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Rampur जिला: नवाबों के इस गढ़ में आजम खान और उनके परिवार का रहा है दबदबा

यह एक मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है, यहां पर वर्तमान समय में एक लोकसभा सीट है जिनमें आजम खान यहां से लोकसभा सांसद हैं. पांच विधायक हैं, जिममें से शहर विधानसभा सीट से आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा वर्तमान विधायक हैं, बिलासपुर विधानसभा सीट से बलदेव सिंह औलख विधायक एवं योगी सरकार में राज्य मंत्री हैं.

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रामपुर पर आजम खान की मजबूत पकड़
रामपुर पर आजम खान की मजबूत पकड़
स्टोरी हाइलाइट्स
  • रामपुर जिला का क्या है समीकरण
  • नवाबों का गढ़, मुस्लिम बाहुल्य इलाका
  • आजम खान की मजबूत पकड़, कितने बदले समीकरण

रामपुर अंग्रेजी शासन के दौरान देश की मशहूर रियासतों में से एक था. इस शहर को यहां के पहले नवाब फैज उल्ला खान ने सितंबर 1774 ईस्वी में बसाया था. इससे पहले यहां कठेर नाम का जंगल हुआ करता था और राजा राम सिंह जोकि कठेरिया राजपूत थे वह कुछ लोगों के साथ जंगल में एक छोटे से हिस्से में निवास किया करते थे. जब नवाब फैज उल्ला खान रामपुर आए तो दोनों में शिष्टाचार मुलाकात हुई और समझौता हुआ जिसके बाद इसको रामपुर स्टेट के नाम से जाना जाने लगा . 

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नवाब फैज उल्ला खान अपनी इस नई रियासत को तरक्की की राह पर ले जाना चाहते थे जिसके चलते उन्होंने 7 अक्टूबर 1774 ईस्वी में यानी अपनी रियासत कायम होने के चंद दिनों के बाद ही मदरसा आलिया की स्थापना की थी. रामपुर स्टेट के जितने भी नवाबों ने यहां पर शासन किया वह सभी धर्मों का सम्मान किया करते थे जिसके प्रतीक चिन्ह रामपुर रजा लाइब्रेरी की भव्य इमारत के चारों कोनों में बनी मीनारों में देखने को मिलता है. नवाबों ने अपने इस रिहायशी इमारत के चारों कोनों पर बनी मीनारों में चारों ही प्रमुख धर्मों के धार्मिक स्थलों के प्रतीक चिन्हों को स्थापित किया है . इसका यही कारण है कि आज तक कभी भी रामपुर में किसी तरह का कोई दंगा या खून खराबा नहीं हुआ है. यहां के लोग आज भी आपसी प्रेम और भाई चारे के साथ एक दूसरे से मिलजुल कर रहते हैं .

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रामपुर की राजनीतिक पृष्ठभूमि

रामपुर की कुल जनसंख्या 27 लाख 87 हजार 45 है जिनमें 14 लाख 65 हजार 678 पुरुष एवं 13 लाख 21 हजार 365 महिलाएं हैं . इसी तरह कुल मतदाता 16 लाख 48 हजार 513 से अधिक है . यह एक मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है यहां पर वर्तमान समय में एक लोकसभा सीट है जिनमें आजम खान यहां से लोकसभा सांसद हैं, पांच विधायक हैं जिममें से शहर विधानसभा सीट से आजम खान की पत्नी तंजीम फातिमा वर्तमान विधायक हैं, बिलासपुर विधानसभा सीट से बलदेव सिंह औलख विधायक एवं योगी सरकार में राज्य मंत्री हैं, शाहबाद सुरक्षित विधानसभा सीट से राजबाला विधायक हैं, चमरव्वा विधानसभा सीट से नसीर अहमद खान विधायक हैं तथा स्वार- टांडा विधानसभा सीट से अब्दुल्लाह आजम खान की विधायकी निरस्त हो चुकी है. एक एमएलसी घनश्याम सिंह लोधी हैं.

