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UP Elections 2022: अपना दल ने रामपुर की स्वार सीट से दिया हैदर अली खान को टिकट, आजम खान के बेटे के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव

Uttar Pradesh Assembly Elections 2022: हैदर अली खान उस समय चर्चा में आए, जब उन्होंने अपना दल की अनुप्रिया पटेल से मुलाकात की. हालांकि इससे पहले कांग्रेस ने उनको स्वार सीट से ही प्रत्याशी बनाया था लेकिन चुनाव में उतरने से पहले ही उन्होंने अपना दल का दामन थाम लिया.

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हैदर का परिवार पुराना कांग्रेसी माना जाता है.
हैदर का परिवार पुराना कांग्रेसी माना जाता है.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • स्वार सीट से हैदर अली चुनावी किस्मत आजमाएंगे
  • अब्दुल्ला आजम के खिलाफ ठोकेंगे दावेदारी

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) के लिए सियासी दल अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं. सबसे रोचक सीटों में से एक रामपुर की स्वार सीट पर बीजेपी के सहयोगी अपना दल ने रामपुर के नवाब परिवार के हैदर अली खान को प्रत्याशी घोषित कर दिया है. ये घोषणा ऐसे समय में हुई है, जब बीजेपी और सहयोगी दलों अपना दल और निषाद पार्टी से सीट शेयरिंग को लेकर घोषणा का इंतजार है. 

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हैदर अली खान को अपना दल ने आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के मुकाबले खड़ा कर दिया है. इसी सीट से अब्दुल्ला आज़म विधायक रहे हैं जिनकी गलत एफिडेविट की वजह से विधानसभा की सदस्यता खत्म हुई थीं. समाजवादी पार्टी उनको अपना प्रत्याशी बनाने की तैयारी में है.

कौन हैं हैदर अली खान?
हैदर अली खान उस समय चर्चा में आए जब उन्होंने अपना दल की अनुप्रिया पटेल से मुलाकात की. हालांकि इससे पहले कांग्रेस ने उनको स्वार सीट से ही प्रत्याशी बनाया था लेकिन चुनाव में उतरने से पहले ही उन्होंने अपना दल का दामन थाम लिया. कांग्रेस ने 13 जनवरी को अपनी सूची में हैदर अली खान का नाम घोषित किया था. रोचक बात यह है कि उनके पिता नवाब काजिम अली खान कांग्रेस के ही टिकट पर रामपुर की दूसरी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं.

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'लालपुर के पुल को आजम ने तुड़वाया, योगी बनवा रहे हैं'
हैदर अली खान के साथ सबसे बड़ी बात उनके परिवार का राजनीतिक पृष्ठभूमि है. रामपुर के प्रसिद्ध नवाब परिवार का आजम खान से जो अदावत रही है वो भी मायने रखती है. इसलिए आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम से उनकी टक्कर काफी रोचक होगी. यूं तो आजम खान खुद जेल में हैं लेकिन उन्होंने प्रचार करने के लिए जमानत की अर्जी लगाई है और अगर कोर्ट उनको ये मौका देता है तो सियासी बार पलटवार और दिलचस्प होगा और इस क्षेत्र के सियासी तापमान को बढ़ाएगा. 

हैदर अली खान की अगर बात की जाए तो उन्होंने दिल्ली के मॉडर्न स्कूल से पढ़ाई करने के बाद विदेश से भी पढ़ाई की है. पिछले विधानसभा चुनाव में बीएसपी प्रत्याशी अपने पिता काजिम अली खान के इलेक्शन मैनेजमेंट का काम सम्भालने वाले हैदर अली खान अब राजनीतिक सफर की शुरुआत करेंगे. क्षेत्र में उनको लोग हमजा मियां के नाम से जानते हैं. हैदर अली खान ने कहा, 'मेरे परिवार के बनाए लालपुर पुल को सपा सरकार में आजम खान ने पैसे के लिए तुड़वा दिया था. इसमें लगे लोहे और अन्य चीजों को कौड़ियों के भाव बेच दिया. ये पुल रामपुर के ग्रामीण क्षेत्रों को शहर से जोड़ता था. योगी सरकार बनने के बाद मैंने सरकार से कहा तो दोबारा ये पुल बन रहा है.'
 
'मुसलमानों को मिल रहा है हर योजना का फायदा'
विधानसभा चुनाव के लिए एनडीए के प्रत्याशी के रूप में भले अपना दल ने हैदर अली खान का नाम घोषित किया हो पर हैदर अली खान सीएम योगी की कार्य शैली की प्रशंसा करते हैं. उन्होंने कहा, पुल का काम दोबारा शुरू करवाने में मैंने ये अनुभव किया कि यही सरकार लोगों के लिए काम कर सकती है. साथ ही अपना दल ज्वाइन की वजह अनुप्रिया पटेल के काम को भी बताते हैं. जिस तरह से अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल काम कर रही है उससे हैदर अली प्रभावित हैं.

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बीजेपी के लिए भी प्रतिष्ठा का सवाल
भले ही हैदर अली खान को अपना दल ने टिकट दिया हो पर बीजेपी आज़म खान के वर्चस्व वाली इस सीट पर एनडीए के मुस्लिम प्रत्याशी को जितवाकर ये संदेश देना चाहती है कि बीजेपी को सभी वर्गों का समर्थन हासिल है. आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम के चुनाव के समय दिए जाने वाले गलत एफिडेविट की वजह से उनको विधायकी गई थी.

हैदर अली खान के पिता नवाब काजिम अली तीसरे स्थान पर रहे थे. पर गलत जानकारी देने की वजह से बाद में अब्दुल्ला आजम की विधान सभा सदस्यता रद्द हो गयी थी. बाद में वो जेल भी चले गए थे. हाल ही में वह जमानत पर बाहर आए हैं. ऐसे में अखिलेश यादव का साथ उनको मिला है तो वो अपने पिता सीतापुर जेल में बंद आजम खान की बात करते हुए भावुक भी हो रहे. ऐसे में ये सबसे दिलचस्प मुकाबलों में से एक होगा.

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