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UP Phase 2 Election 2022: दूसरे चरण में योगी सरकार के आधा दर्जन मंत्रियों की अग्निपरीक्षा, आजम खान की सीट पर सबकी निगाह

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की 55 सीटों पर वोटिंग हुई. इस चरण में योगी सरकार के आधा दर्जन मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. तो जेल में रहते हुए आजम खान की भी अग्निपरीक्षा है. आजम खान के साथ-साथ उनके बेटे को भी नवाब परिवार से दो-दो हाथ करना पड़ा रहा है.

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आजम खान और नवाब काजिम अली
आजम खान और नवाब काजिम अली
स्टोरी हाइलाइट्स
  • आजम खान जेल में रहते हुए रामपुर सीट से उतरे
  • शाहजहांपुर सीट पर सुरेश खन्ना बचा पाएंगे ताज
  • मुस्लिम बहुल देवबंद सीट पर 3 ठाकुर नेताओं की लड़ाई

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के चुनाव में नौ जिले की 55 सीटों पर वोटिंग हुई. दूसरे चरण की 55 सीटों के लिए 586 प्रत्याशी मैदान में है, जिनमें योगी सरकार के आधा दर्जन मंत्रियों और कई हाईप्रोफाइल नेताओं की साख दांव पर लगी है. रामपुर सीट से सपा के दिग्गज नेता आजम खान चुनावी मैदान में है तो शाहजहांपुर सीट से लगातार जीत रहे सुरेश खन्ना की प्रतिष्ठा लगी है.  

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रामपुर में आजम बनाम नवाब

रामपुर विधानसभा सीट पर सभी की निगाहें लगी हुई है. सपा के दिग्गज नेता और जेल में बंद आजम खान रामपुर सीट पर एक बार फिर से चुनावी मैदान में है, जिनके खिलाफ रामपुर के नवाब काजिम अली ताल ठोक रहे हैं. बीजेपी से आकाश सक्‍सेना और बसपा से सदाकत हुसैन उम्मीदवार हैं. रामपुर सीट पर अस्सी के दशक से आजम खान का कब्जा है और वो 9 बार यहां से विधायक बन चुके हैं. इस बार जेल में रहते हुए चुनावी मैदान में उतरे हैं. ऐसे में देखना है कि रामपुर सीट पर इस बार क्या नतीजे रहते हैं? 

स्वार टांडा में अब्दुल्ला बनाम हैदर अली

स्वार टांडा विधानसभा सीट पर आजम खान के बेटे अब्‍दुल्ला आजम खान एक फिर से सपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं, जिनके खिलाफ बीजेपी की सहयोगी अपना दल (एस) से नवाब काजिम अली खान के बेटे हैदर अली खान चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, बसपा से शकंरपाल और कांग्रेस ने राम रक्षपाल सिंह उम्मीदवार हैं. 2017 के चुनाव में अब्दुल्ला आजम ने नवाब काजिम अली का मात देकर विधायक बने थे, लेकिन उम्र को छिपाने के मामले में कोर्ट ने उन्हें अयोग्य कर दिया था. इस बार उनकी किस्मत जनता के हाथों दांव पर लगी है. 

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शाहजहांपुर में सुरेश खन्‍ना बनाम तनवीर अली

शाहजहांपुर सीट पर योगी सरकार के मंत्री सुरेश खन्ना चुनावी मैदान में है. सुरेश खन्ना का मुकाबला सपा के तनवीर खान, बसपा के सर्वेस पांडे और कांग्रेस की पूनम पांडे से हैं. शाहजहांपुर व‍िधानसभा सीट पर सुरेश खन्‍ना अपना पहला चुनाव हारे थे और उसके बाद से जो जीत का सिलसिला शुरू हुआ है तो लगातार जारी है. 1989 से लगातार सुरेश खन्ना 8 बार से एक ही सीट और एक ही पार्टी से जीत दर्ज किए हैं और 9वीं बार विधायक बनने के लिए चुनावी मैदान में है, लेकिन इस बार चुनौती कड़ी मानी जा रही है. 

