उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने अपने पदाधिकारियों को अजब फरमान दिया है. इसके मुताबिक, किसी भी पदाधिकारी के पास 200 कार्यकर्ता न होने पर उसके प्रियंका गांधी की रैली में आने की मनाही होगी. इतना ही नहीं, सभी पदाधिकारियों से 200 कार्यकर्ताओं की लिस्ट मांगी गई है. कार्यकर्ता कम होने पर उनके मीटिंग में आने पर मनाही होगी.
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा आगामी चुनाव को लेकर उत्तर प्रदेश में काफी सक्रिय हैं. उन्होंने हाल ही में गोरखपुर, मुरादाबाद, अमेठी समेत अन्य जगहों पर रैलियां कीं. आने वाले समय में उनकी और भी रैलियां होनी हैं. लेकिन इन रैलियों से पहले कांग्रेस ने अपने पदाधिकारियों के सामने असमंजस खड़ी कर दी है.
कांग्रेस के नए फरमान के मुताबिक, अगर पदाधिकारियों के पास 200 लोगों की क्षमता नहीं है, तो उन्हें रैली में आने से मना कर दिया गया है. उन्हें साफ तौर से कहा गया है कार्यकर्ताओं के टारगेट को पूरा करें, तभीं रैली में पहुंचें.
दफ्तर बुलाकर मांगी जा रही कार्यकर्ताओं की लिस्ट
कांग्रेस बड़े ही प्रोफेशनल तरीके से पदाधिकारियों से कार्यालय पर बुलाकर बातचीत कर रही है, उनके कार्यकर्ताओं को गिन रही है. यह संख्या 200 से कम होने पर उल्टे पैर वापस कर दे रही है. ऐसे में अब पदाधिकारियों के लिए 200 लोगों की भीड़ जुटाना सबसे बड़ी चुनौती बन गई है.
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी की टीम ने कई संगठन के पदाधिकारियों ने कई लोगो को बुलाकर उनके कार्यकर्ताओं की सूची मांगी. यहां तक यह भी कहा गया कि अगर आपके पास पूरे कार्यकर्ता नहीं है, तो आप रैली में शामिल नहीं हो सकते हैं. ऐसे में पदाधिकारियों के लिए कार्यकर्ता इकट्ठा कर लिस्ट बनाकर कांग्रेस दफ्तर पहुंचना अपने आप में ही बड़ी चुनौती है.