यूपी चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका देते हुए आरपीएन सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. पार्टी ज्वाइन करते ही कह गए हैं कि देर आए, दुरुस्त आए. लेकिन कांग्रेस के तमाम नेता अब आरपीएन सिंह को 'डरपोक' करार दे रहे हैं. कोई टाइमिंग पर सवाल उठा रहा है तो कोई उनकी नियत में भी खोट निकाल रहा है. अब यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने आरपीएन सिंह पर तंज कसा है.
उनके मुताबिक जिन लोगों को ईडी-सीबीआई का डर रहा है, वे कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो रहे हैं. वे कहते हैं कि जिसको ईडी सीबीआई का डर होगा वो चला जाएगा, किसी के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. जिसको लड़ना होगा वो लड़ेगा. उनके जाने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा. वैसे आरपीएन सिंह के जाने से कांग्रेस का यूपी में जिला कार्यलय भी बंद हो जाएगा. लंबे समय तक कांग्रेस का जिला कार्यालय आरपीएन सिंह के घर पर ही रहा था. लेकिन अब उनके जाने के बाद कोई दूसरी जगह तलाशनी पड़ेगी. अजय कुमार लल्लू कहते हैं कि कही भी कार्यलय खोला जा सकता है, ये कोई बड़ी बात नहीं है.
अब चुनावी मौसम में आरपीएन सिंह का बीजेपी में आना मायने रखता है. खुद पार्टी उन्हें पडरौना सीट से चुनाव लड़वा सकती है. ऐसी खबरें हैं कि आरपीएन सिंह, सपा के स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ दावेदारी ठोक सकते हैं. पुष्टि तो नहीं हुई है, लेकिन पार्टी में लाने की वजह यही मानी जा रही है. जिस क्षेत्र में स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी लोकप्रियता कायम रखी है, वहां पर आरपीएन सिंह ने भी अपना वर्चस्प बनाया है. 2009 के लोकसभा चुनाव में तो उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य को पराजित भी कर दिया था. ऐसे में दोनों के बीच हमेशा से कड़ा मुकाबला रहा है.
स्वामी के जाने के बाद बीजेपी आरपीएन सिंह को 'भरपाई' के तौर पर देख रही है. उन्हें पूरी उम्मीद है कि आरपीएन के साथ उनके जाति के वोट भी उनको मिल जाएंगे. लेकिन खुद स्वामी प्रसाद मौर्य कह रहे हैं कि आरपीएन सिंह की हार तय है और सपा का कोई प्रत्याशी उन्हें पडरौना सीट से हरा देगा.