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'हवा में न रहो, बूथ पर काम करो'... चुनाव से पहले मुलायम एक्टिव, सपा का जोश 'हाई'!

नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव लंबे समय के बाद एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं. बीते दिनों मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यालय पहुंचे और कई पार्टी कार्यकर्ताओं से मिले.

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समाजवादी पार्टी कार्यालय में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
समाजवादी पार्टी कार्यालय में मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बीते दिनों पार्टी कायकर्ताओं से मिले थे मुलायम
  • मुलायम सिंह ने कार्यकर्ताओं से जमीन पर काम करने का दिया संदेश

'बूथ पर का चल रहो है, तुम लोग हवा में न रहो, बीजेपी वाले बूथ पे काम कर रहे हैं, बूथ को मजबूत करो, हर मंडल पर रैली करिए', नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव लंबे समय के बाद एक बार फिर सक्रिय हो गए हैं. बीते दिनों मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी (सपा) के कार्यालय पहुंचे और कई पार्टी कार्यकर्ताओं से मिले.

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बीमारी की वजह से लंबे समय से मुलायम सिंह यादव राजनीति में सक्रिय नहीं थे, लेकिन ज्यों-ज्यों उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीख करीब आती जा रही है, त्यों-त्यों नेताजी फिर सक्रिय होते जा रहे हैं. पिछले हफ्ते वह लखनऊ स्थित पार्टी दफ्तर पहुंच गए और कई नौजवानों से मुलाकात करते हुए उन्हें बूथ मैनेजमेंट के टिप्स दिए.

'नेताजी की पाठशाला' 

मुलायम सिंह यादव से बीते दिनों करीब दो दर्जन सपा कार्यकर्ताओं ने मुलाकात की थी. इसमें से एक पार्टी कार्यकर्ता ने बताया कि नेताजी ने सबसे पहले हमसे अपने-अपने बूथ के बारे में पूछा. नेताजी ने कहा, 'तुम लोग बूथ पर क्या कर रहे हो, बूथ को मजबूत करो, बीजेपी वाले बूथों पर काम कर रहे हैं, हवा में मत रहना.'

बूथ मैनेजमेंट का टिप्स देने के साथ ही मुलायम सिंह यादव ने कहा कि मैं हर मंडलस्तर पर रैली को संबोधित करूंगा. नेताजी की पाठशाला करीब घंटेभर चली होगी. जाते-जाते नेताजी ने कहा कि मैं चुनाव में पूरी तरह से सक्रिय रहूंगा और पार्टी का हर कार्यकर्ता अपने बूथ को मजबूत करे.

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मुलायम सिंह यादव से मुलाकात करने वाले एक सपा कार्यकर्ता ने बताया कि नेताजी का पूरा फोकस इलेक्शन पर है, हालांकि बीमारी के कारण थोड़ी दिक्कत है, लेकिन अभी भी नेताजी को हर जिले की सीट, हर जिले के नेता और हर सीट का समीकरण मुंह जुबानी याद है, बात-बात में उन्होंने कई युवाओं को उनके सीट के समीकरण को भी समझा दिया.

जब अचानक सपा दफ्तर पहुंचे मुलायम...

इससे पहले मुलायम सिंह यादव जनवादी जन क्रांति यात्रा के समापन के मौके पर अचानक सपा दफ्तर पहुंच गए थे. इस दौरान मुलायम सिंह ने विधानासभा चुनाव के मद्देनज़र कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया था. उन्‍होंने कहा कि सपा ही सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ सकती है और सभी को अधिकार दिला सकती है.

मुलायम सिंह यादव के यूं अचानक पार्टी कार्यालय आने से अखिलेश यादव के चेहरे पर नई चमक दिखाई देने लगी थी. उन्‍होंने अपने सम्‍बोधन में कहा था, 'नेताजी का यहां आना सोने पर सुहागा हो गया.' इस दौरान नेताजी ने सपा के संघर्षों और उसके बूथ मैनेजमेंट के साथ कार्यकर्ताओं को कई तरह की नसीहत दी थी.

बीजेपी का दांव और मुलायम का पलटवार

यूपी की राजनीति के हर दांव से मुलायम सिंह यादव वाकिफ हैं. पिछले दिनों बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने नेताजी से मुलाकात की और पूर्व मुख्यमंत्री स्व. कल्याण सिंह के निधन पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने का न्योता दिया.  बीजेपी की कोशिश थी कि कल्याण सिंह के निधन पर सपा के किसी बड़े नेता के न आने को मुद्दा बनाए.

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लेकिन मुलायम सिंह यादव ने एक ऐसा दांव चला कि बीजेपी की प्लानिंग नाकाम हो गई. मुलायम सिंह यादव ने स्वतंत्र देव सिंह को सपा में आने का ऑफर दे दिया. मुलायम सिंह यादव ने अपने दांव से दो मैसेज देने का काम किया. पहला- बीजेपी में पिछड़ी जातियों की पूछ नहीं है और दूसरा- वह सियासत के अभी भी मंझे हुए खिलाड़ी हैं.

मुलायम की सक्रियता कितनी जरूरी?

उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का पूरा फोकस ओबीसी वोटरों पर है. केंद्रीय मंत्रिमंडल विस्तार से लेकर संगठन की नियुक्तियों में यह साफ दिखाई दे रहा है. उसकी कोशिश 2017 की तरह 2022 में भी ओबीसी वोटरों को अपने पाले में लाने की है. वह यादव वोटरों में भी सेंधमारी की कोशिश कर रही है.

ऐसे में यूपी में ओबीसी पॉलीटिक्स के सबसे बड़े चेहरे मुलायम सिंह यादव ही बीजेपी के इस समीकरण को बिगाड़ सकते हैं. खुद सपा के नेता भी मानते हैं कि नेताजी के अनुभव की बदौलत सपा फिर से सत्ता में आ सकती है. सपा एमएलसी सुनील सिंह साजन का कहना है कि राजनीति में सबसे महत्वपूर्ण चीज अनुभव है, और नेता जी से बेहतर अनुभव किसके पास है? 

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सपा एमएलसी सुनील सिंह साजन ने कहा, 'नेताजी पार्टी कार्यकर्ताओं, खासकर युवाओं को बता रहे हैं कि लोगों तक कैसे पहुंचे. हमारे युवा कार्यकर्ता बहुत कुछ सीख रहे हैं. न केवल युवा कार्यकर्ता, बल्कि अनुभवी नेता भी नेता जी से सबक ले रहे हैं और राजनीति में उनका अनुभव निश्चित रूप से हमें उत्तर प्रदेश की सत्ता से भाजपा को बाहर करने में मदद करेगा.'

खैर इन दिनों मुलायम सिंह यादव दिल्ली में हैं. माना जा रहा है कि वह जल्द ही लखनऊ आने वाले हैं और पार्टी की सभी मीटिंगों में हिस्सा लेते रहेंगे. इसके साथ ही कोर कमेटी की प्लानिंग में भी मुलायम सिंह का रोल काफी अहम रहने वाला है.

 

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