उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 9 जिलों की 55 सीटों पर सोमवार को वोटिंग होनी है. इन सीटों पर शनिवार को शाम चुनाव प्रचार का शोर थम जाएगा. मुस्लिम बहुल इलाका में चुनाव होने चलते बीजेपी के लिए दूसरा चरण सूबे में सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण माना जा रहा तो है तो सपा-आरएलडी-महान दल गठबंधन का असल इम्तेहान भी इसी फेज में होना है.
प्रमुख पार्टी से 78 मुस्लिम कैंडिडेट
सपा प्रमुख अखिलेश यादव के सत्ता में वापसी का दारोमदार दूसरे चरण के चुनाव पर टिका है, जहां मुस्लिम मतदाता काफी अहम है. मुस्लिम वोटर गठबंधन के पक्ष में अगर एकजुट रहा तो बीजेपी के लिए दूसरे चरण में अपने पुराने नतीजे दोहराना मुश्किल होगी. वहीं, मुस्लिम वोटों के बंटने या बिखरने से बीजेपी की वापसी उम्मीदें टिकी हुआ है. ऐसे में देखना है कि दूसरे चरण में मुस्लिम सोमवाप क्या सियासी रुख अपनाते हैं?
दूसरे चरण में 9 जिलों की 55 सीटों पर कुल 586 उम्मीदवार मैदान में है, जिनमें 78 मुस्लिम उम्मीदवार चार अलग-अलग प्रमुख पार्टियों से चुनाव मैदान में है. इन 55 सीटों पर सपा गठबंधन के 18, बसपा के 23, कांग्रेस के 21 और ओवैसी की पार्टी के 15 मुस्लिम उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. वहीं, बीजेपी ने भले ही किसी भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया, पर उसके सहयोगी अपना दल (एस) स्वार टांडा सीट पर एक मुस्लिम कैंडिडिटे हैं.
2017 में 11 मुस्लिम विधायक जीते
पिछले चुनाव में दूसरे चरण वाली 55 में से 38 सीटें बीजेपी ने जीती थीं जबकि 15 सीटें सपा और 2 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिल थी. बसपा यहां पर एक भी सीट जीत नहीं सकी थी. पिछले चुनाव में इस चरण में सपा और कांग्रेस के जीते 17 विधायकों में से 11 मुस्लिम थे. सपा के 10 और एक कांग्रेस से मुस्लिम विधायक था. हालांकि, इस बार के सियासी समीकरण बदले हैं और सपा, बसपा, कांग्रेस और AIMIM अलग-अलग चुनाव लड़ रहे हैं.
दूसरे चरण में बीजेपी छोड़कर बाकी चारों प्रमुख दलों से उतरे 78 मुस्लिम कैंडिडेट कई सीटों पर एक दूसरे के खिलाफ आमने-सामने हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है पिछली बार की तरह ही चार मुख्य पार्टियों के मुस्लिम उम्मीदावरों के आपस में टकराने और मुस्लिम वोटों के बिखराव होने की स्थिति में ही बीजेपी अपना पुराने चुनावी आंकड़े को हासिल कर सकती है. वहीं, अगर मुस्लिम वोट एकजुट रहा तो बीजेपी के लिए चुनौती पूर्ण होगा.
2017 के चुनाव में दूसरे चरण वाली 55 सीटों में से 12 सीटों पर मुस्लिम कैंडिडेट आपस में टकराव हुआ था. इन सभी सीटें पर बीजेपी को जीत मिली थी. ऐसे ही इस बार के चुनाव में भी होने की आशंका है. कई सीटों पर कांग्रेस और ओवैसी की पार्टी के मुस्लिम उम्मीदवार एसपी गठबंधन और बीएसपी के उम्मीदवारों के सामने आकर त्रिकोणीय तो कई पर चौकोर मुकाबले के आसार बन रहे हैं.
चार सीटों पर चार-चार मुस्लिम उम्मीदवार
दूसरे चरण में चार सीटों पर सपा गठबंधन, बसपा, कांग्रेस और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लमीन के मुस्लिम उम्मीदवार आमने सामने हैं. ये चारों सीटें मुरादाबाद जिले की हैं. मुरादाबाद शहर, मुरादाबाद ग्रामीण, कुदंरकी और कांठ सीट पर इन चारों मुख्य पार्टियों के मुस्लिम उम्मीदवार ताल ठोक रहे हैं. पिछली बार कांठ और मुरादाबाद नगर बीजेपी जीती थी और ज़िले की बाक़ी चारों सीटें एसपी जीती थी. इस बार चार मुस्लिम उम्मीदवारों के आपसी टकराव के चलते ये चारों सीटें पर मुस्लिम वोटों के बिखराव होनी की संभावना दिख रही है.
