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UP Election: बीजेपी ने शुरू किया डोर-टू-डोर कैंपेन, 5 नेताओं-कार्यकर्ताओं की टोलियां 1,74,000 बूथों पर घर-घर जाएगी

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने घर-घर जाकर बीजेपी के दस्तक अभियान की शुरुआत की. लखनऊ के बालू अड्डा पहुंचकर उन्होंने बीजेपी का स्टीकर कई घरों पर लगाया और साथ-साथ बीजेपी का वह पत्र भी बांटा जिसमें गरीबों के लिए बीजेपी के किए गए काम लिखे गए हैं.

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बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने घर-घर जाकर बीजेपी के दस्तक अभियान की शुरुआत की
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने घर-घर जाकर बीजेपी के दस्तक अभियान की शुरुआत की
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 1,74,000 बूथों पर घर घर जाएंगे बीजेपी कार्यकर्ता
  • 5-5 कार्यकर्ताओं की टोली जाएगी घर घर

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद बीजेपी अलर्ट मोड में आ गई है. हालांकि, कोरोना के चलते रैलियों और सभाओं पर रोक है, ऐसे में बीजेपी ने यूपी में हर घर तक पहुंचने के लिए नया अभियान 'घर-घर दस्तक' शुरू किया है. इस जनसंपर्क अभियान के तहत बीजेपी सभी 403 विधानसभा सीटों पर घर-घर जाकर लोगों को यूपी सरकार और मोदी सरकार की योजनाओं के बारे में बताएगी. 

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बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने घर-घर जाकर बीजेपी के दस्तक अभियान की शुरुआत की. लखनऊ के बालू अड्डा पहुंचकर उन्होंने बीजेपी का स्टीकर कई घरों पर लगाया और साथ-साथ बीजेपी का वह पत्र भी बांटा जिसमें गरीबों के लिए बीजेपी के किए गए काम लिखे गए हैं. 

174000 बूथों पर पहुंचने का लक्ष्य

बीजेपी के कार्यकर्ता राज्य के 1,74,000 बूथों पर घर घर जाएंगे. अभियान के जरिए यूपी सरकार के कार्यों को जन जन तक पहुंचाया जाएगा. इस अभियान के तहत बीजेपी कार्यकर्ता 'पूरी हुई हर आस, घर घर हुआ विकास' लिखा पत्रक घर घर में बांट रहे हैं. बीजेपी लाभार्थी, महिला और सामाजिक संपर्क के तहत हर घर तक जाएगी. कार्यकर्ता घर पर स्टीकर और बीजेपी झंडा लगाने का काम करेंगे. हालांकि, कोरोना प्रोटोकॉल के तहत 5 कार्यकर्ताओं की टोली जनसंपर्क के लिए जाएगी. कार्यकर्ता लोगों को मास्क और सैनिटाइजर का भी वितरण करेंगे.  

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सभी 403 सीटों पर चलेगा अभियान

बीजेपी का ये जनसंपर्क अभियान राज्य की सभी 403 सीटों पर चलेगा. इसके तहत यूपी और देशभर से आए बीजेपी के कार्यकर्ता घर घर दस्तक देंगे. बीजेपी कार्यकर्ता छोटी-छोटी टोलियों में चुनावी संपर्क करेंगे. महिलाओं, युवाओं और प्रत्याशी की अलग अलग टोलियां होंगी. दूसरे राज्यों से आए प्रचारक और विस्तारक  दलितों और अति पिछड़ी जातियों के इलाकों में ज्यादा फोकस करेंगे. 

 

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