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क्रेडिट और लोकार्पण के फेर में फंस गए अखिलेश यादव, रोडमैप हुआ धुंधला!

जब से बीजेपी लोकार्पण की गाड़ी पर सवार हुई है, अखिलेश यादव भी क्रेडिट और लोकार्पण के फेर में फंसते चले गए हैं. ऐसा सपा प्रमुख के बयान ही साफ कर रह हैं. सिर्फ मौके अलग रहे हैं, लेकिन अखिलेश के बयान और हमले उसी दिशा में रहे.

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क्रेडिट और लोकार्पण के फेर में फंस गए अखिलेश यादव ( पीटीआई)
क्रेडिट और लोकार्पण के फेर में फंस गए अखिलेश यादव ( पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • क्रेडिट और लोकार्पण के फेर में फंस गए अखिलेश यादव
  • लोकार्पण की गाड़ी पर सवार बीजेपी, सपा पर पड़ा असर
  • अखिलेश का विकास छूटा पीछे, रणनीति दिख रही धुंधली

देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश, चुनावी सरगर्मी ऐसी कि सभी पार्टियां धर्म-जाति के नाम पर जनता को लुभाने में लगी हैं. ये उत्तर प्रदेश की पुरानी चुनावी फिजा है जो कई सालों से ऐसी ही चली आ रही है.  लेकिन 2022 का चुनाव एक और बिंदू पर लड़ा जा रहा है. इस बार जाति-धर्म से ऊपर उठकर लड़ाई 'क्रेडिट' और 'लोकार्पण' को लेकर शुरू हो गई है. इस लड़ाई का बिगुल फूंका है समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने और उनके निशाने पर है भारतीय जनता पार्टी.

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पिछले कई महीनों से अखिलेश की चुनावी रणनीति ही ये रही है, ' बीजेपी वाले हमारे काम को अपना बताकर जनता को गुमराह कर रहे हैं'.

पिछले कुछ महीनों में बीजेपी के चुनावी प्रचार में अलग ही तेजी देखने को मिली है. एक के बाद एक लोकार्पण हो रहे हैं, कई ड्रीम प्रोजेक्ट को संपन्न किया जा रहा है. लेकिन जब से बीजेपी लोकार्पण की गाड़ी पर सवार हुई है, अखिलेश यादव भी क्रेडिट और लोकार्पण के फेर में फंसते चले गए हैं. ऐसा सपा प्रमुख के बयान ही साफ कर रह हैं. सिर्फ मौके अलग रहे हैं, लेकिन अखिलेश के बयान और हमले उसी दिशा में रहे.

मौका- यूपी में 9 मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन

पीएम नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर महीने में यूपी को 9 मेडिकल कॉलेजों की सौगात दी थी. उन्होंने सिद्धार्थनगर में बने मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ वहीं से एटा, हरदोई, प्रतापगढ़, फतेहपुर, देवरिया, गाजीपुर, मिर्जापुर और जौनपुर के कॉलेजों का भी उद्घाटन किया था. लेकिन इस उद्घाटन के बाद से ही इन मेडिकल कॉलेजों पर राजनीति गरमा गई. सपा की तरफ से तुरंत बयान आ गया कि जिन मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन पीएम मोदी ने किया है, ज्यादातर पर काम तो सपा सरकार के दौरान ही कर लिया गया था. अखिलेश यादव ने जोर देकर कह दिया कि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने के लिए कोई काम नहीं किया.

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मौका- कुशीनगर एयरपोर्ट का उद्घाटन

अक्टूबर में ही बीजेपी की तरफ से उस समय बड़ा चुनावी दांव चला गया जब कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट का उद्घाटन किया. 260 करोड़ की लागत से बने इस एयरपोर्ट के जरिए दुनिया भर के बौद्ध तीर्थ स्थलों को जोड़ने का काम किया जाएगा. लेकिन इस प्रोजेक्ट पर भी बवाल खड़ा हुआ और सपा प्रमुख ने फिर इसे अपना काम बता दिया. अखिलेश ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बीजेपी वालों ने तो एक ईंट भी नहीं लगाई थी. लेकिन अब ये लोग सपा के काम का उद्घाटन करने आ गए. अपने साथ कैची, रिबन, माला भी ले आए हैं. बीजेपी को याद रखना चाहिए कि पायलट बन जाने से आप उस प्लेन के मालिक नहीं बन जाते हैं. 