मुरादाबाद की बाक़ी बची दो सीटों में से ठाकुरद्वारा पर सपा गठबंधन और बसपा के साथ कांग्रेस का मुस्लिम उम्मीदवार त्रिकोणीय मुकाबला बना रहा है तो बिलारी सीट पर सपा गठबंधन के मुस्लिम उम्मीदवार की राह ओवैसी की पार्टी AIMIM का मुस्लिम उम्मीदवार मुश्किल बना सकता है. पिछली बार सपा की लाज बचाने वाले मुरादाबाद जिले की सभी छह सीटों पर अखिलेश यादव के लिए चुनौती है.
कितनी सीटों पर तीन मुस्लिम उम्मीदवार?
दूसरे चरण में 6 सीटों पर सपा गठबंधन, बसपा और कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवारों के बीच टक्कर है. ये सीटें है, बिजनौर की नजीबाबाद तो अमरोहा, संभल, ठाकुरद्वारा और रामपुर जिले की रामपुर और चमरुआ सीट है. सहारानपुर की बेहट पर सपा, बसपा आमने-सामने हैं तो बिजनौर की बढ़ापुर पर सपा, कांग्रेस और संभल की असमोली सीट पर बसपा व कांग्रेस के साथ ओवैसी का उम्मीदवार मुस्लिम उम्मीदवारों के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है.
दो मुस्लिम उम्मीदवार आमने सामने
दूसरे चरण में दो सीटों पर सपा गठबंधन के मुस्लिम उम्मीदवारों के सामने कांग्रेस के तो दो सीट पर औवैसी के मुस्लिम उम्मीदवारों ने ताल ठोक रखी है. वहीं, दो सीटों पर कांग्रेस और ओवैसी के मुस्लिम उम्मीदवार आमने सामने हैं तो एक सीट पर बसपा और कांग्रेस के मुस्लिम उम्मीदवारों की टक्कर है.ऐसे में बीजेपी की कोशिश है कि मुस्लिम वोटों में भी बिखराव के सहार दूसरे चरण में भी अपना दबदबा कायम करने की रखने की है.
दूसरे चरण मुस्लिम प्रत्याशी
सहारनपुर की बेहट सीट पर सपा-रालोद के उमर अली और बसपा से रईस मलिक, नजीबाबाद सीट पर सपा से तस्लीम अहमद, बसपा से शाहनवाज आलम, कांग्रेस से अहसान अंसारी, धामपुर सीट पर सपा से नईमुल हसन, बसपा से हाजी कमाल, कांग्रेस से हुसैन अहमद, बढापुर सीट पर बसपा से मोहम्मद गाजी, कांगेस से अहसान अंसारी, कांठ सीट पर सपा से कमाल अख्तर, बसपा से आफाक अली खान और कांग्रेस से मोहम्मद इसरार सैफ हैं.
वहीं, रामपुर सीट पर आजम खान और नवाब नावेद मियां और स्वार टांडा सीट पर अब्दुला आजम खान और हैदर अली हैं. नकुड़ सीट से बसपा से साहिल खान, सहारनपुर देहात में सपा से आशु मलिक देवबंद सीट पर कांग्रेस से राहत खलील और गंगोह सीट पर बसपा से नोमान मसूद, चांदपुर सीट पर बसपा से शकील हाशमी और नूरपुर सीट पर बसपा से जियाउद्दीन जैसे मुस्लिम नेता किस्मत आजमा रहे हैं.
दूसरा चरण में मुस्लिम आबादी
यूपी के चुनाव में दूसरे चरण में मुस्लिम वोटर काफी निर्णायक भूमिका में है. सहारनपुर जिले में 41.95 फीसदी बिजनौर में 43.04 फीसदी, अमरोहा में 40.04 फीसदी, संभल में 32.88 फीसदी, मुरादाबाद में 50.80 फीसदी, रामपुर में 50.57 फीसदी, बरेली में 34.54 फीसदी, बदायूं में 23.26 फीसदी और शाहजहांपुर में 17.55 फीसदी मुस्लिम आबादी है.