उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहले चरण के नामांकन का दौर खत्म हो चुका है जबकि दूसरे और तीसरी चरण के लिए नामाकंन प्रक्रिया जारी है. सूबे में बाकी चार चरणों के लिए नामांकन शुरू होने वाले हैं. ऐसे में देश के दूसरे राज्यों के नेताओं को अगर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमानी है, तो उन्हें प्रदेश का मतदाता होना जरूरी है. यूपी में कोई नेता चुनाव लड़ने का मन बना रहा है तो उनके लिए चार दिन का समय बाकी है.
उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के पुनीरक्षण के बाद यदि कोई शख्स अब भी मतदाता बनने से रह गया है तो वह 30 जनवरी तक आवेदन कर सकता है. ऐसे में दूसरे राज्यों के नेताओं को यूपी में अगर बाकी के चरणों में चुनाव लड़ना है तो उनके लिए महज चार दिन का समय बाकी है. इन चार दिनों में अपने नाम वोटर लिस्ट में जुड़वा लें. हालांकि, सूबे में अलग चरण के लिए अलग-अलग तारीख सीमित की गई है.
सूबे में चौथे चरण की सीटों के नामांकन प्रक्रिया 27 जनवरी से शूरू हो रही है. ऐसे में चौथे चरण के कई युवाओं की आयु एक जनवरी 2022 को 18 वर्ष पूरी हो चुकी है, लेकिन मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान के दौरान नाम नहीं जुड़ पाया है, उनके पास इसके लिए अवसर है. ऐसे नवयुवक व युवतियां वोटर लिस्ट में नाम जोड़वाने के लिए फार्म छह भरकर 30 जनवरी तक जमा कर देंगे तो उनका नाम वोटर लिस्ट में जुड़ जाएगा. ऐसे ही अगर कोई बाहरी राज्य का व्यक्ति चुनाव लड़ने के लिए इच्छा रखता है तो उसके भी यह सुविधा मिल रही है.
दरअसल, चुनाव आयोग उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची जारी कर चुका है. ऐसे में जिन नागरिकों का नाम नई मतदाता सूची (UP Voter List New List) में शामिल नहीं हैं, उनके लिए चुनाव आयोग के द्वारा नाम जोड़ने के लिए एक विशेष अभियान चल रहा है. इस अभियान के अंतर्गत नागरिक अपना नाम वोटर लिस्ट में जोड़ सकते है.
सूबे में जो नागरिक 1 जनवरी 2022 को 18 साल की आयु पूरी कर रहे हैं या ऐसे वोटर जिनका नाम मतदाता सूची में दर्ज नहीं, वे अगले चार दिनों में आवेदन प्रारूप-6 भरकर जमा कर दें. मतदाता रजिस्ट्रेशन के लिए अपने मोबाइल पर वोटर हेल्पलाइन एप डाउनलोड कर ऑनलाइन आवेदन कर खुद को मतदाता सूची में शामिल कर सकते हैं. आवेदक, तहसील में भी जाकर अपना नाम जुड़वाने के लिए आवेदन दे सकते हैं. ऐसे में जिन वोटरों के नाम, मतदाता सूची से कट गए थे, वे भी वोटर बन सकेंगे.
वहीं, यदि किसी संभावित प्रत्याशी का नाम मतदाता सूची में गलत है तो उसे उसी नाम के साथ नामांकन पत्र दाखिल करना होगा. हालांकि, इससे उसकी प्रत्याशिता पर कोई असर नहीं आएगा, वह जिस नाम से लोगों के बीच जाना जाता है, वह नाम नामांकन के समय लिखकर जिला निर्वाचन कार्यालय को दे सकता है. जो नाम दिया जाएगा, उसे ही इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के बैलेट यूनिट में दर्ज किया जाएगा.
बता दें कि विधानसभा चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति या नेता को भारत का नागरिक होनें के साथ ही उनका नाम जिस प्रदेश में चुनाव लड़ना चाहते हैं, उस राज्य की मतदाता सूची में शामिल होना आवश्यक है. ऐसे में अगर कोई नेता चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं तो अपना नाम राज्य के मतदाता सूची में शामिल करा सकते हैं.
विधानसभा चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति की न्यूनतम आयु 25 वर्ष होना आवश्यक है. चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति के विरुद्ध किसी तरह का कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं होना चाहिए और न ही किसी मामले में दो साल से ज्यादा सजा हो. चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति को मानसिक रूप से पूरी तरह स्वस्थ होना आवश्यक है, यदि वह मेंटली स्वस्थ नहीं है, तो वह चुनाव नहीं लड़ सकता.