उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर को शहीदों की नगरी कहा जाता है. इसी शहीदों की धरती से पंडित राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और ठाकुर रोशन सिंह जैसे आजादी के दीवानों ने अपनी कुर्बानी देकर देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाई थी. राजनीतिक दृष्टिकोण से भी ये जिला बेहद महत्वपूर्ण है.
शाहजहांपुर के रहने वाले स्व. जितेंद्र प्रसाद ने राष्ट्रीय स्तर पर राजनीति में जिले का नाम बुलंदियों पर पहुंचाया था. इसके अलावा जितेंद्र प्रसाद के बेटे जितिन प्रसाद भी कभी राहुल गांधी के करीबी नेताओं में शामिल थे. हालांकि वर्तमान में जितिन प्रसाद बीजेपी से कैबिनेट मंत्री हैं. यूपी की राजनीति में सुरेश कुमार खन्ना का भी एक बड़ा नाम है. सुरेश कुमार खन्ना 1989 से अब तक लगातार आठवीं बार विधायक चुने गए हैं और वर्तमान में प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा एवं वित्त मंत्री के साथ संसदीय कार्य मंत्री हैं.
शाहजहांपुर में कांग्रेस का लंबे वक्त तक कब्जा रहा है. सपा भी यहां काफी मजबूत पकड़ रखती है. वहीं 2012 में सपा ने तीन विधानसभा सीट पर अपना कब्जा किया था, बसपा ने दो विधासभा सीट जीती थी और बीजेपी को एक सीट मिली थी. लेकिन 2017 के चुनाव में सपा को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था, जबकि बीएसपी जिले में अपना खाता तक नहीं खोल पाई थी. 2017 में बीजेपी ने सभी 6 विधानसभा सीटों में से 5 पर अपना कब्जा कर लिया, जबकि समाजवादी पार्टी को एक सीट पर ही संतोष करना पड़ा था. हम आपको बताते हैं शाहजहांपुर की सभी विधानसभा सीटों का चुनावी गणित...
01- कटरा विधानसभा (0131)- इस विधानसभा क्षेत्र में ठाकुरों और पिछड़ी जाति की मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. यहां यादव और एससी भी खासी संख्या में हैं. 2017 के चुनाव में बीजेपी से वीर विक्रम सिंह ने समाजवादी पार्टी के राजेश यादव को 16730 वोटों से हराया था. विकास के मामले में यह क्षेत्र बेहद पिछड़ा हुआ है. विकास के नाम पर यहां एक बार फिर चुनावी जंग शुरू होगी.
2017 के नतीजे
1-वीर विक्रम सिंह, भाजपा, 76509
मत 39.64%
2- राजेश यादव, सपा, 59779
मत 30.97%
3- अधिवक्ता राजीव कश्यप, बसपा, 47471
मत 24.60%
कुल मतदाता-333,997
पुरुष मतदाता-183491
महिला मतदाता-150506
02- जलालाबाद विधानसभा (0132)- विधानसभा क्षेत्र बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है, जहां की राजनीति लोगों को बाढ़ से बचाने के वादों को लेकर होती है. यहां कश्यप वोटों की संख्या सबसे ज्यादा है. ठाकुर और लोध वोट भी खासी संख्या में हैं. यहां की तीन प्रमुख नदियां गंगा, राम गंगा और बहेगुल हर साल भारी तबाही मचाती हैं, जिसके चलते लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाना पड़ता है. 2017 के चुनाव में बीएसपी से नीरज मौर्य को समाजवादी पार्टी के शरद वीर सिंह ने 9297 वोटों से हराया था.
2017 के नतीजे
1- शरद वीर सिंह, सपा, 75326
मत 36.16%
2- मनोज कुमार, भाजपा, 66029
मत 31.69%
3- नीरज कुशवाहा मौर्य, बसपा, 58337
मत 28.00%
कुल मतदाता-361781
पुरुष मतदाता-201648
महिला मतदाता-160133
03- तिलहर विधानसभा (0133)- यह विधानसभा राजनीति के अखाड़े के तौर पर जानी जाती है, जहां लगातार तीन बार से रोशन लाल वर्मा ने सभी सभी प्रत्याशियों को करारी टक्कर देकर हैट्रिक बनाई है. जितिन प्रसाद जैसे दिग्गज नेता यहां से विधानसभा 2017 का चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन रोशन लाल वर्मा के सामने उन्हें बड़ी हार का सामना करना पड़ा था. रोशन लाल वर्मा ने जितिन प्रसाद को 5750 वोटों से हराया था. यहां लोध वोट सबसे ज्यादा है. उसके बाद ठाकुर और मुस्लिमो की आंख्या भी ठीक ठाक है.
