उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में यादव परिवार के चाचा-भतीजा का जिक्र न हो, ऐसा हो नहीं सकता. पहले भतीजे अखिलेश यादव से अलग हुए शिवपाल यादव एक बार फिर समाजवादी पार्टी के टिकट पर जसवंतनगर विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. शिवपाल इन दिनों करहल में भतीजे अखिलेश यादव के लिए वोट मांग रहे हैं. आजतक से खास बातचीत के उन्होंने मनभेद से लेकर मतभेद तक सभी मुद्दों पर चर्चा की.
करहल से एसपी बघेल के चुनाव लड़ने पर वह कहते हैं कि एसपी बघेल तो वैसे भी पहले से मुलायम सिंह यादव के शिष्य रह चुके हैं. नेताजी ही थे जिन्होंने उन्हें एमपी बनाया और इन्हें कई मौके दिए. तब वे समाजवादी पार्टी के नहीं हुए और उसके बाद बसपा में शामिल हुए. बसपा में भी मायावती ने राज्यसभा में भेजा. वहां से छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए. उन्हें दल बदलने की हमेशा से ही आदत रही है, इसलिए जनता इन पर भरोसा नहीं करेगी. उन्होंने कहा कि एसपी बघेल की जमानत नहीं बचेगी, वे बुरी तरह से हारने वाले हैं.
हमारे बीच किसी तरह का मनभेद या मतभेद नहीं: शिवपाल यादव
शिवपाल यादव ने पहले अपनी पार्टी प्रसपा के लिए 100 सीटों की डिमांड की थी. लेकिन अब वे एक सीट पर ही सिमट गए हैं. इस पर शिवपाल यादव कहते हैं कि हम लोगों के बीच आपस में किसी तरह का कोई मतभेद या मनभेद नहीं है. हम लोग दिल से एक हैं. यह केवल महज अफवाहें है और विपक्षी इसे जानबूझकर हवा देने की कोशिश कर रहा है.
जातीय समीकरण पर शिवपाल बोले...
वे कहते हैं कि जातीय समीकरण हमारे लिए मायने नहीं रखता. हमारे लिए सभी वर्ग और जातियां एक समान हैं. हम लोग समाजवादी हैं. जातिवाद पर भरोसा नहीं करते. शिवपाल यादव ने कहा कि चाहे वह करहल यादवों का गढ़ हो या किसी और का हमें केवल और केवल जनता के लिए काम करने से मतलब है. अरे इसीलिए हमने तो यह मान भी लिया है कि उत्तर प्रदेश के 403 सीटों में से 400 सीटें हमारी हैं और अखिलेश यादव ही हमारे मुख्यमंत्री होंगे.
शिवपाल यादव ने कहा कि बीजेपी ने सिर्फ मंदिर और मस्जिद, हिंदू और मुसलमान की बात की, लेकिन उनकी सरकार में उत्तर प्रदेश का विकास नहीं हुआ. यही वजह है कि जनता उनको सबक सिखाएगी.