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आजादी के बाद रामपुर के पहले सांसद मौलाना अबुल कलाम आजाद (कांग्रेस) जोकि नेहरू सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे उनके बाद अधिकतर सांसद नवाबी घर आने से ताल्लुक रखते थे जिनमें नवाब मुर्तजा अली खान (कांग्रेस), नवाब जुल्फिकार अली खान उर्फ मिक्की मियां(कांग्रेस), डॉ राजेंद्र प्रसाद शर्मा (जनसंघ एवं भाजपा), बेगम नूर बानो (कांग्रेस) मुख्तार अब्बास नकवी (भाजपा),  जयाप्रदा (सपा), डॉक्टर नेपाल सिंह (भाजपा) और वर्तमान सांसद आजम खान(सपा) है.

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2017 का जनादेश

रामपुर जिले में 2017 में समाजवादी बनाम बीजेपी का मुकाबला था. सपा ने तो अपने कद्दावर नेता आजम खान को मैदान में उतारा था, वहीं बीजेपी की तरफ से शिव बहादु सक्सेना चुनाव लड़ रहे थे. लेकिन उस चुनाव आजम खान ने एक आसान जीत दर्ज की थी. उस चुनाव उन्हें कुल 102100 वोट पड़े थे, वहीं बीजेपी उम्मीदवार को मात्र 55258 वोट ही मिले. इसके अलावा तीसरे नंबर पर बसपा उम्मीदवार तनवीर अहमद खान रहे.

रामपुर के प्रसिद्ध नवाब....

रामपुर के प्रसिद्ध नवाबों में नवाब फैज उल्ला खान, नवाब मोहम्मद अली खान, नवाब कल्बे अली खान, नवाब हामिद अली खान, नवाब रजा अली खान आदि ने अपने-अपने रियासती दौर में शिक्षा, इतिहास, रोजगार, संगीत कला और इमारतों आदि के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है .

रामपुर के ऐतिहासिक स्थल......

रामपुर के ऐतिहासिक स्थलों में रजा लाइब्रेरी, गांधी समाधि, नवाब रेलवे स्टेशन, हामिद इंटर कॉलेज, रजा डिग्री कॉलेज, जिला जेल, लखीबाग कोठी, बेनजीर कोठी, बिलासपुर का भाखड़ा बांध, ओरिएंटल कॉलेज, जिला कलेक्ट्रेट आदि प्रसिद्ध हैं.

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रामपुर के नवीन स्थल.....

रामपुर के नवीन स्थलों में जौहर यूनिवर्सिटी, आर्यभट्ट नक्षत्र शाला, पक्षी विहार, जोहर शोध संस्थान, जिला अस्पताल, प्रमुख गेट आदि प्रसिद्ध हैं .

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रामपुर के रोजगार.....

रामपुर में किसी जमाने में इतने रोजगार हुआ करते थे कि इसका नाम पूरे उत्तर प्रदेश में कानपुर के बाद आता था लेकिन मौजूदा वक्त में रामपुर रोजगार के मामले में पूरी तरह से पिछड़ चुका है. अब यहां पर कुछ परंपरागत रोजगार भी थोड़े बहुत बचे हैं जिनमें आधा दर्जन से कम चाकू के कारखाने, टोपी बनाना, जरी-जरदोजी, बीड़ी बनाने , वायलिन, ई-रिक्शा चलाने आदि के काम अपनी जिंदगी गुजर बसर करने के लिए किए जाते हैं .

रामपुर का खानपान....

रामपुर आबादी के लिहाज से मुस्लिम बाहुल्य जनपद है इसलिए यहां का दिल्ली लखनऊ और हैदराबाद की तरह ही दस्तरखान मशहूर है. यहां के लोग बिरयानी, कबाब, कोरमा शाही टोस्ट, दलीम खाना पसंद करते हैं. वही यहां का हब्शी हलवा सोहन और रबड़ी दूर-दूर तक प्रसिद्ध है .


रामपुर की प्रसिद्ध शख्सियते......