2017 के नतीजे
1- रोशन लाल वर्मा, भाजपा, 81770
मत 40.03%
2- कुंवर जितिन प्रसाद, कांग्रेस, 76065
मत 37.24%
3- अवधेश कुमार वर्मा, बसपा, 31418
मत 15.38%
कुल मतदाता-350251
पुरुष मतदाता-188737
महिला मतदाता-161514
04- पुवायां विधानसभा (0134)- इस विधानसभा को मिनी पंजाब कहा जाता है. यहां का बंडा इलाका गेहूं, धान और गन्ने की फसल के लिए पूरे उत्तर प्रदेश में मशहूर है. यहां की राजनीति किसानों की समस्याओं से जुड़ी रहती है. इस इलाके में दो चीनी मिले हैं. गन्ना भुगतान को लेकर यहां हमेशा राजनीति गरमाई रहती है. वर्ष 2017 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए चेतराम ने समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी शकुंतला देवी को 72417 वोटों के बड़े अंतर पर हराया था.
2017 के नतीजे
1- चेतराम, भाजपा 126635
मत 55.25%
2- शकुंतला देवी, सपा 54218
मत 23.65%
3- गुरु वचन लाल, बसपा 38797
मत 16.93%
कुल मतदाता-377026
पुरुष मतदाता-202863
महिला मतदाता-174163
05- शाहजहांपुर विधानसभा (0135)- शाहजहांपुर विधानसभा एक ऐसी विधानसभा है जिस पर बीजेपी के राजनेता सुरेश कुमार खन्ना 1989 से लेकर अब तक लगातार आठवीं बार बीजेपी से विधायक चुने गए थे. इस विधानसभा में लोगों के लिए सुरेश कुमार खन्ना सबसे प्रिय राजनेताओं में आते हैं. मौज़ूदा वक़्त में सुरेश कुमार खन्ना उत्तर प्रदेश सरकार में वित्त मंत्री, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री का कार्यभार संभाले हुए हैं. सुरेश कुमार खन्ना की गिनती उत्तर प्रदेश सरकार में दूसरे नंबर पर की जाती है. यहां हिन्दू-मुस्लिम के आधार पर चुनाव होता ही. इसके अलावा पिछड़ी जाति और अनुसूचित जाति की आबादी भी काफी है. वर्ष 2017 में सुरेश कुमार खन्ना ने समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी तनवीर खान को 19203 वोटों के बड़े अंतर पर शिकस्त दी थी.
2017 के नतीजे
1- सुरेश कुमार खन्ना, भाजपा, 100734
मत 48.89%
2- तनवीर खान, सपा 81531
मत 39.57%
3- मोहम्मद असलम खान, बसपा 16546
मत 8.03%
कुल मतदाता-389102
पुरुष मतदाता-210910
महिला मतदाता-178192
06- ददरौल विधानसभा (0136)- इस विधानसभा में लोध वोटों की संख्या सबसे ज्यादा है. इसके अलावा सबसे ज्यादा उद्योग इसी विधानसभा में स्थापित है. पूर्व में इस विधानसभा पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा था. 2012 से 2017 तक समाजवादी सरकार में पिछड़ा वर्ग राज्य मंत्री रहे राममूर्ति सिंह वर्मा एक पत्रकार की मौत के प्रकरण में काफी चर्चा में रहे थे. वर्ष 2017 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए मानवेंद्र सिंह ने सपा के पूर्व मंत्री राममूर्ति सिंह वर्मा को 17398 वोटों से हराया था.
2017 के नतीजे
1- मानवेंद्र सिंह भाजपा 86435
मत 39.91%
2- राममूर्ति सिंह वर्मा
सपा 69037
मत 31.88%
3- रिजवान अली बसपा 50762
मत 23.44%
कुल मतदाता-351640
पुरुष मतदाता-191662
महिला मतदाता-159978