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Pratappur Assembly Seat: चार बार जीती कांग्रेस, बसपा भी मार चुकी है बाजी

2017 में विधानसभा के हुए चुनाव मुज्तबा सिद्दकी अपने करीबी प्रतिद्वंदी अपना दल प्रत्याशी कैप्टन करन सिंह को 2700 मतों से शिकस्त देकर विधायक बन गए थे. मोदी लहर में भी इस सीट पर भाजपा की हार हुई.

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Pratappur Assembly Seat का पूरा कच्छा चिट्ठा
Pratappur Assembly Seat का पूरा कच्छा चिट्ठा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • किसी जमाने में कांग्रेस का गढ़ रहा है प्रतापपुर
  • जनता ने चार बार कांग्रेस को दिलाई है जीत
  • 2017 के चुनाव में बसपा ने मारी थी बाजी

कभी प्रतापपुर कांग्रेस का गढ़ रहा करता था. यहां सभी दलों ने बारी बारी से जीत दर्ज की है, कांग्रेस के श्याम सूरत उपाध्याय ने चार बार इस सीट से सबसे ज्यादा जीत दर्ज की थी. वहीं 1993 में इस सीट पर जवाहर लाल दिवाकर ने बहुजन समाज पार्टी से जीत हासिल कर अपना परचम लहराया था और कांग्रेस के श्याम सूरत उपाध्याय को हार का मुंह देखना पड़ा था. इस सीट पर 2017 चुनाव से पहले अपना दल और भारतीय जनता पार्टी का गठबंधन हुआ था जिसमें सीट पर अपना दल ने कैप्टन करन सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया ,वहीं बसपा प्रत्याशी मुजतबा सिद्दकी भी जी जान लगा रहे थे.

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जब चुनाव की काउंटिंग हुई तो बसपा ने जीत हासिल की और मुजतबा सिद्दकी विधायक बन गए. लेकिन बसपा विधायक मुज़तबा सिद्दकी हाथी छोड़ कर साइकिल पर सवार हो चुके हैं,यानि अब समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं. अब 2022 के होने वाले चुनाव में सभी दल इस सीट पर अपनी नजरें गड़ाए हुए हैं.

प्रतापपुर पहले सोरांव में हुआ करता था लेकिन परिसीमन के बाद ये प्रतापपुर विधानसभा बना. ये यादव बाहुल्य इलाका है और ज्यादातर लोग दूध के कारोबार से जुड़े हुए हैं ,यहां लोग खेती किसानी भी करते हैं और मजदूरी भी ,इस  इलाके में गेहूं,चावल ,गन्ना भी उगाया जाता है.

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राजनीतिक पृष्ठभूमि

2017 में विधानसभा के हुए चुनाव मुज्तबा सिद्दकी अपने करीबी प्रतिद्वंदी अपना दल प्रत्याशी कैप्टन करन सिंह को 2700 मतों से शिकस्त देकर विधायक बन गए थे. मोदी लहर में भी इस सीट पर भाजपा की हार हुई. दूसरे स्थान पर अपना दल भाजपा समर्थित प्रत्याशी कैप्टन करन सिंह पटेल रहे. कैप्टन करन को 64151 मत मिले. तीसरे स्थान पर सपा की मौजूदा विधायक विजमा यादव रहीं. इन्हें 51,645 मत मिले. 2012 के विधानसभा चुनाव में सपा की विजमा यादव को 62582 मत मिले, जबकि बसपा के मुज्तबा सिद्दकी को 49774 वोट मिले थे. सबसे ज्यादा यहां कांग्रेस काबिज रही है और जनता ने चार बार कांग्रेस पर भरोसा  जताया था लेकिन उसके बाद  यहां वोटर अपना नेता हर पांच साल में बदल देते हैं.

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सामाजिक ताना-बाना

इस सीट पर यादव और ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. प्रतापपुर विधानसभा सीट में एक लाख से ज्यादा यादव, 60  हजार ब्राम्हण, 55 हज़ार मुस्लिम ,42 हजार पटेल और बिंद 17 हजार, 11 हजार बनिया, सात हजार ठाकुर और तीन हजार के आसपास कायस्थ हैं. बाकी अन्य जातियां भी हैं. यहां के कुल मतदाता की संख्या 318863 के आसपास है, जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,74,868 और महिला मतदाता 1,43,966 के आसपास है.

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2017 का जनादेश

2017 के चुनाव में बसपा विधायक मुजतबा सिद्दकी को 66,700 वोट मिले थे और दूसरे नंबर पर रहे अपना दल प्रत्याशी कैप्टन करन सिंह को 64,000 वोट से संतोष करना पड़ा था, मुजतबा सिद्द्की 2700 मत पाकर बसपा से विधायक बने, 1996 में यह सीट सपा के प्रत्याशी रहे जोखू लाल ने जीत ली. 2002 में कांग्रेस के श्याम सूरत उपाध्याय ने चौथी बार जीत दर्ज की. 2007 में समाजवादी पार्टी के जोखू लाल यादव की जीत हुई थी, उन्होंने बसपा के सईद अहमद को हराया था और 2012 में समाजवादी पार्टी से विजमा यादव की जीत हुई थी. और 2017 में बसपा से मुजतबा सिद्दकी ने प्रतापपुर सीट पर जीत दर्ज की थी.

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विधायक का रिपोर्ट कार्ड

विधायक का नाम मुजतबा सिद्दकी है. इनकी उम्र 65 साल है. उन्होंने एमए, एलएलबी किया है. इनके परिवार में दो बेटे और दो बेटियां हैं. उन्होंने अपनी विधायक निधि 98 प्रतिशत खर्च की है, वहीं वोटरों के बीच ये लोकप्रिय नेता भी हैं. हालांकि अब प्रतापपुर सीट से बसपा विधायक का मोह कम हुआ है. अब वो अखिलेश के साथ साइकिल की सवारी कर चुके हैं. मुजतबा सिद्दकी ने मौजूदा सरकार पर भी विकास में साथ न देने की बात कही है.

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