scorecardresearch
 

यूपी चुनाव: अब खुशी दुबे की मां नहीं उनकी बहन बनेंगी कांग्रेस प्रत्याशी, जानिए कहां फंसा पेंच

कांग्रेस ने अब कल्याणपुर सीट से खुशी दुबे की मां की जगह उनकी बहन को अपना प्रत्याशी बना दिया है. बताया गया है कि गायत्री तिवारी की नामांकन प्रक्रिया में कुछ दिक्कतें आ रही थीं. ऐसे में खुशी की बहन को उम्मीदवार बनाया गया है.

Advertisement
X
अब खुशी दुबे की मां नहीं उनकी बहन बनेंगी कांग्रेस प्रत्याशी
अब खुशी दुबे की मां नहीं उनकी बहन बनेंगी कांग्रेस प्रत्याशी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अमर दुबे की पत्नी हैं खुशी दुबे
  • बिकरु कांड में अमर दुबे की गई थी जान

यूपी चुनाव में कांग्रेस ने ऐलान किया था कि कल्याणपुर विधानसभा सीट से खुशी दुबे की मां गायत्री को उम्मीदवार बनाया जाएगा. लेकिन अब गायत्री तिवारी चुनाव नहीं लड़ पाएंगी. उनकी जगह नेहा दुबे को प्रत्याशी बनाया गया है. नेहा, खुशी दुबे की बहन हैं. वे नामांकन कराने कानपुर कलेक्ट्रेट पहुंच गईं हैं.

Advertisement

बताया जा रहा है कि गायत्री तिवारी का नाम मतदान सूची में नहीं है. उसी वजह से उनकी नामांकन प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती. अब ऐन वक्त पर कांग्रेस ने नेहा दुबे को चुनावी मैदान में उतारने का फैसला ले लिया है. अब जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस ने काफी पहले ही ये आश्वासन दिया था कि उनकी तरफ से खुशी दुबे की मां को कल्याणपुर सीट से उम्मीदवार बनाया जाएगा. कांग्रेस को पूरी उम्मीद थी कि चुनाव में बिकरु कांड को उठा योगी सरकार को भी घेरा जाएगा और वोट भी लिए जाएंगे. 

बिकरु कांड की बात करें तो पुलिस कुख्यात विकास दुबे के खास आदमी अमर दुबे को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया था. उसकी कुछ दिन पहले ही शादी हुई थी. बाद में उसकी पत्नी को भी आरोपी बनाकर जेल भेज दिया गया था. इस कार्रवाई पर खूब बवाल हुआ था और बसपा से लेकर कांग्रेस तक,सभी ने इसका विरोध किया था. बाद में प्रियंका गांधी ने खुशी के परिवार से मुलाकात की थी और उनकी मां को चुनावी मैदान में उतारने का ऐलान किया था. लेकिन अभी के लिए कांग्रेस का वो दांव सफल नहीं हुआ है. पेंच फंस गया है और नेहा दुबे को कल्याणपुर से प्रत्याशी बना दिया गया है.

Advertisement

कल्याणपुर विधानसभा सीट के सामाजिक समीकरणों की बात करें तो यहां हर जाति-वर्ग के लोग रहते हैं. कल्याणपुर विधानसभा सीट की गिनती उन सीटों में होती है जहां अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की तादाद अधिक है. इस विधानसभा क्षेत्र में सामान्य वर्ग के साथ ही दलित मतदाता भी सीट का चुनाव परिणाम निर्धारित करने में निर्णायक भूमिका निभाते हैं.

 

 

Advertisement
Advertisement