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यूपी: जनता के सुझाव पर बनेगा भाजपा का संकल्प पत्र! जानिए क्या है पूरा प्लान

UP Election के लिए भाजपा के पास सुझाव मांगने के अलावा चुनाव से पहले ग्राउंड सर्वे का भी मौका है. पार्टी ये जानना चाहती है कि लोग क्या सोचते हैं? पार्टी की आकांक्षा पेटी जिन जगहों पर रखी जाएगी, वहां पर पोस्टकार्ड भी होगा. लोगों से पोस्टकार्ड के जरिए सुझाव देने को कहा जाएगा.

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‘यूपी नम्बर 1- सुझाव आपका, संकल्प हमारा’ अभियान की शुरुआत करते योगी आदित्यनाथ व अन्य.
‘यूपी नम्बर 1- सुझाव आपका, संकल्प हमारा’ अभियान की शुरुआत करते योगी आदित्यनाथ व अन्य.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चुनाव से पहले भाजपा का ‘सुझाव आपका-संकल्प हमारा’अभियान
  • 30 हजार स्थानों पर आकांक्षा पेटी रखी जाएगी, पोस्टकार्ड के जरिए दे सकते हैं सुझाव

उत्तरप्रदेश 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) इस बार जनता के सहयोग से चुनावी घोषणा पत्र तैयार करेगी. दरअसल, यूपी भाजपा ने ‘यूपी नम्बर 1- सुझाव आपका, संकल्प हमारा’ अभियान की शुरुआत की है. अभियान के जरिए चुनावी घोषणा पत्र के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं और आम लोगों से उनके सुझाव लिए जा रहे हैं. बुधवार को लखनऊ में इसकी शुरुआत भी कर दी गई.

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उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 में भाजपा ने अन्य दलों की तरह घोषणा पत्र नहीं बल्कि संकल्प पत्र जारी किया था. इस बार 'आकांक्षा पेटी' के जरिए लोगों तक पहुंचने की योजना को कार्यकर्ताओं के सामने रखा गया. 2017 की तरह इस बार भी भाजपा अपना विजन डॉक्युमेंट (vision document) बनाने से पहले लोगों के बीच जाएगी. पिछली बार की तरह इस बार भी पार्टी घोषणा पत्र की जगह विजन डॉक्युमेंट लाएगी.  

क्या है पूरा प्लान 

यूपी में चुनावी सरगर्मी तेज हो गयी है. फिलहाल तैयारियों में आगे दिख रही सत्तारूढ़ बीजेपी 100 से भी ज्यादा अभियानों के जरिए लोगों तक पहुंच रही है, पर अब पार्टी के लिए अपना विजन डॉक्युमेंट लोगों के सामने लाने का वक्त आ गया है. ऐसे में पार्टी अब जनता के बीच जाएगी. पार्टी की योजना है कि संकल्प पत्र बनाने से पहले लोगों के सुझाव लिए जाएं. इसके लिए बुधवार को ‘यूपी नम्बर 1, सुझाव आपका, संकल्प हमारा’ अभियान की शुरुआत की गयी. इसके तहत गांव और शहरी क्षेत्रों के 30 हजार स्थानों पर आकांक्षा पेटी रखी जाएगी. बीजेपी की योजना इन पेटियों के सहारे लोगों से सीधे सम्पर्क की है. पार्टी के कार्यकर्ता सुझाव देने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करेंगे. बताया गया कि लोग पोस्टकार्ड के अलावा फोन, ईमेल और पार्टी की वेबसाइट पर भी सुझाव दे सकते हैं.

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चुनाव से पहले ग्राउंड सर्वे

पार्टी के लिए ये सुझाव मांगने के अलावा चुनाव से पहले ग्राउंड सर्वे का भी मौका है. पार्टी ये जानना चाहती है कि लोग क्या सोचते हैं? पार्टी की आकांक्षा पेटी जिन जगहों पर रखी जाएगी, वहां पर पोस्टकार्ड भी होगा. लोगों से पोस्टकार्ड के जरिए सुझाव देने को कहा जाएगा. पोस्टकार्ड में नाम, पता, फोन नंबर जैसी जानकारियों से भाजपा के पास एक डेटा भी तैयार होगा. राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि भाजपा के चुनाव प्रबंधन की स्टाइल में ये शामिल रहा है. पार्टी बाद में सुझाव देने वाले लोगों से फॉलोअप भी लेती है. 

2017 विधानसभा चुनाव में भी पार्टी ने ये प्रयोग किया था

2017 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने ये प्रयोग किया था. उस समय समाजवादी पार्टी की सरकार थी. लखनऊ में संकल्प पत्र की घोषणा करते समय भाजपा की ओर से जोर देकर बताया गया था कि अखिलेश सरकार ने लोगों से किए वायदे को पूरा नहीं कर पाई, ये बातें खुद प्रदेश के लोगों ने बताई है. लेकिन तब और आज की स्थिति में अंतर है. अब पार्टी को न सिर्फ अपने पांच साल के काम को गिनाना है बल्कि ये भी बताना है कि 2017 के संकल्प पत्र में भाजपा ने जो वायदे किए थे, वे पूरे हो गए. 

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राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि चुनाव में राजनीतिक दलों को जनता के बीच जाना होता है, ऐसे में इस अभियान से सीधा सम्पर्क होगा. वरिष्ठ पत्रकार दिनेश पाठक कहते हैं कि इससे भाजपा को ऐन चुनाव से पहले सीधा फायदा तो यही है कि पार्टी सीधे जनता से जुड़ेगी. पार्टी लोगों के बीच जाएगी और इस बहाने लोगों से सीधा सम्पर्क होगा. वैसे भी भाजपा इस काम में अपने प्रतिद्वंदियों से आगे है.

विश्लेषकों के मुताबिक, भाजपा लोगों को ये बात भी बताएगी कि दूसरी पार्टियां जहां अपने हिसाब से अपना घोषणा पत्र तैयार करती है, वहीं भाजपा ‘जन आकांक्षाओं से जन सरोकार’ के रास्ते पर चलती है. आकांक्षा पेटी के जरिए सुझाव मांगने के अभियान की शुरुआत के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर लोगों से अपील की कि वो ज्यादा से ज्यादा सुझाव दें.

अभियान के शुरुआत में ही भाजपा का विपक्ष पर हमला

आकांक्षा पेटी के लॉन्चिंग के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी बीजेपी के अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और अन्य नेताओं ने सियासी प्रतिद्वंदियों पर जमकर वार किया. भाजपा नेताओं ने जातिवाद और भ्रष्टाचार की बात की. योगी ने कहा कि पहले आतंकवादियों के मुकदमे वापस होते थे. नौकरियां निकलते ही महाभारत हो जाता था. मामा-मामी, काका-काकी सब वसूली करने निकल पड़ते थे. इसके साथ ही उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई. 

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अभियान के जरिए लोगों को बताने की कोशिश है कि भाजपा ने 2017 में संकल्प पत्र में जो वायदे किए थे, वे सभी पूरे कर दिए गए. इनमें अपराध पर नियंत्रण, अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण, नौकरियां और भर्ती, महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दे गिनाए जा रहे हैं. वहीं स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि विपक्षी जिन्ना में उलझे हैं जबकि योगी सरकार यूपी के लोगों के कल्याण और विकास के लिए काम कर रही है.

 

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