नकुड़ सीट पर धर्म सिंह सैनी

दूसरे चरण में सहारनपुर जिले की नकुड़ सीट पर योगी सरकार में मंत्री रहे धर्म सिंह सैनी की साख दांव पर है. धर्म सिंह सैनी बीजेपी छोड़कर सपा के टिकट पर चुनावी मैदान में उतरे हैं, जिनके खिलाफ बीजेपी से मुकेश चौधरी, बसपा से साहिल खान और कांग्रेस के रणधीर सिंह मैदान में है. धर्म सिंह सैनी इस सीट पर लगाता जीत रहे हैं. वो मायावती की सरकार में मंत्री रहे हैं तो 2017 में बीजेपी के टिकट पर जीत दर्ज कर योगी कैबिनेट का हिस्सा बने थे. हालांकि, उन्होंने चुनाव घोषणा के साथ ही पाल बदल कर सपा की साईकिल पर सवार हो गए हैं, 

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चंदौसी में गुलाब देवी बनाम विमलेश

चंदौसी सुरक्षित विधानसभा सीट पर योगी सरकार की मंत्री गुलाब देवी चंदौसी विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. गुलाब देवी के खिलाफ सपा से विमलेश कुमारी, बसपा से रणविजय सिंह और कांग्रेस से मिथिलेश कुमारी हैं. 2017 में गुलाब देवी यहां से विधायक चुनी गई थी और उससे पहले सपा का यहां कब्जा रहा था. इस बार के बदले हुए सियासी समीकरण में इस सीट पर कांटे का मुकाबला है. 

आंवला सीट पर धर्मपाल सिंह आरके शर्मा

बरेली जिले की आंवला विधानसभा सीट पर बीजेपी के ओबीसी नेता धर्मपाल सिंह की साख दांव पर लगी है. धर्मपाल सिंह के खिलाफ बीजेपी के पूर्व विधायक आरके शर्मा सपा के टिकट पर किस्मत आजमा रहे हैं. हालांकि, आरके शर्मा बदायूं जिले की बिल्सी सीट से विधायक थे, लेकिन वो बीजेपी छोड़कर सपा का दामन थाम लिया है. वहीं बसपा ने इस सीट पर लक्ष्मण प्रसाद लोधी को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने ओमवीर यादव को मैदान पर उतारा है. बसपा के लोधी कैंडिडेट के मैदान में उतरने से धर्मपाल सिंह के लिए चुनौती बढ़ गई है. 

बहेड़ी में छत्रपाल बनाम अताउर्रहमान

बरेली जिले की बहेड़ी विधानसभा सीट पर मंत्री बनाम पूर्व मंत्री के बीच लड़ाई है. योगी सरकार में मंत्री छत्रपाल गंगवार एक बार फिर से चुनावी मैदान में उतरे हैं, जिनके खिलाफ सपा से पूर्व मंत्री अताउर्रहमान किस्मत आजमा रहे हैं. दोनों नेताओं के बीच पांचवीं बार चुनाव मुकाबला हो रहा है. इस सीट पर बसपा से आसेराम गंगवार और कांग्रेस से संतोष भारती उम्मीदवार हैं. 

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देवबंद सीट पर तीन ठाकुर की लड़ाई

सहारनपुर जिले की देवबंद सीट पर तीन ठाकुर नेताओं की बीच सियासी संग्राम है. देवबंद विधानसभा सीट पर बीजेपी से मौजूदा विधायक बृजेश सिंह रावत चुनावी मैदान में है तो सपा से कार्तिकेय राणा और बसपा से राजेंद्र सिंह हैं. वहीं, कांग्रेस से राहत खलील हैं. 2017 में दो मुस्लिम नेताओं के चुनावी आमना-सामना होने से बीजेपी के पहली बार जीत मिली थी, पर इस बार तीन ठाकुर नेताओं के बीच सियासी मुकाबला है. 

नजीबाबाद में पूर्व सांसद बनाम विधायक

बिजनौर की हाई प्रोफाइस सीट नजीबाबाद पर सभी की निगाहें है, जहां से बीजेपी ने अपने पूर्व सासंद कुंवर भारतेंदु सिंह को उतार रखा है तो सपा से विधायक तसलीम अहमद फिर से चुनावी मैदान में है. बसपा ने शाहनवाज आलम और कांग्रेस से मो. सलीम अंसारी चुनाव लड़ रहे हैं. तीन मुस्लिम नेताओं के आमने-सामने हैं और अगर मुस्लिम वोट में बिखराव हुआ तो बीजेपी के लिए आसान हो सकती है. 

अमरोहा सपा के महबूब बचा पाएंगे गढ़

अमरोहा विधानसभा सीट पर सपा सरकार में पूर्व मंत्री रहे महबूब अली की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. अमरोहा सीट पर महबूब अली लगातार जीत रहे हैं और एक बार फिर से चुनावी मैदान में उतरे हैं. बीजेपी से राम सिंह सैनी, बसपा से नवीद अयाज और कांग्रेस से सलीम खान मैदान में हैं. ऐसे में तीन मुस्लिम के बीच बीजेपी के रामसिंह सैनी ने मुकाबले को काफी दिलचस्प बना दिया है. 

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