उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक दल अपने-अपने समीकरण साधने में जुटे हैं. ऐसे में यूपी में चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके असदुद्दीन ओवैसी भी कहां पीछे रहते. उन्होंने ने भी मुस्लिमों को लुभाने के लिए अपने पैंतरे चले.
कानपुर में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुस्लिमों की हालत शादी के बैंड बाजा पार्टी वालों जैसी है. जहां पहले उनसे संगीत बजाए जाने के लिए कहा जाता है लेकिन शादी वाली जगह पहुंचने पर उन्हें बाहर खड़े रहने को कहा जाता है. अब मुस्लिम संगीत नहीं बजाएंगे. हर जाति के पास एक नेता है, लेकिन मुस्लिमों के पास नहीं है.यूपी में 19 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है लेकिन एक भी नेता नहीं हैं.
ओवैसी ने आगे कहा कि संविधान तो नेता बनने का अधिकार देता है. उन्होंने अपने आप को मुसलमानों का नेता ठहराते हुए कहा कि एक ओवैसी नहीं पूरे प्रदेश में 100 ओवैसी चाहिए. यह जज़्बाती नारों से नहीं बल्कि मुत्तहिद होने से होगा. उन्होंने कहा कि ’यूपी की जेलों में 27 फीसदी कैदी मुसलमान है. यह भारत सरकार का डेटा है.
उन्होंने कहा कि चाहे मुसलमानों के सबसे ज्यादा वोट हासिल करने वाली समाजवादी पार्टी (सपा) हो या फिर सामाजिक न्याय के लिए दलित-मुस्लिम एकता की बात करने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा), किसी ने भी मुसलमानों को नेतृत्व नहीं दिया.
ओवैसी के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है. योगी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि पहले इनके पूर्वजों ने देश का बंटवारा करवाया था, अब ये उत्तर प्रदेश में आकर 19 प्रतिशत की बात कर रहे हैं. मुस्लिमों को बैंड बाजा पार्टी बताने को लेकर मोहसिन रजा ने कहा कि खुद दूल्हा बनने क्यों आए हैं.