मौका- जेवर एयरपोर्ट का उद्घाटन

यूपी की बीजेपी सरकार जेवर एयरपोर्ट को विकास के बड़े पैमाने के रूप में देख रही है. इस प्रोजेक्ट के पहले चरण के लिए ही 10,050 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं. काम पूरा होने के बाद 1.2 करोड़ यात्री इस एयरपोर्ट के जरिए सफर कर पाएंगे. लेकिन इस प्रोजेक्ट के लिए बीजेपी ने जितने जोर-शोर से इसका प्रचार किया, समाजवादी पार्टी ने यहां भी 'क्रेडिट' वाला दांव चल दिया. अखिलेश यादव ने ही कह दिया कि अगर केंद्र ने पहले मंजूरी दी होती तो उनकी सरकार ही जेवर, फिरोजादाबाद में एयरपोर्ट बना चुकी होती. अखिलेश ने तब यहां तक कह दिया कि उनकी सरकार तो आजमगढ़ में हवाई पट्टी भी बना चुकी थी, लेकिन अभी तक उसका लोकार्पण नहीं किया गया.

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मौका- पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन

यूपी की सत्ता पर काबिज होने के लिए पूर्वांचल में अच्छा प्रदर्शन करना काफी जरूरी रहता है. क्या बीजेपी, क्या सपा, सभी इस बात को समझते हैं. इसी वजह से इस क्षेत्र को योगी सरकार ने उस समय बड़ी सौगात दी जब पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का लोकार्पण कर दिया गया. एक्सप्रेस-वे लखनऊ के चांद सराय से शुरू होगा और गाजीपुर तक पहुंचेगा. इसे बनाने में 22 हजार 497 करोड़ रुपये का खर्चा आया है. अब पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को लेकर तो समाजवादी पार्टी ने ऐसा दावा ठोका कि उनके कार्यकर्ताओं ने कई जगह से इसका सांकेतिक लोकार्पण ही कर डाला. अखिलेश यादव ने भी नामकरण करते हुए इस प्रोजेक्ट का नाम समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेसवे कर दिया. उन्होंने तब ट्वीट कर कहा था कि जहां दिन में उतारे किसी ने हवाई जहाज़, उसी रात वहां ‘सपा’ के झंडे हुए गुलज़ार. 

मौका- काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का उद्घाटन

पीएम मोदी ने कुछ दिन पहले वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण कर मंदिर राजनीति को नई धार दी थी. जिस अंदाज में उस कॉरिडोर का उद्घाटन किया गया, जैसा प्रचार रहा, उसका असर सिर्फ काशी तक ना रहकर पूरे यूपी में देखने को मिला. अब ऐसा माहौल देख अखिलेश यादव ने फिर अपना वहीं पुराना आरोप लगा दिया. उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को भी अपना प्रोजेक्ट बता दिया. उन्होंने सबूत तक देने की बात कह डाली. अखिलेश ने कहा कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का प्रस्ताव भी कैबिनेट में सबसे पहले समाजवादी पार्टी की सरकर के दौरान हुआ था. बीजेपी पूरी बात नहीं बताती है.

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अब ये तो बस कुछ प्रोजेक्ट हैं, जिनको लेकर अखिलेश के बयान सामने आए हैं. इससे पहले भी कई मौकों पर अखिलेश यादव ने क्रेडिट वाली राजनीति पर जोर दिया है और हर प्रोजेक्ट, हर परियोजना के साथ अपना नाम जोड़ा है. लेकिन सपा प्रमुख का हमेशा से ऐसा अंदाज नहीं रहा है. सिर्फ पांच साल पहले चले जाइए तो वहीं अखिलेश यादव सिर्फ विकास पर बात करते थे. उनका एक ही नारा था 'काम बोलता है'. बीजेपी ने अगर तब मंदिर-मस्जिद की बात की भी, अखिलेश हमेशा विकास के मुद्दे पर डटे रहे, जनता को नए सपने दिखाते रहे. लेकिन 2022 के चुनाव में बीजेपी के जोरदार प्रचार ने अखिलेश की चुनावी रणनीति को काफी बदल दिया है. ये भी कह सकते हैं कि काफी सीमित कर दिया है.
 

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