उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने अपनी जो रणनीति तैयार की है, उसमें वो 'लाभार्थी' मुख्य एजेंडे में हैं, जिन्हें बीजेपी की केंद्र और राज्य सरकार के अब तक के कार्यकाल में अलग-अलग योजनाओं का लाभ मिला है. सूबे में ऐसे लाभार्थियों के दरवाजे तक बीजेपी सरकार के मंत्री, विधायक, सांसद और सभी बड़े पदाधिकारी जाएंगे और उनके माथे पर चंदन व कुमकुम लगाएकर बीजेपी को वोट देने की अपील करेंगे.
यूपी चुनाव के लिए बीजेपी मंगलवार से लाभार्थी संपर्क अभियान शुरू कर रही है. इसके तहत पार्टी नेता उनके घर के दरवाजे तक जाएंगे. इस दौरान पार्टी नेता लाभार्थियों से संवाद करेंगे और उन्हें चंदन, कुमकुम का टीका लगाएंगे. और घरों पर पार्टी का स्टिकर लगा कर उनसे बीजेपी के पक्ष में वोट करने की अपील करेंगे. यही नहीं बीजेपी नेता उन लाभार्थियों के साथ सेल्फी लेंगे. पार्टी ने इस तस्वीरों को सोशल मीडिया पर प्रचारित करने की रणनीति बनाई गई है.
यूपी में 6 करोड़ 50 हजार लाभार्थी
बीजेपी लाभार्थी संपर्क अभियान के माध्यम से यूपी की सभी 403 विधान सभा सीटों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है. सूबे में केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ पाए लाभार्थियों की संख्या 6 करोड़ 50 हजार हैं, जो यूपी के कुल वोटों का 40 फीसदी करीब होता है. यही वजह है कि सरकारी योजनाओं का लाभ पाए इन 6 करोड़ 50 हज़ार लाभार्थियों को अपने पाले में करने की जुगत में बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व मशक्कत कर रहा है.
दरअसल, 2017 के चुनाव में बीजेपी 3 करोड़ 44 लाख 3 हजार 299 वोट हासिल कर 312 विधानसभा सीटें जीतने में सफल रही थी. अब पांच सालों में सरकारी योजनाओं की लाभार्थियों की संख्या बीजेपी को मिले वोट के करीब पहुंच चुकी हैं, जिनमें तमाम समुदाय के लोग हैं. सूबे में बीजेपी की सत्ता में वापसी की सारी उम्मीदें, इन्हीं लाभार्थियों के वोटों पर टिका हुआ है.
मंत्री, सांसद, विधायक देंगे दस्तक
बीजेपी यूपी में अपने सियासी समीकरण दुरुस्त करने के लिए लाभार्थियों के दरवाजे तक अपने मंत्री, विधायक, सांसद और सभी बड़े पदाधिकारियों को मंगलवार से भेजने का अभियान शुरू कर रही है. इस अभियान को लाभार्थी संपर्क अभियान नाम से 4 जनवरी से शुरू किया जाएगा. इस अभियान के तहत भाजपा सरकार के केंद्र और प्रदेश सरकार के मंत्री, सांसद , विधायक और सभी बड़े पदाधिकारी यूपी के सभी लाभार्थियों से मिलेंगे.
यूपी चुनाव से ठक पहले बीजेपी नेता 6 करोड़ 50 हजार लाभार्थियों को प्रदेश और केंद्र सरकार के कामकाज के बारें में बताएंगे. उसके बाद लाभार्थियों के कुमकुम चंदन का टीका और पार्टी का स्टिकर लगाएंगे. बीजेपी की रणनीति है कि लाभार्थियों से व्यक्तिगत मिल के संवाद कर उनको अपने पाले में किया जाए. इस अभियान में बीजेपी के शीर्ष नेता भी घर घर जाएंगे.
लाभार्थी बन सकते हैं गेम चेंजर
2022 के चुनाव में लाभार्थियों को सबसे बड़ा गेम चेंजर माना जा रहा है. बीजेपी की केंद्र की 7 साल की और सूबे की साढे़ पौने पांच साल की सरकार में तमाम योजनाओं का लाभ मिला है. प्रधानमंत्री आवास योजना में 42 लाख लाभार्थी. मिशन रोजगार के तहत प्रदेश सरकार ने अब तक साढ़े चार लाख युवाओं को सरकारी विभागों में नौकरी देने का दावा किया जा रहा है.. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत दो करोड़ 53 लाख 98 हजार किसान, जिन्हें 2 हजार रुपये तीन माह पर उनके खाते में भेजे जा रहे हैं.
अलग अलग योजनाओं के लाखों लाभान्वित
वहीं, प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत दो करोड़ 21 लाख 95 हजार किसान रजिस्टर्ड किए गए हैं, जिनमें से 27,56000 किसानों को 2376 करोड़ की प्रतिपूर्ति भी अब तक दी जा चुकी है. आयुष्मान भारत योजना के तहत एक करोड़ 18 लाख गरीब परिवारों के करीब 6 करोड़ 47 लाख लोगों को जोड़ा गया है. स्वच्छ भारत अभियान के तहत प्रदेश में दो करोड़ 61 लाख शौचालय बनाए गए हैं. सौभाग्य योजना के तहत 1 करोड़ 41 लाख घरों में अभी तक निशुल्क बिजली कनेक्शन दिया गया है.
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 1करोड़ 67 लाख गैस कनेक्शन वितरित किए गए हैं. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत एक करोड़ 39 लाख उद्यमी लाभान्वित हुए हैं. प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत 2 लाख 52 हज़ार 239 किसान लाभान्वित हुए हैं. कौशल भारत योजना के तहत 8 लाख 92 हज़ार युवाओं का प्रशिक्षण हुआ है, जिनमें से चार लाख 10 हजार युवा समायोजित किए गए हैं.
वहीं, प्रधानमंत्री श्रमयोगी मानधन योजना के तहत संगठित क्षेत्रों के श्रमिकों को 3000 रुपये मासिक पेंशन देने के लिए प्रदेश में अब तक 6 लाख 14 हज़ार श्रमिक पंजीकृत किए गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर बीजेपी के तमाम दिग्गज नेता कई बार मंच से यह कह चुके हैं कि हमें इन लाभार्थियों को यह बताना है कि किस तरह से सरकार ने उनकी मदद की है. अब इन्हीं लाभार्थियों के सहारे सत्ता में वापसी का सपना संजोया है.