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UP: दस्यु सरगना ददुआ के बेटे वीर सिंह ने समाजवादी पार्टी का टिकट लौटाया, चुनाव लड़ने से इनकार

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने डकैत ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल को चित्रकूट के मानिकपुर सीट से प्रत्याशी बनाया था. बुंदेलखंड के इलाके में एक समय ददुआ की सियासी तूती बोलती थी. इस इलाके में प्रधान से लेकर विधायक और सांसद तक बिना ददुआ के मर्जी के नहीं बन पाते थे.

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स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2012 में विधायक रह चुके हैं वीर सिंह
  • 2017 में भाजपा प्रत्याशी से मिली थी हार

समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी दस्यु सम्राट ददुआ के पुत्र वीर सिंह ने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. वीर सिंह को समाजवादी पार्टी ने चित्रकूट जिले के मानिकपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था. शुक्रवार को वीर सिंह पटेल ने लखनऊ सपा कार्यालय जाकर चुनाव लड़ने से साफ मना कर दिया.

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वीर सिंह पटेल ने टेलीफोन पर बताया कि उन्होंने चित्रकूट सदर विधानसभा सीट से आवेदन किया था लेकिन पार्टी ने उन्हें मानिकपुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है. उनकी तैयारी चित्रकूट विधानसभा सीट को लेकर थी. मानिकपुर विधानसभा सीट में संगठन भी मजबूत नहीं है. वह पार्टी के साथ हैं, पार्टी जिसे भी टिकट देगी, वे उसका पूरा साथ देंगे. लेकिन वह खुद मानिकपुर विधानसभा सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे.

ददुआ को मरे हुए 14 साल गुजर गए हैं, लेकिन चित्रकूट और बांदा इलाके में आज भी उसके नाम पर सियासत खत्म नहीं हो सकी. ददुआ भले ही डकैत रहा हो, लेकिन बुंदेलखंड के कुर्मी समाज में उसकी छवि का असर था. इसी समीकरण को देखते हुए समाजवादी पार्टी ने ददुआ के बेटे वीर सिंह पटेल को मानिकपुर विधानसभा सीट से टिकट दिया था.

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2012 में विधायक चुने गए थे वीर सिंह

वीर सिंह पटेल 2012 के चुनाव में सपा के टिकट पर जीतकर विधायक बने थे, लेकिन 2017 के चुनाव में बीजेपी से मात खा गए थे. वीर सिंह 2012 में चित्रकूट सीट से जीत दर्ज की थी, लेकिन सपा ने इस बार उन्हें मानिकपुर से टिकट दिया था. मानिकपुर सीट पर पांचवें चरण के 27 फरवरी को मतदान होना है.

बता दें कि वीर सिंह की पत्नी ममता पटेल जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं. वीर सिंह 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के प्रत्याशी चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय के हाथों हार गए थे.

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