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UP चुनाव: बीजेपी की तरफ से ओमप्रकाश राजभर को मनाने की कोशिश जारी, क्या हैं मायने?

ओम प्रकाश राजभर का यूपी की राजनीति में बड़ा रोल है. अभी उनका गठबंधन जरूर सपा के साथ है, लेकिन बीजेपी इसे बदलना चाहती है. इसी वजह से बीजेपी के उपाध्यक्ष और जॉइनिंग कमेटी के सदस्य दयाशंकर सिंह लगातार उनसे मुलाकात कर रहे हैं.

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ओपी राजभर
ओपी राजभर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • यूपी के पूर्वांचल में 18-20 फीसदी राजभर वोट पर पकड़
  • 2017 का प्रदर्शन दोहराने के लिए राजभर का साथ जरूरी

बीजेपी नेता और जॉइनिंग कमेटी के सदस्य दयाशंकर सिंह ने एक बार फिर ओमप्रकाश राजभर से शनिवार को मुलाकात की. बंद कमरे में दोनों नेताओं की मुलाकात तकरीबन 3 घंटे तक चली.

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सूत्रों के मुताबिक बीजेपी चाहती है कि ओमप्रकाश राजभर उसके खेमे में वापस आ जाएं और यही वजह है कि दया शकर सिंह बार-बार ओमप्रकाश राजभर के घर जा रहे हैं. पिछले 1 महीने में यह दयाशंकर सिंह की तीसरी मुलाकात है.

हालांकि ये मुलाकात सार्वजनिक हुई तो ओमप्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर ने कहा कि दयाशंकर सिंह अपने लिए गठबंधन सीट पक्की करने आए थे और वह चाहते हैं कि सुभासपा यानी राजभर की पार्टी से वह चुनाव लड़ें लेकिन बीजेपी सूत्रों की माने तो बीजेपी चाहती है ओमप्रकाश राजभर को किसी तरह से वापस अपने खेमे में लाया जाए. ओमप्रकाश राजभर बार-बार बीजेपी को यह एहसास दिला रहे हैं कि उन्हें अखिलेश यादव दो दर्जन से ज्यादा सीटें दे रहे हैं. उनकी पार्टी बड़ी पार्टी होने वाली है 

बीजेपी इस कोशिश में है कि वह अगर ओमप्रकाश राजभर को तोड़ने में सफल हुई तो वह समाजवादी पार्टी के गठबंधन को बड़ा मनोवैज्ञानिक झटका दे सकती है और पूर्वांचल में यह बीजेपी के लिए एक बड़ा morale booster हो सकता है. बहरहाल ओमप्रकाश राजभर कई बार यह कह चुके हैं कि बीजेपी में जाने का सवाल ही नहीं है और जिन्हें डूबना है वह बीजेपी में जाए वह जब तक बीजेपी को सत्ता से बाहर नहीं करेंगे, चैन से नहीं बैठेंगे, अभी 2 दिन पहले ही समाजवादी पार्टी दफ्तर में अखिलेश यादव के बगल में बैठ कर ओमप्रकाश राजभर ने कहा था कि वह भावी मुख्यमंत्री के बगल में बैठे हैं और जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री बन जाएंगे तो भी बगल में ऐसे ही बैठेंगे.

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हालांकि राजनीति में जो दिखता है वह होता नहीं है. दयाशंकर सिंह का बार-बार ओमप्रकाश राजभर के घर जाना और बीजेपी गठबंधन में घर वापसी के लिए मनाना, इसे हल्के फुल्के तौर पर नहीं लिया जा सकता. कहीं न कहीं बीजेपी का नेतृत्व चाहता है कि ओमप्रकाश राजभर को बीजेपी गठबंधन में वापस लाया जाए और उसकी वजह भी साफ है. ओमप्रकाश राजभर ने अपने बयानों से और अपने कैंपेन से पूर्वांचल में बीजेपी के नाक में दम कर रखा है. खासकर वह बीजेपी को सवर्ण और ठाकुरों की पार्टी ब्रांड करने में तुले हैं जो बीजेपी को सबसे ज्यादा अखर रहा है. बीजेपी को लगता है कि अगर पूर्वांचल में उसे 2017 वाला प्रदर्शन दोहराना है तो ओमप्रकाश राजभर जरूरी हैं और यही वजह है कि दयाशंकर सिंह ओमप्रकाश राजभर के घर बार बार देखे जा रहे हैं

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