ब्रिटिश शासन काल में रामपुर रियासत की बागडोर नवाबों के हाथ में थी तो अंग्रेजी हुकूमत के चूले हिलाने वाली शख्सियतों में खिलाफत आंदोलन की शुरुआत करने वाली वीरांगना बी अम्मा और उनके दोनों जांबाज बेटे मौलाना मोहम्मद अली जौहर व मौलाना शौकत अली के योगदान को कभी भी नहीं भुलाया जा सकता है. मौलाना मोहम्मद अली जौहर एक ऐसी शख्सियत थे जो कांग्रेस के अध्यक्ष रहे और उस दौर में गांधीजी राष्ट्रीय महासचिव की भूमिका में रहे. गांधीजी कई मर्तबा मौलाना मोहम्मद अली जौहर के रामपुर स्थित निवास स्थान पर मिलने आते रहे . अंग्रेजों के खिलाफ आजादी का बिगुल फूंकने पर मौलाना मोहम्मद अली जौहर को किले में बने एक स्थान पर नजर बंद करने के वाक्य और ब्रिटेन में गोलमेज कांफ्रेंस के दौरान आजादी को लेकर दिए गए अंतिम भाषण को भी हमेशा याद रखा जाएगा .

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रामपुर के कारखाने एवं फैक्ट्रियां

रेडिको खेतान लिमिटेड फैक्ट्री, व्हील इंडिया प्राइवेट लिमिटेड फैक्ट्री, त्रिवेणी शुगर फैक्ट्री, राणा शुगर फैक्ट्री, रूद्र बिलासपुर चीनी मिल, फेयर फूड फैक्ट्री, किटप्लाई बुड फैक्ट्री, रजा शुगर मिल, रजा टैक्सटाइल मिल, हंसा साइकिल फैक्ट्री, जौली इलेक्ट्रॉनिक फैक्ट्री, बिजली बनाने का कारखाना, दाल मिल, बुलंद शुगर फैक्ट्री, खेतान खाद फैक्ट्री व राजकीय मुद्रणालय आदि हैं .

6 तहसील- तहसील सदर, तहसील बिलासपुर, तहसील स्वार, तहसील टांडा, तहसील शाहाबाद व तहसील मिलक हैं .

6 विकास खंड- स्वार, बिलासपुर, मिलक, शाहाबाद, सैदनगर व चमरव्वा है .  

रामपुर के 17 थाने- शहर कोतवाली, गंज कोतवाली, सिविल लाइंस कोतवाली, बिलासपुर कोतवाली, मिलक कोतवाली, शाहबाद कोतवाली, स्वार कोतवाली, अजीमनगर थाना, खजुरिया थाना, टांडा थाना, मिलकखानम थाना, कैमरी थाना, शहजादनगर थाना, सैफ़नी थाना, पटवाई थाना, भोट थाना व महिला थाना है .

रामपुर के प्रसिद्ध कॉलेज- राजकीय ओरिएंटल कॉलेज, राजकीय रजा पीजी कॉलेज, राजकीय महिला पीजी कॉलेज, राजकीय शारीरिक प्रशिक्षण महाविद्यालय, राजकीय रजा इंटर कॉलेज, राजकीय बाकर इंटर कॉलेज, राजकीय जुल्फिकार इंटर कॉलेज, राजकीय हामिद इंटर कॉलेज, राजकीय खुर्शीद इंटर कॉलेज, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज, राजकीय कमरलका विद्यालय आदि हैं .

रामपुर के प्रसिद्ध पार्क- अंबेडकर पार्क, मौलाना अबुल कलाम आजाद पार्क, अटल पार्क आदि हैं .

रामपुर के जवान जिन्होंने सेना में अपनी सेवाएं दी हैं- मेजर अब्दुल राफे खान, मेजर खा़बर सईद, कर्नल यूनुस खान, सरदार बलजीत सिंह आदि ने अपने प्राणों का बलिदान देते हुए जनपद का नाम रोशन किया है . इसी तरह रिटायर्ड कर्नल जमीर खान, रिटायर्ड पोस्टमास्टर जनरल आई.एम.जी खान, रिटायर्ड डीजीपी सईद अहमद खान आदि ने भी अपने अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने के बाद रामपुर का नाम रोशन किया है .

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रामपुर के धार्मिक स्थल- जामा मस्जिद, मोती मस्जिद, चरख वाली मस्जिद, भमरव्वा मंदिर, राठौड़ा मंदिर, पंजाब नगर शिव मंदिर, हरियाल मंदिर, बिलासपुर गुरुद्वारा, सिविल लाइंस, गुरुद्वारा जैन मंदिर, सिविल लाइंस चर्च, सेंट जोसेफ चर्च, दरगाह हाफिज साहब, दरगाह शाह बगदादी साहब, दरगाह शाह विलायत साहब, दरगाह मौलवी साहब, दरगाह मासूम मियां, दरगाह भैसोड़ी शरीफ, दरगाह सैफनी शरीफ, दरगाह खुरमा वाली, दरगाह नन्हे मियां भोले मियां, गांधी समाधि व बाबा की समाधि आदि हैं .


