत्री सुनील बंसल ने हिस्सा लिया.
बीजेपी सूत्रों की मानें तो संघ और पार्टी के शीर्ष नेताओं के बीच हुई बैठक में उत्तर प्रदेश में कोरोना को लेकर पार्टी की छवि पर जो प्रभाव पड़ा है और उसका आने वाले चुनावों पर क्या असर हो सकता है इसपर चर्चा हुई है. यह बैठक रविवार को करीब डेढ़ घंटा चली, जिसमें कई राउंड अलग-अलग नेताओं के साथ मंथन किया गया. बैठक में पार्टी की छवि चुनाव से पहले कैसे बेहतर की जाए इस पर भी बात हुई.
सुनील बंसल पिछले दो दिनों से दिल्ली में ही थे और लगातार संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के संपर्क में थे. सूत्रों की मानें तो रविवार को सबसे पहले बंसल की होसबोले के साथ बैठक हुई. फिर बंसल बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले. इसके बाद होसबोले, शाह और नड्डा की पीएम से बातचीत हुई. आखिर में शाह और नड्डा की पीएम के साथ बैठक हुई.
बैठक रविवार देर रात तक जारी रही, बैठक में हालात से निपटने के संदर्भ में सभी तरह के विकल्पों पर एक-एक कर चर्चा होने की बात कही जा रही है, सूत्रों के मुताबिक़, पंचायत चुनाव में जनता का बीजेपी से उठता भरोसा साफ नजर आया और यह भी इस बैठक का अहम मुद्दा रहा है.
हाल ही में यूपी में हुए पंचायत चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन बहुत खास नहीं रहा बल्कि औसत रहा है. इसके अलावा कोरोना की दूसरी लहर से सूबे की बदली परिस्थितियों के कारण केंद्रीय नेतृत्व बेहद चिंतित है. चिंता मुख्य कारण यह है कि सूबे में अगले ही साल शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व की बैठक में पंचायत चुनाव और कोरोना की दूसरी लहर से उपजी नाराजगी पर चर्चा हुई है.
दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान गंगा नदी में शवों को बहाने और गंगा तट पर बड़ी संख्या में शवों का दफनाने के मामले ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरी. पार्टी वरिष्ठ नेताओं के बंगाल सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में व्यस्त होने के कारण समुचित तैयारी नहीं होने और अतिआत्मविश्वास का शिकार होना बताया गया है.
सूत्रों की मानें तो इस दौरान संघ सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने आरएसएस के प्रचारकों द्वारा उत्तर प्रदेश के सियासी हालात पर दिए गए फीडबैक से पार्टी के शीर्ष नेताओं को अवगत कराया. साथ ही उन्होंने बीजेपी नेताओं के साथ भविष्य की रणनीति पर भी चर्चा की.
बता दें कि पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा लगातार बीजेपी कार्यकर्ताओं से बोलते आए हैं कि कोरोना काल में पीड़ितों की हरसंभव मदद करें. इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी कार्यकर्ताओं से लोगों के बीच रहने और सरकार के द्वारा उठाए जा रहे कदमों को अवगत करने की बात बार-बार कहते रहे हैं, लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं से लेकर कार्यकर्ता तक घर से बाहर नहीं निकल सके.
करीब एक हफ्ता पहले यूपी में पंचायत चुनाव में मिली हार को लेकर बीजेपी में मंथन हुआ था. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पंचायत चुनाव की समीक्षा बैठक में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, महामंत्री संगठन सुनील बंसल, क्षेत्रीय अध्यक्ष और पंचायत चुनाव से जुड़े पदाधिकारी मौजूद रहे थे. इस दौरान पंचायत चुनाव में पार्टी को मिली हार को लेकर मंथन किया गया था.
सूत्रों की मानें तो राजनीतिक रूप से सबसे अहम माने जा रहे उत्तर प्रदेश में पार्टी कोरोना की दूसरी लहर के न्यूनतम स्तर पर उतरते ही व्यापक स्तर पर डैमेज कंट्रोल अभियान छेड़ेगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद यूपी में मंडल और जिला स्तर पर जमीनी हकीकत को जानने के लिए लगातार दौरे कर रहे हैं. ऐसे ही महामारी में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों के लिए अहम घोषणा की जाएगी. इसके अलावा संगठन के साथ-साथ पूरी सरकार को मैदान में उतर कर लोगों से संपर्क कर उनकी नाराजगी को दूर करने के लिए लगाया जा सकता है.