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UP election 2022: यूपी में ठाकुरवाद के आरोपों पर क्या बोले CM योगी के डिप्टी दिनेश शर्मा?

UP election news: यूपी के बड़े ब्राह्मण नेता और डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा बोले कि एक समय शिखा रखना और कलावा बांधना हीन भाव का परिचायक समझा जाने लगा था लेकिन अब चीजें बदल गई है.

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यूपी के डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा (फोटो- आजतक)
यूपी के डिप्टी सीएम डॉ दिनेश शर्मा (फोटो- आजतक)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ब्राह्मण वर्सेज ठाकुर पर गरमागरम बहस
  • यूपी में 10 फीसदी ब्राह्मण वोटर हैं
  • क्या नाराज है यूपी का ब्राह्मण?

UP Election news: उत्तर प्रदेश का ब्राह्मण इस बार किस वोट कर रहा है? यूपी के टोटल वोटर का 10 फीसदी ब्राह्मण वोटर किसको जाएगा ये बड़ा सवाल है? इस मुद्दे पर पंचायत आजतक लखनऊ में यूपी के डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा (Dinesh Sharma) से चर्चा हुई. 

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लोध, कुर्मी भी सिंह टाइटल लगाते हैं, ठाकुरवाद का आरोप गलत

उत्तर प्रदेश की प्रशासनिक मशीनरी में ठाकुरवाद के आरोपों पर दिनेश शर्मा ने कहा कि ये आंकड़े गलत हैं. बता दें कि शो की एंकर चित्रा त्रिपाठी ने मीडिया में चल रहे कुछ आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा था कि राज्य में ज्यादा संख्या में ठाकुर बिरादरी के अफसरों को प्रश्रय दिया जा रहा है. इसके जवाब में दिनेश शर्मा ने कहा कि ये आंकड़े गलत हैं. 

दिनेश शर्मा ने कहा कि सिंह टाइटल वाले अफसरों को ठाकुर बता दिया गया है, ये आंकड़े गलत है, इन आंकड़ों को फिर से देखने की जरूर है. यूपी में सिंह टाइटल लोध, कुर्मी और ब्राह्मण जाति के अलावा दूसरी जातियों के लोग भी लगाते हैं. इन्हें भी ठाकुर बता दिया गया है. ये आंकड़े गलत हैं. आगरा में प्रभु नारायण सिंह को ठाकुर बता दिया गया है लेकिन वे ठाकुर नहीं है. 

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उन्होंने कहा कि ऐसे आंकड़े देखकर उन्हें हंसी आती है. दुष्प्रचार होनी चाहिए लेकिन इतना निचले दर्जे का नहीं. डिप्टी सीएम ने कहा कि यूपी के सीएम संत हैं और संतों की कोई जाति नहीं होती है. हमारे सीएम जहां से जीतते हैं वहां दूसरी जातियों का बाहुल्य है, लेकिन वे वहां से लगातार जीतते रहे हैं.  

बीजेपी में नहीं होता ब्राह्मण वर्सेज ठाकुर

क्या यूपी में अभी ब्राह्मण वर्सेज ठाकुर हो रहा है? इसे सिरे से नकारते हुए डॉ दिनेश शर्मा बोले कि बीजेपी में ऐसा नहीं होता है. ये वैसे लोग करते हैं जो जाति के आधार पर सपने देखते हैं. ये ऐसे लोग होते हैं जो अलग अलग जातियों से चेहरे जमा करते हैं गोलबंदी कर सत्ता पर काबिज होते हैं, लेकिन यूपी अब इससे उबर चुका है.

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अजय मिश्रा टेनी को हटाने में बीजेपी की हिचकिचाहट पर डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि ब्राह्मण होने का अर्थ कोई हीन भावना का शिकार होना नहीं है, मेरे भाई पंडिताई करते हैं. उन्होंने कहा कि वे कर्म से भी ब्राह्मण हैं और जाति से भी.  ब्राह्मण होने का मतलब यह है कि न किसी का उत्पीड़न हो और ब्राह्मण का उत्पीड़न किया जाए.  

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दिनेश शर्मा ने कहा कि बीजेपी टिकट के मामले में जातिगत भेदभाव नहीं करती है, हमारा उद्देश्य सबका साथ, सबका विकास है. विपक्ष अगर ब्राह्मण मतदाताओं को वोट वैंक समझता है तो ये उसकी भ्रांति है. हमारी सरकार हर वर्ग के लिए सोचती है. 

ब्राह्मण चाहता है कि उसके संस्कार जीवित रहे

यूपी के डिप्टी सीएम ने कहा कि ब्राह्मण चाहता है कि उसके संस्कार जीवित रहें, उनकी मान्यताएं सुरक्षित रहे. एक समय शिखा रखना और कलावा बांधना हीन भाव का परिचायक समझा जाने लगा था लेकिन अब चीजें बदल गई है. हम बाल्मीकि की प्रतिमा लगाते हैं, संत रविदास, कबीरदास की प्रतिमा लगाते हैं और दूसरे महापुरुषों की प्रतिमा लगाते हैं. 

दिनेश शर्मा ने कहा कि विपक्ष मान्यताओं पर कुठाराघात करता है.  विपक्ष के नेताओं पर हमला करते हुए डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि जब राज्य में संकट था तो आप कहां थे, आप 4.5 साल कहां थे. एक नेता ने कोरोना की वैक्सीन पर सवाल खड़ा किया, उन्होंने इसे बीजेपी की वैक्सीन कहा और कहा कि जब हम सत्ता में आएंगे तो वैक्सीन लगाइएगा. क्या लोग 1.5 साल तक वैक्सीन का इंतजार करते?

क्या चुनाव लड़ना चाहते हैं दिनेश शर्मा

कार्यक्रम में डॉ दिनेश शर्मा से पूछा गया कि क्या वे विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते हैं? उनके मन की बात क्या है? इसके जवाब में दिनेश शर्मा ने कहा कि बीजेपी के संगठन में मन की बात नहीं होती है, यहां फैसला संगठन लेता है और अगर नेतृत्व कहता है कि कार्यक्रम के लिए दरी बिछाना है तो इसके लिए हम तैयार रहते हैं. उन्होंने कहा कि यहां पार्टी का फैसला शत प्रतिशत लागू होता है. हालांकि डॉ दिनेश शर्मा ने कहा कि वे 2027 उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य हैं? 
 

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