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UP Election: अखिलेश-शिवपाल फिर रथ पर होंगे सवार, प्रियंका और जयंत भी भरेंगे चुनावी हुंकार

नवरात्र के पहले दिन से ही यूपी में विपक्ष 2022 के लिए चुनावी हुंकार भरने जा रहा है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी अध्यक्ष शिवपाल यादव फिर से अपने-अपने रथ पर सवार होंगे. वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी काशी से चुनावी अभियान की शुरूआत करने जा रही हैं जबकि आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी अपने दादा चौधरी चरण सिंह की जन्मभूमि से मिशन-2022 का आगाज करेंगे.  

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अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी, शिवपाल यादव, जयंत चौधरी
अखिलेश यादव, प्रियंका गांधी, शिवपाल यादव, जयंत चौधरी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अखिलेश-शिवपाल 12 को फिर रथ पर होंगे सवार
  • प्रियंका 10 अक्टूबर को काशी से करेंगी चुनावी आगाग
  • जयंत अपने दादा के जन्मस्थली से चुनावी रैली करेंगे

लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर योगी सरकार के खिलाफ आक्रमक रुख अपनाने वाला विपक्षी दल के नेता उत्तर प्रदेश के जमीन पर उतर कर अपने-अपने पक्ष में माहौल बनाने की तैयारी में है. नवरात्र के पहले दिन से ही यूपी में विपक्ष 2022 के लिए चुनावी हुंकार भरने जा रहा है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी अध्यक्ष शिवपाल यादव फिर से अपने-अपने रथ पर सवार होंगे. वहीं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी काशी से चुनावी अभियान की शुरुआत करने जा रही हैं जबकि आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी अपने दादा चौधरी चरण सिंह के जन्मभूमि से मिशन-2022 का आगाज करेंगे.  

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अखिलेश यादव फिर रथ पर होंगे सवार

समाजवादी पार्टी अपने खोए हुए सियासी जनाधार को उत्तर प्रदेश में चार महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में वापस लाने की कवायद शुरू करने जा रही है. बीजेपी के खिलाफ माहौल बनाने के लिए अखिलेश यादव 2012 की तरह एक बार फिर रथ पर सवार होकर सूबे का दौरा करेंगे. अखिलेश यादव 12 अक्टूबर को 'विजय रथ यात्रा' के जरिए सूबे में एक बार फिर से सत्ता में वापसी की कवायद करेंगे. रथ पर सवार होकर सपा प्रमुख सूबे के हर जिले और तहसील तक जाकर बीजेपी की नीतियों और योगी सरकार के कार्यकाल की खामियों को उजागर करेंगे. 

किसानों को मुद्दे को देगी सपा धार

मिशन-2022 में जुटे अखिलेश यादव रथ के जरिए एक तरफ तो सूबे में घूम-घूमकर अपने खोए हुए जनाधार को मजबूत करेंगे. वहीं, लखीमपुर कांड के जरिए सपा किसान आंदोलन को नए सिरे से धार देगी. किसानों की अस्मिता से जोड़कर सपा पार्टी इस प्रकरण को गांव-गांव चौपाल लाकर पहुंचाएगी और पश्चिम के साथ पूर्वांचल तक ले जाने की तैयारी है. सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल द्वारा निकाली गई किसान, नौजवान, पटेल यात्रा में अब लखीमपुर खीरी कांड मुख्य मुद्दा रहेगा. 

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शिवपाल यादव मथुरा से रथ यात्रा निकालेंगे

सपा से नाता तोड़कर प्रगतिशील समाजवादी (लोहिया) पार्टी बनाने वाले शिवपाल यादव भी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में अपनी ताकत का प्रदर्शन करने को सामाजिक परिवर्तन रथ पर सवार होकर सूबे का भ्रमण पर निकलेंगे. शिवपाल 12 अक्टूबर को बांकेबिहारी के दर्शन करके मथुरा-वृंदावन से सामाजिक परिवर्तन रथयात्रा शुरू करेंगे. इसीलिए शिवपाल ने गठबंधन के लिए अखिलेश यादव को 11 अक्टूबर तक आखिरी अल्टीमेटम दे रखा है. शिवपाल यादव के लिए यह चुनाव साख का सवाल बन गया है, जिसके लिए छोटे दलों के साथ भी गठबंधन का विकल्प तलाश रहे हैं. इसी कड़ी में उन्होंने पिछले दिनों कई नेताओं से मुलाकात की है. 

प्रियंका गांधी काशी से फूकेंगी चुनावी बिगुल

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की कमान संभाल ली है और लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. घटना के दिन ही रविवार को प्रियंका गांधी लखनऊ से लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गई थीं, लेकिन यूपी पुलिस ने उन्हें सीतापुर में हिरासत में ले लिया था. प्रियंका गांधी भले ही लखीमपुर न पहुंच सकी हों, लेकिन उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में जरूर उर्जा भर दी है. वहीं, अब 10 अक्टूबर को पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र से काशी से यूपी चुनाव अभियान का हुंकार भरेगी. इस तरह प्रियंका ने काशी से अपने चुनावी अभियान का आगाज कर पूर्वांचल के समीकरण को साधने के साथ-साथ प्रदेश को एक बड़ा राजनीतिक संदेश देने की रणनीति बनाई है.  

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जयंत चौधरी अपने दादा के गांव से आगाज करेंगे

मुजफ्फरनगर दंगे के बाद से एक के बाद एक चुनाव में शिकस्त झेल रहे राष्ट्रीय लोकदल के सियासी वजूद को बचाए रखने का जिम्मा जयंत चौधरी के कंधों पर है. किसान आंदोलन से आरएलडी को मिली संजीवनी से जयंत को हौसले बुलंद है और अब वो नवरात्र के पहले दिन अपने दादा पूर्व चौधरी चरण सिंह की जन्मस्थली हापुड़ जिले के नूरपुर गांव से सात अक्टूबर को मिशन 2022 का बिगुल फूंकेंगे. जयंत चौधरी वेस्ट यूपी के 17 जिलों में 21 दिन तक जनसभा करेंगे, जिसे जन आशीर्वाद यात्रा का नाम दिया है. एक दिन को दो चुनावी जनसभा कर अपने सियासी समीकरण को दुरुस्त करने का काम करेंगे. इस बार जयंत चौधरी से सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं.  

 

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