उत्तर प्रदेश (UP) के बदायूं जिले की बिल्सी विधानसभा क्षेत्र (Bilsi Assembly Constituency) से विधायक आरके शर्मा ने सोमवार को समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली. आरके शर्मा के सपा में शामिल होने से भाजपा को झटका लगा है. इसके बाद से राजनीतिक गलियारों में तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं.
वहीं बदायूं बीजेपी जिलाध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता का आरोप है कि विधायक आरके शर्मा काफी लंबे समय से निष्क्रिय थे. बीजेपी जिलाध्यक्ष ने कहा कि उनकी गतिविधियां पार्टी के अनुरूप नहीं थीं. बीजेपी नेता ने कहा कि विधायक आरके शर्मा द्वारा पार्टी छोड़ने की काफी समय पहले से जानकारी थी. विधायक शर्मा की तरफ से न कभी कोई शिकायत की गई थी, न पार्टी ने उनको रोकने या मान मनोव्वल का कोई प्रयास किया.
बेटा आईपीएस अधिकारी और बेटी डॉक्टर
बता दें कि पं.आरके शर्मा बिल्सी के ही पास भानपुर गांव में जन्में हैं. 54 साल के विधायक 2007 में पहली बार बसपा से बरेली जिले की आंवला विधानसभा सीट से विधायक बने. इसके बाद 2017 में बिल्सी विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े और 26979 मतों से विजयी हुए. विधायक शर्मा का बेटा आईपीएस अधिकारी है और मध्य प्रदेश में तैनात है. वहीं एक बेटी डॉक्टर है.
वहीं इस मामले को लेकर बीजेपी नेताओं का कहना है कि विधायक आरके शर्मा का जनता से संवाद न के बराबर रहता था. 2007 में आरके शर्मा जब बरेली की ऑवला सीट से बसपा के टिकट पर जीते थे, उस समय भी 2012 में जनता के बीच पकड़ नहीं बना सके थे. लोगों का कहना है कि किसी भी जाति-वर्ग, समुदाय में प्रभाव न होने से आरके शर्मा निर्दलीय या किसी भी अन्य पार्टी से चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं कर पाए.
भाजपा जिलाध्यक्ष बोले- मोदी लहर में जीत गए थे शर्मा
भाजपा जिलाध्यक्ष राजीव कुमार गुप्ता ने कहा कि 2017 में मोदी लहर और दिल्ली दरबार में अच्छी पैठ के चलते मात्र 15 दिन पहले बिल्सी आकर चुनाव जीत गए. जीत के बाद जनता के बीच नजर नहीं आए. बीजेपी नेताओं का आरोप है कि साल में कुछ ही मौकों पर विधायक बिल्सी में दिखते हैं, अधिकतर समय विधायक नोएडा में ही रहते हैं.
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