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यूपी चुनाव: चौथे चरण के लिए आज से नामांकन, लखीमपुर, लखनऊ, रायबरेली की सीटों पर आजमाइश

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में 9 जिलों की 60 सीटों पर नामांकन गुरुवार से शुरू हो रहा है और 3 फरवरी तक चलेगा. इसमें तराई बेल्ट की पीलीभीत और लखीमपुर खीरी जिले की सीटें शामिल हैं तो अवध के लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, रायबरेली, उन्नाव जिले की भी सीटें हैं.

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सीएम योगी आदित्यनाथ, अनुप्रिया पटेल, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव
सीएम योगी आदित्यनाथ, अनुप्रिया पटेल, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव
स्टोरी हाइलाइट्स
  • चौथे चरण की 60 सीटों में 51 पर बीजेपी का कब्जा
  • लखीमपुर खीरी के किसानों का मुद्दा रहेगा इस चरण में हावी
  • राजधानी लखनऊ की सीटों पर भी इस चरण में अग्निपरीक्षा

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के लिए गुरुवार से नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो रही है. सूबे के 9 जिलों की 60 सीटों पर 3 फरवरी तक उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल कर सकेंगे और 4 फरवरी को नामांकन पत्रों की जांच की जाएगी. सात फरवरी तक उम्मीदवार अपने नाम वापस ले सकेंगे और चौथे चरण की सभी 60 सीटों पर 23 फरवरी को वोट डाले जाएंगे. 

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9 जिले की 60 सीटें शामिल

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में रुहेलखंड से लेकर तराई बेल्ट, अवध और बुंदेलखंड तक के 9 जिलों की सीटें शामिल है, जिसके चलते यह चरण सियासी तौर पर काफी अहम माना जा रहा है. इस चरण में पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, फतेहपुर और बांदा जिले की कुल 60 सीटें पर चुनाव होंगे. इसमें 16 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं. 

बीजेपी के पास 85 फीसदी सीटें

चौथे चरण की जिन 60 सीटों पर चुनाव में हो रहे हैं, उसमें 90 फीसदी सीटों पर बीजेपी गठबंधन का कब्जा है. 2017 के विधानसभा चुनाव में इन 60 सीटों में से 51 सीटें बीजेपी ने जीती थी जबकि एक सीट उसकी सहयोगी अपना दल (एस) को मिली थी. इस तरह से बीजेपी गठबंधन ने 52 सीटों पर जीत दर्ज की थी. वहीं, सपा को 4 सीटें मिली थी तो कांग्रेस को 2 और बसपा को 2 सीटों पर जीत मिली थी. हालांकि, कांग्रेस से जीते दोनों विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है और बसपा से जीते दो विधायकों में एक बीजेपी में शामिल हो गए हैं. 

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सपा-बसपा-कांग्रेस का नहीं खुला खाता
 
यूपी के चुनाव के चौथे चरण 9 जिलों में से चार जिलों में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया था और विपक्ष को एक भी सीट नहीं मिली थी. पीलीभीत की चार सीटों में से चारों सीटें बीजेपी ने जीती, लखीमपुर खीरी की सभी आठों सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. बांदा जिले की कुल 6 सीटें है, जिनमें से चौथे चरण में चार सीटों पर चुनाव हो रहे हैं और इन चारों सीटें बीजेपी के पास है. फतेहपुर में कुल 6 सीटें है, जिनमें से 5 बीजेपी और एक अपना दल (एस) को मिली थी. 

अवध क्षेत्र की हरदोई जिले की 8 सीटों में से 7 बीजेपी और एक सपा को मिली थी. सीतापुर जिले में 9 सीट में से 7 बीजेपी एक बसपा और एक सपा को मिली थी. राजधानी लखनऊ जिले में कुल 9 सीटों में से 8 बीजेपी और एक सपा के पास है. ऐसे ही उन्नाव जिले की 6 सीट में से 5 बीजेपी और एक बसपा ने जीती थी. वहीं, गांधी परिवार के गढ़ माने जाने वाले रायबरेली में कुल 6 सीटें है, जिनमें से 3 बीजेपी, 2 कांग्रेस और एक सपा को मिली थी.

लखीमपुर खीरी हिंसा का मुद्दा रहेगा हावी

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चौथे चरण में तराई इलाके की की सीटें भी शामिल हैं, जहां लखीमपुर खीरी में केंद्रीय मंत्री टेनी मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर किसानों को रौंदने के आरोप लगाए हैं. इस घटना को लेकर अभी भी सियासत गर्म है. विपक्ष न सिर्फ बीजेपी की सरकार पर आशीष मिश्रा को बचाने के आरोप लगा रहा है, बल्कि वो बीजेपी को किसान विरोधी भी बता रहा है. ऐसे में अगर विपक्ष अपने इन दावों से किसानों के बीच सेंध लगाने में कामयाब रहा तो तराई के इलाकों की सीटों के समीकरण को प्रभावित कर सकते हैं. 

बीजेपी ने 2017 के विधानसभा चुनाव में लखीमपुर खीरी और उसके पड़ोसी जिलों में पीलीभीत, हरदोई, सीतापुर में दमदार प्रदर्शन किया. पीलीभीत में कुल 4 विधानसभा क्षेत्र हैं, यहां 2017 में बीजेपी को सभी सीटों पर जीत मिली थी. हरदोई में 2017 के चुनाव में बीजेपी ने यहां की 8 में 7 विधानसभा सीटों पर कब्जा जमाया था. सीतापुर में यूपी के पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जिले की 9 में से 7 सीटों पर जीत दर्ज की थी. ऐसे में साफ है कि बीजेपी को अगर लखीमपुर खीरी हिंसा मामले से सियासी नुकसान हुआ तो उसके पास खोने के लिए बहुत कुछ होगा.

चौथे चरण की 60 सीटें पर चुनाव
पीलीभीत, बरखेड़ा, पूरनपुर (सुरक्षित), बीसलपुर, पलिया, निघासन, गोला गोकरननाथ, श्रीनगर (सुरक्षित), धौरहरा, लखीमपुर, कस्ता (सुरक्षित), मोहम्मदी, महोली, सीतापुर, हरगांव (सुरक्षित), लहरपुर, बिसवां, सेवता, महमूदाबाद, सिधौली (सुरक्षित), मिश्रिख (सुरक्षित), सवायजपुर, शाहाबाद, हरदोई, गोपामऊ (सुरक्षित), सांडी (सुरक्षित), बिलग्राम-मल्लांवा, बालामऊ (सुरक्षित), संडीला, बांगरमऊ, सफीपुर (सुरक्षित), मोहान (सुरक्षित), उन्नाव, भगवंतनगर, पुरवा, मलिहाबाद (सुरक्षित), बक्शी का तालाब, सरोजनीनगर, लखनऊ पश्चिम, लखनऊ उत्तर, लखनऊ पूर्व, लखनऊ मध्य, लखनऊ कैंटोनमेंट, मोहनलालगंज (सुरक्षित), बछरांवा (सुरक्षित), हरचंदपुर, रायबरेली, सरेनी, ऊंचाहार, तिंदवारी, बबेरू, नरैनी (सुरक्षित), बांदा, जहानाबाद, बिंदकी, फतेहपुर, अयाहशाह, हुसैनगंज व खागा (सुरक्षित). 

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