देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी पूरी ताकत लगा रहे हैं. दावा कर रहे हैं कि वे अकेले ही मुस्लिमों की आवाज उठा रहे हैं, उनके मुद्दे उठा रहे हैं और उनकी स्थिति को मजबूत कर रहे हैं. ओवैसी का दावा हैं कि सपा-बसपा ने कभी भी मजबूती के साथ मुस्लिम समाज का प्रतिनिधित्व नहीं किया.
ओवैसी का सपा पर बड़ा वार
आजतक से बात करते हुए ओवैसी ने कहा कि सपा ने कभी भी मुस्लिमों की आवाज नहीं उठाई है. इस बार अखिलेश ने जयंत चौधरी संग गठबंधन किया है. लेकिन इन लोगों ने अपने प्रचार में एक बार भी मुस्लिमों की बात नहीं की. उल्टा इन्हीं के लोग कहते हैं कि 45 फीसदी मुस्लिमों के टिकट काटे गए हैं. ओवैसी ने आगे कहा कि 2014, 17 और 19 में सपा-बसपा ने पूरी कोशिश की, लेकिन फिर भी बीजेपी जीत गई. ऐसे में लोगों को अपने वोट का सोच-समझकर इस्तेमाल करना चाहिए.
ओवैसी ने सपा-बसपा पर आरोप लगाया कि ये लोग बीजेपी वाली राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं. दोनों के बीच इस बात का कम्पटीशन चल रहा है कि कौन हिंदुत्व के प्रति ज्यादा वफादार है. इसके अलावा AIMIM चीफ ने अखिलेश पर तंज कसते हुए कहा कि सपा सोच रही है कि मुसलमान नशे में हैं, हम इनकी ये भूल सुधार देंगे.
कांग्रेस पर साधा निशाना
सपा-बसपा के बाद ओवैसी के निशाने पर कांग्रेस भी आई. राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा गया कि उन्हीं की वजह से बीजेपी सत्ता में आई है. वे खुद अमेठी वाली सीट हा गए, उनकी वजह से बीजेपी का विस्तार हुआ है. बाबरी मस्जिद की बात करते हुए ओवैसी ने कहा कि कांग्रेस ने ही ताले खुलवाए थे, ऐसे में सहयोग दोनों बीजेपी और कांग्रेस का रहा है.
इस सब के अलावा ओवैसी ने पीएम मोदी के विकास पर भी सवाल खड़े किए हैं. उनकी माने तो बात सिर्फ 80 बनाम 20 की हो रही है. इन लोगों ने मुस्लिम-दलित के लिए कोई स्कूल नहीं खोले हैं. सिर्फ खुद के विकास की बात की जा रही है. ओवैसी ने विश्वास जताया है कि यूपी की जनता उनकी पार्टी में अपना विश्वास दिखाने वाली है.