परिवार, सत्ता और संपत्ति की तिकड़ी जब ठीक से न बैठे तो विवाद पैदा होना लाजमी है. ऐसा ही लगभग एक दशक से अपना दल के संस्थापक रहे सोनेलाल पटेल के घर होता आ रहा है. उनके न रहने के बाद चला आ रहा विवाद अब एक बार फिर नए रूप में सामने आ गया. उनकी सबसे छोटी बेटी अमन पटेल ने मां की सुरक्षा की गुहार यूपी के डीजीपी से लगा दी और इसके पीछे अपनी सबसे बड़ी बहन पल्लवी पटेल और उनके पति पर शक जाहिर करने वाला बकायदा एक पत्र यूपी के पुलिस महानिदेशक को सौंप दिया.
कृष्णा पटेल की परिवार विवाद पर प्रतिक्रिया
लेकिन स्वर्गीय सोनेलाल पटेल की पत्नी और अपना दल कमेरावादी की अध्यक्ष कृष्णा पटेल आजतक के सामने आई और अपनी छोटी बेटी अमन पटेल को अपने दामाद आशीष पटेल द्वारा बरगलाने का आरोप लगाया और आशीष पटेल को बहरूपिया तक कह डाला. आशीष पटेल केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति हैं और अपना दल (एस) के कार्यकारी अध्यक्ष हैं.
आजतक से खास बातचीत में अपना दल(कमेरावादी) की अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने बताया कि सही मायने में ये विवाद सोनेलाल पटेल जी के साथ हुए हादसे के साथ ही शुरू हो गया. लेकिन धीरे-धीरे विवाद 2012 चुनाव में दिखा. जब विधायक अनुप्रिया पटेल मेरे ही साइन और अथॉरिटी से हुई और 2014 में लोकसभा का चुनाव मेरे ही अथॉरिटी से जीतकर सांसद बनीं. उनके बाद पार्टी को दो भागों में बांट दिया गया.
दामाद पर क्या आरोप लगाए?
मेरे साथ विश्वासघात किया गया और मुझे पता ही नहीं चल सका कि कब ऐसा हो गया. दल को भी कमजोर करने की साजिश की गई. उसके बाद कार्यकर्ताओं के साथ भी अभद्र व्यवहार किया गया. उसके बाद हमारी प्रॉपर्टी और परिवार के साथ दिनो दिन नई घटनाएं होती रहती हैं. अब बंटवारे को लेकर तरह-तरह की बाते और भ्रांति पैदा की जा रही हैं. जबकि सही मायने में संपत्ति मेरे पति और मेरे द्वारा मेहनत से बनाई गई है. उसमें किसी का भी योगदान नहीं है. आज प्रापर्टी के बंटवारे को लेकर मेरे ऊपर तानाशाही की जाती है.
किसके द्वारा तानाशाही करने के सवाल के जवाब में कृष्णा पटेल ने कहा कि इसमें पल्लवी पटेल का नाम लिया जा रहा है. जबकि पल्लवी सोनेलाल पटेल जी के जाने के बाद 2017 तक मेरे साथ रही और 2017 में उसकी शादी हुई और उसने पूरा सहयोग दिया और हिम्मत से मेरे साथ खड़ी भी रही है. उसने बिजनेस, परिवार, पार्टी और मुझे भी संभाला. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति आशीष जी बहुत ज्यादा इंटरफेयर करते हैं और इन्होंने ही षणयंत्र के तहत मेरी छोटी बेटी अमन को भी गुमराह किया है.
अमन पटेल द्वारा मां की सुरक्षा की मांग के सवाल पर कृष्णा पटेल ने बताया कि सुरक्षा की मांग करना तो ठीक है, लेकिन उसके पीछे वजह सही नहीं बताई गई है. क्योंकि मुझे सुरक्षा चाहिए और मैं 2012 से लगातार सुरक्षा की मांग कर रही हूं. मैंने मुख्यमंत्री जी से भी मांग की है. कई टेलर दे चुके हैं. लेकिन सहयोगी दल होने की वजह से या जिस भी वजह से मुझे सहयोग नहीं दिया जा रहा है और अभी तक सुरक्षा नहीं मिली है.
अनुप्रिया के पति को दिखाया आईना
मां और मां की ममता की दुहाई केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और उनके पति की ओर से देने के सवाल के जवाब में खुद कृष्णा पटेल ने बताया कि आशीष का रूप ऊपर का दूसरा और अंदर का दूसरा है. अगर वह मां की ममता देखना चाहते हैं तो 2012 में चुनाव के वक्त चुनाव लड़ा था और 2014 में अनुप्रिया ने चुनाव लड़ा. जब अनुप्रिया विधायक थी तो उनको आगे संसदीय चुनाव क्यों लड़ना था? और अगर लड़ी तो मां को क्यों नहीं लड़ाया? मेरी अथॉरिटी से दोनों चुनाव लड़ने के बाद पार्टी को दो भाग में क्यों कर दिया? आशीष बहरुपिया हैं, उनके ऊपर का और अंदर का रूप अलग है. सही में आशीष ही नहीं चाहते हैं कि परिवार एक हो और परिवार को तोड़ने में उनका ही हाथ है.
संपत्ति को बांटने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी मर्जी के बगैर कोई संपत्ति नहीं बांट सकता है. हर मां-बाप बच्चों को देकर जाते हैं. मैं भी देकर जाऊंगी, लेकिन अपने हिसाब से, लेकिन ये लोग सोचे कि दबाव बना लेंगे तो ऐसा नहीं चलेगा.
''माता जी अपने मन की बात नहीं कह रहीं''
दूसरी ओर, दामाद आशीष ने कहा, 'मुझे दुख इस बात का है कि माताजी अपने मन की बात नहीं कह रहीं. उनके मुंह से पल्लवीजी और उनके पति पंकज निरंजन जी के डाले हुए शब्द निकल रहे हैं. यहां सवाल राजनीति का उठाया गया ही नहीं, बल्कि डॉक्टर सोनेलाल जी के सम्मानित परिवार की अविवाहित पुत्री अमन पटेल के अधिकार का है. पल्लवी जी और पंकज निरंजन जी माताजी पर दबाव बनाकर मेरे खिलाफ और भी कई तरह के झूठे आरोप लगवा सकते हैं'.
उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि इस राजनीतिक लड़ाई में डॉक्टर सोनेलाल जी की अविवाहित पुत्री अमन पटेल के अधिकार नहीं कुचले जाएंगे तथा परिवार में एक अविवाहित पुत्री के अधिकारों की रक्षा होगी. मुझे उम्मीद है कि पल्लवी जी और पंकज निरंजन जी के तमाम दबाव के बावजूद एक दिन मां का दिल पिघलेगा और वह सच्चाई स्वीकार करेंगी. अपनी ही पुत्री अमन पटेल की संपत्ति और प्यार हासिल करने के अधिकार का रक्षा का अपना सामाजिक और मातृत्व का दायित्व निभाएंगी.'