रामपुर को अपनी कर्मभूमि बताने वाले प्रसिद्ध नेता

देश में आजादी के बाद संविधान के हिसाब से लोकतंत्र का मजबूत ताना-बाना बुना गया और चुनाव शुरू हुए इसी प्रक्रिया के तहत रामपुर लोकसभा सीट से मौलाना अबुल कलाम आजाद चुने गए जो रामपुर को अपनी कर्मभूमि मानते रहे. वहीं आब्दी इलाहाबादी भी यहीं बस गए थे और उन्होंने उर्दू का एक अखबार कौमी जंग के नाम से निकाला . कुछ इसी तरह राजेंद्र प्रसाद शर्मा यहां से सांसद चुने गए और उन्होंने भी इसे अपनी कर्मभूमि माना है. इसी तरह केंद्रीय मंत्री एवं राज्यसभा में उप नेता मुख्तार अब्बास नकवी भी रामपुर को अपनी कर्मभूमि बताते हैं. इसी क्रम में पूर्व सांसद डॉक्टर नेपाल सिंह एवं पूर्व सांसद व अभिनेत्री से नेत्री बनी जयाप्रदा नाहटा भी यहां की सर जमीन को अपनी कर्मभूमि मानती हैं . केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी तो यहां की स्थानीय राजनीति में सक्रिय भूमिका अदा करते हुए अनेक मंचों और चुनावों के मौके पर मौजूदगी दर्ज कराते हुए दिखाई देते हैं .

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रामपुर विधानसभा क्षेत्र- नवाब मुर्तजा अली खान, असलम खान, मोअज्जम खान, फजले हक खान, किश्वर आरा, मंजूर अली खान उर्फ शन्नू खान, आजम खान, अफरोज अली खान व वर्तमान विधायक डॉ तंजीम फातिमा है .

बिलासपुर विधानसभा क्षेत्र- सरदार चंचल सिंह, सरदार दलजीत सिंह, मंजूर अली खान उर्फ शन्नू खान, ज्ञानी हरेंद्र सिंह, अनिल भारद्वाज, ज्वाला प्रसाद गंगवार, नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां, बीना भारद्वाज, संजय कपूर व वर्तमान विधायक एवं राज्यमंत्री सरदार बलदेव सिंह औलख है .

स्वार-टांडा विधानसभा क्षेत्र- नवाब मुर्तजा अली खान, चौधरी बलबीर सिंह, मकबूल अहमद, शिव बहादुर सक्सेना, नवाब काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां, अब्दुल्लाह आजम खान है .

शाहबाद (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र- नेपाल सिंह, बंशीधर, जगन सिंह, स्वामी परमानंद दंडी, काशी राम दिवाकर, विजय सिंह व वर्तमान विधायक राजबाला है .

चमरव्वा विधानसभा क्षेत्र- यह विधानसभा सीट नए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई जिसके पहले विधायक अली युसूफ अली व वर्तमान विधायक नसीर अहमद खान है .

रामपुर भौगोलिक स्थिति- रामपुर पहाड़ों के निकट होने के चलते तराई क्षेत्र कहलाता है. यहां पर 2 नेशनल हाईवे 87 व 24 हैं. यहां की प्रमुख नदियों में रामगंगा, कोसी, पीलाखार, भाखड़ा व बेगुल है, वहीं यहां पर 2 वन्य क्षेत्र डांडिया एवं पीपली हैं यहां पर खैर यूकेलिप्टस अर्जुन सागौन बबूल आदि के वृक्ष पाए जाते हैं .

रामपुर के सीमावर्ती प्रदेश व जनपद- रामपुर जनपद की सीमा से जहां उत्तराखंड का जनपद उधम सिंह नगर की सीमा लगती है तो वहीं उसी तरह बरेली, बदायूं, संभल, मुरादाबाद व नैनीताल जनपदों से रामपुर सीमाएं लगती हैं 

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