उत्तर प्रदेश में चार महीने बाद प्रस्तावित विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी फुल एक्टिव हो गए हैं और उन्होंने मोर्चा संभाल लिया है. वो बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने के लिए जुट गए हैं. पूर्वांचल के जौनपुर और गाजीपुर दौरे के बाद सीएम योगी पश्चिम यूपी की सियासी नब्ज की थाह लेने जा रहे हैं, जहां वो विकास योजनाओं की सौगात भी देंगे.
किसान आंदोलन और जाट समुदाय की नाराजगी से बीजेपी का पश्चिम यूपी का समीकरण बिगड़ता नजर आ रहा है. ऐसे में बीजेपी 2022 की सियासी जंग फतह करने के लिए वेस्ट यूपी को साधने में जुट गई है. प्रदेश के हर जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम की रूपरेखा बनाई गई है. इस दौरान योगी सरकार के साढ़े चार साल की उपलब्धियां बताने के साथ-साथ कुछ विकास योजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे.
मुरादाबाद-बिजनौर पहुंचेंगे योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा के रतूपुरा में जनसभा को संबोधित करेंगे. सीएम योगी यहां 30 परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे. इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी की मौजूदगी में विभिन्न पेंशन योजनाओं के अलावा मुख्यमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को चाबी सौंपी जाएगी. इसके बाद सीएम बिजनौर रवाना हो जाएंगे.
बिजनौर में मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को दोपहर डेढ़ बजे बिजनौर के मधुसुदनपुर देवीदास में बन रहे मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास करेंगे. इसके बाद जनता को संबोधित करने का भी कार्यक्रम रखा गया है, जहां मुख्यमंत्री बिजनौर की जनता से साढ़े 4 साल में किए गए कार्यों को लेकर मंच से अपनी बात रखेंगे. इस दौरान वो खास फोकस किसानों के लिए बीजेपी सरकार में किए गए विकास कार्यों पर रखेंगे. बिजनौर के बाद सम्भल के कैला देवी में जनसभा को संबोधित करेंगे.
बिजनौर में बन रहे राजकीय मेडिकल कॉलेज के बराबर में मंदिर के पास खाली पड़ी 50 बीघा भूमि में केंद्रीय विद्यालय भी बनाया जाएगा. विद्यालय के लिए प्रस्ताव कर भूमि आवंटित कर दी गई है. साथ ही स्वाहेड़ी खुर्द में प्रस्तावित स्टेडियम भी स्वीकृत हो गया है, जो 30 बीघा भूमि में बनाया जाएगा. हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजनौर आगमन से पहले पश्चिमी यूपी के बागपत जनपद को एक बड़ा तोहफा दिया है.
जाट और किसान को दिया संदेश
बागपत में तीन सड़कों के नाम चौधरी चरण सिंह, महेंद्र सिंह टिकैत और शूटर दादी चंद्रो तोमर के नाम पर रखने को प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है. बागपत जनपद के टांडा-रमाला रोड चौधरी चरण सिंह मार्ग के नाम पर होगी तो छपरौली-बरनावा मार्ग चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत मार्ग के रूप में जाना जाएगा. ग्राम जोहड़ी में बिजली घर के सामने से ग्राम विजयवाड़ा तक जाने वाली सड़क को दादी चंद्रो तोमर मार्ग के रूप में रखा गया.
हापुड़ और दादरी में कार्यक्रम
22 सितंबर को मुख्यमंत्री हापुड़ जिले के साठा चौरासी से चुनावी शंखनाद करेंगे. संभावना है कि वह किसानों को साधने के लिए जिले के सीमा विस्तार, किसानों के गन्ना भुगतान, समर्थन मूल्य बढ़ाने और नलकूप के बिजली बिल दर कम करने की घोषणा कर सकते हैं. कृषि कानून के विरोध में उतरे किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए सीएम योगी कवायद में जुटे हैं. इसके बाद नोएडा के दादरी के मिहिर भोज पोस्ट ग्रेजुएट कालेज में 9वीं सदी के शासक गुर्जर सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा का अनावरण करेंगे.
पश्चिम यूपी का सियासी समीकरण
बता दें कि 2017 के विधानसभा चुनाव में पश्चिम यूपी में बीजेपी ने लगभग क्लीन स्वीप किया था. पश्चिम यूपी की कुल 136 सीटों में से 109 सीटें बीजेपी ने जीती थीं जबकि महज 20 सीटें ही सपा के खाते में आई थीं. कांग्रेस को दो सीटें और बसपा को चार सीटें मिली थीं. वहीं, एक सीट आरएलडी के खाते में गई थी, जहां से विधायक ने बाद में बीजेपी का दामन थाम लिया था.
पश्चिम यूपी में यह सिलसिला 2019 लोकसभा चुनाव में भी जारी रहा था, लेकिन 2014 के मुकाबले बीजेपी कम सीटें जीती थी. किसान आंदोलन के चलते 2022 के चुनाव में बीजेपी के लिए पश्चिम यूपी में एक बड़ी चुनौती खड़ी है. सीएम योगी अब खुद ही जमीन पर उतरकर माहौल को दुरुस्त करने में जुट गए हैं. पिछले दिनों अलीगढ़ में पीएम नरेंद्र मोदी ने राजा महेन्द्र प्रताप सिंह विश्वविद्यालय और रक्षा गलियारे की आधारशिला रखी, जहां सीएम योगी भी मौजूद रहे. इसके जरिए भी जाटों को साधने का बड़ा दांव चला गया है. ऐसे में अब देखना है कि योगी की कोशिश क्या सियासी समीकरण बनाती है.