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हिंदू-हिंदुत्व का नारा... महात्मा गांधी का सहारा, यूपी चुनाव में अब राष्ट्रपिता की एंट्री

UP election 2022: यूपी में चुनावी सरगर्मियों के बीच हर दिन नये नारे आ रहे हैं. एजेंडे बदल रहे हैं. चेहरे बदल रहे हैं. हिंदू-हिंदुत्व की बहस छिड़ी हुई है. जिन्ना(Jinnah politics) के बाद अब महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की भी चुनावी बयानबाजी में एंट्री हो गई है. 

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राहुल के बाद अब CM योगी ने लिया महात्मा गांधी का नाम
राहुल के बाद अब CM योगी ने लिया महात्मा गांधी का नाम
स्टोरी हाइलाइट्स
  • राहुल गांधी ने महात्मा गांधी को बताया था हिंदू
  • योगी ने काशी के विकास से जोड़ा गांधी का नाम
  • यूपी चुनाव में गूंज रहा हिंदू-हिंदुत्व का नारा

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच हर दिन नये नारे आ रहे हैं. एजेंडे बदल रहे हैं. चेहरे बदल रहे हैं. हिंदू-हिंदुत्व की बहस छिड़ी हुई है. जिन्ना के बाद अब महात्मा गांधी की भी चुनावी बयानबाजी में एंट्री हो गई है. 

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हालांकि, इसकी शुरुआत की थी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने. लेकिन अब यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी महात्मा गांधी को याद करने लगे हैं. 

राहुल ने महात्मा गांधी को बताया था हिंदू

राहुल गांधी ने जयपुर की महंगाई रैली से हाल ही में एक बड़ी लकीर खींची थी. राहुल ने हिंदू और हिंदुत्ववादी का फर्क बताते हुए बीजेपी को घेरा था. राहुल ने कहा था, '''मैं हिंदू हूं मगर हिंदुत्ववादी नहीं हूं. ये सब हिंदू (लोग) हैं मगर हिंदुत्ववादी नहीं हैं.''

राहुल ने खुद को तो हिंदू बताया ही था, साथ ही ये भी समझाया था कि कौन लोग हिंदू हैं और कौन हिंदुत्ववादी. राहुल ने कहा था, ''महात्मा गांधी हिंदू थे, जबकि गोडसे हिंदुत्ववादी था. हिंदू सत्य को ढूंढता है. उसका रास्ता सत्याग्रह है. पूरी जिंदगी सच को ढूंढने में निकाल देता है. महात्मा गांधी ने आत्मकथा लिखी, माय एक्सपीरियंस विद ट्रूथ,  मतलब पूरी जिंदगी उन्होंने सत्य को समझने के लिए बिता दी और अंत में एक हिंदुत्ववादी ने उनकी छाती में तीन गोली मारी.''

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जो अभी सत्ता में वो हिंदुत्तवादी: राहुल

इस तरह राहुल ने महात्मा गांधी का नाम लेकर हिंदू और हिंदुत्ववादी का फर्क समझाया. साथ ही राहुल ने कह दिया कि  हिंदुत्ववादी अपनी पूरी जिंदगी सत्ता को खोजने में लगा देता और 2014 से जो  पार्टी सत्ता में है, वो हिंदुत्ववादी है.

यानी राहुल ने साफ कहा कि जो लोग गांधी के हत्यारे थे, वो हिंदुत्ववादी थे और आज जो सत्ता में हैं वो भी हिंदुत्ववादी हैं, लिहाजा इन्हें सत्ता से बाहर करना है. इस तरह राहुल ने इस नारे को चुनावी एजेंडा भी बना लिया है. 

अमेठी से भी उठी आवाज

राहुल इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहे हैं. राहुल ने ये नारा भले ही जयपुर की रैली से दिया था, लेकिन उसके बाद कांग्रेस ने इसके सहारे बीजेपी के खिलाफ पूरा कैम्पेन चला दिया. इतना ही नहीं, यूपी चुनाव में भी इसे कांग्रेस हथियार बना रही है. 

राहुल गांधी जब अमेठी की पदयात्रा में शामिल होने पहुंचे तो यहां भी उन्होंने अपना फोकस इसी बात पर कहा. राहुल ने अमेठी की धरती से नारा दिया कि 'जो सच्चाई के लिए लड़े वो हिंदू और जो नफरत फैलाए वो हिंदुत्ववादी' है. 

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योगी के भाषण में महात्मा गांधी 

कांग्रेस और राहुल गांधी के सबसे बड़े हथियार को बीजेपी ने अब कुंद करना भी शुरू कर दिया है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद मोर्चा संभाल लिया है. रविवार (19 दिसंबर) को योगी गोरखपुर में थे, जहां उन्होंने वाराणसी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर प्रोजेक्ट का गुणगाण किया. साथ ही कहा कि काशी की ये खूबसूरती देखकर महात्मा गांधी बहुत खुश होते. 

विकास के सहारे पलटवार

योगी ने कहा, ''1916 में जब महात्मा गांधी काशी आए थे और काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन करने गए थे तो उन्होंने मंदिर के आसपास की तंग गलियों और गंदगी को लेकर टिप्पणी की थी. लेकिन अब पीएम मोदी ने पूरी स्थिति बदल दी है. महात्मा गांधी काशी की ये खूबसूरती देखकर बहुत खुश होते.''

यानी सीएम योगी ने विकास कार्यों के सहारे महात्मा गांधी की खुशी को आगे रखा. जबकि राहुल गांधी गोडसे और गांधी का जिक्र कर हिंदू धर्म को एजेंडे में रख रहे हैं. 

दरअसल, गोडसे के नाम पर अक्सर भाजपा नेताओं या उससे जुड़े लोगों को असहज स्थिति में देखा जाता है. शायद यही वजह है कि राहुल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को हिंदू और गोडसे को हिंदुत्ववादी बताकर बीजेपी के 'धर्म के एजेंडे' को टारगेट करने की कोशिश की है, जिसके जवाब में बीजेपी गांधी के सपनों को विकास कार्यों से पूरा करने की बात आगे रखी रही है. 

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