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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) भी जोर शोर से अपनी किस्मत आजमा रही है. आज आम आदमी पार्टी ने यूपी चुनाव को लेकर 150 उम्मीदवारों की पहली सूची (AAP Candidate List UP Election) जारी की है. AAP सांसद संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उम्मीदवारों का ऐलान किया है.
संजय सिंह ने बताया कि आप उम्मीदवारों में 8 एमबीए, 38 पोस्ट ग्रेज्युएट, 4 डॉक्टर, 8 पीएचडी, 7 इंजीनियर, 8 बीएड, 39 ग्रेजुएट, 6 डिप्लोमा किये उम्मीदवार शामिल हैं. इसके अलावा जातीय समीकरण का भी पूरा ध्यान रखा गया है. इसी कड़ी में अलग-अलग समुदायों को बराबरी की हिस्सेदारी दी गई है. 55 उम्मीदवार ओबीसी के, अनुसूचित जाति के 31, 14 उम्मीदवार मुस्लिम, 6 कायस्थ, 7 व्यापारी, 36 ब्राहमणों को मैदान में उतारा गया है.
लिस्ट के मुताबिक आप ने लखनऊ मध्य से नदीम अशरफ जायसी, लखनऊ पूरब से आलोक सिंह, लखनऊ उत्तर विधानसभा से अमित श्रीवास्तव त्यागी, लखनऊ पश्चिम विधानसभा से राजीव बक्शी, मोहनलालगंज से सूरज कुमार और सरोजनीनगर से रोहित श्रीवास्तव को चुनाव मैदान में उतारा है.
आम आदमी पार्टी ने भाजपा के वर्तमान विधायक पंकज सिंह के खिलाफ नोयडा से पंकज अवाना को चुनाव लड़ा रही है. उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सिराथू से आम आदमी पार्टी ने विष्णु कुमार जायसवाल को अपना प्रत्याशी घोषित किया है. शाहजहांपुर में सुरेश खन्ना के खिलाफ राजीव यादव को खड़ा किया है. शामली के थाना भवन से अरविंद देशवाल को उम्मीदवार बनाया है. इस तहर से अयोध्या के गोसाईगंज से आलोक द्विवेदी, अयोध्या के मिल्कीपुर से हर्षवर्द्धन और अयोध्या की रुदौली विधानसभा से मनोज कुमार मिश्र को मौका दिया है. आगरा कैंट से प्रेम सिंह जाटव, आगरा नार्थ से कपिल बाजपेई, आगरा ग्रामीण से केशव कुमार निगम और आगरा साउथ से रमजान अब्बास को टिकट दिया है.
आजमगढ़ की गोपालपुर सीट से इंजीनियर सुनील कुमार यादव, बागपत से नवीन चौधरी, बरेली से कृष्णा भारद्वाज, बिजनौर से विनीत शर्मा, बुलंदशहर से विकास शर्मा, खुर्जा से जयदेव निरंकारी, वाराणसी साउथ से अजीत सिंह, वाराणसी नार्थ से डॉ आशीष जायसवाल, रोहनिया विधानसभा से पल्लवी वर्मा और वाराणसी की ही पिंदरा विधानसभा से अमर सिंह पटेल को चुनाव लड़ा रही है. शामिली से बिजेन्द्र मलिक को मौका दिया गया है.
राज्य सभा सदस्य संजय सिंह ने कहा कि सत्ता में जो पार्टी पिछले पांच साल से बैठी है, अगर साफ तौर पर देखेंगे तो उसने उत्तर प्रदेश को बहुत पीछे ढकेलने का काम किया. एक ऐसी सरकार आदित्यनाथ जी की रही जिसमें नौजवान रोजगार मांगने निकला तो उसका मां-बहन की गालियां दी गई. लाठियों से पीटा गया. शिक्षा मित्र सुहागिन महिलाओं को अपना सिर मुंडवाकर प्रदर्शन करना पड़ा. गरीब की बेटी को हाथरस में रात दो बजे जला दिया गया. अरुण वाल्मीकि को थाने में मार दिया गया. लालगंज के रिक्शेवाले मोहित कुमार को पुलिस ने पीट-पीट कर मार देते हैँ. मनीष गुप्ता के मामले में पीट-पीट कर वो मार दिये जाते हैं. सीबीआई की रिपोर्ट में वो ही दोषी ठहराये जाते हैं और इसी उत्तर प्रदेश में हम लोगों ने अन्याय की पराकाष्ठा का वो दृश्य देखा.
आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी संजय सिंह ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि गोरखपुर से लड़ाया जरूर जा रहा है लेकिन उनकी चर्चा तो थी अयोध्या से चुनाव लड़ने की. लेकिन मुझे लगता है कि उनकी पार्टी के लोगों ने प्रभु श्री राम के मंदिर के चंदे में इतना बड़ा घोटाला कर दिया है कि वो डर गये हैं. वहां से चुनाव लड़ने में उनको डर था कि चंदा चोरी के कारण वो चुनाव अयोध्या से हार सकते हेँ. तो उनकी पार्टीके लोगों को ऐसा नहीं करना चाहिये था. उनकी पार्टीके लोग ऐसा करेंगे तो योगी जी को गोरखपुर तो भागना ही पड़ेगा. संजय सिंह ने कहा कि हमारी नीतियां जनता को बहुत अच्छी लग रही हैं और इसी का परिणाम था किस 40 लाख वोट हमें जिला पंचायत के चुनाव में मिले. 83 हमारे जिला पंचायत की सीट जीत कर आईं. हम जनता के लिए लड़ रहे हैं. हमारी स्वीकारिता पूरे देश में बन रही है. हमारी नीतियों का विस्तार हो रहा है.