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UP Election: न चुनाव टाले जाएं-न रैलियों पर लगे रोक... EC की बैठक में एकमत दिखे सभी दल

UP Election पर केंद्रीय चुनाव आयोग की टीम तैयारियों को लेकर यूपी के दौरे पर है. आयोग की टीम ने राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. इस मीटिंग में किसी भी पार्टी ने चुनाव टालने की बात नहीं कही. सभी का यही कहना है कि समय पर चुनाव करा लिए जाएं.

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फरवरी-मार्च में होने हैं 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव. (फाइल फोटो-PTI)
फरवरी-मार्च में होने हैं 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव. (फाइल फोटो-PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तीन दिन के यूपी दौरे पर है चुनाव आयोग की टीम
  • राजनीतिक पार्टियां चुनाव टालने के पक्ष में नहीं

देश में कोरोना का नया ओमिक्रॉन वैरिएंट अब डराने लगा है. ओमिक्रॉन के कारण संक्रमण की रफ्तार भी तेज हो चली है. इस बीच उत्तर प्रदेश समेत 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव टालने की बातें भी कही जा रहीं हैं. हालांकि, चुनाव टालने के कोई आसार नहीं नजर आ रहे हैं. मंगलवार को केंद्रीय चुनाव आयोग के साथ बैठक में सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव समय से कराने की बात कही. इसके साथ ही रैलियों पर भी रोक न लगाने की बात उठाई.

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इससे पहले चुनाव आयोग ने भी स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ बैठक में चुनावी राज्यों में टीकाकरण में तेजी लाने की बात कही थी. आयोग ने टीकाकरण को लेकर भी अपना रुख साफ करने के बाद उत्तर प्रदेश के दौरे में राजनीतिक दलों से बातचीत में भी यही बात सामने आई कि चुनाव तो समय से ही होंगे.

मीटिंग के दौरान किसी भी दल ने कोविड और ऑमिक्रोन के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर चुनाव टालने की बात नहीं कही. सभी राजनीतिक दलों ने निर्वाचन आयोग से यही कहा कि चुनावी इंतजाम सख्त और चुनाव समय से होने चाहिए. सभी पार्टियों ने चुनाव को लेकार अपनी अपनी आशंका, मुश्किलें, परेशानी, मुद्दे और तर्क आयोग के सामने रखे.

निर्वाचन आयोग का यूपी में चुनावी तैयारियों संक्रमण की स्थिति और अन्य वास्तविकताओं का जायजा लेने के मकसद से तीन दिवसीय दौरा जारी है. दौरा और मीटिंग के दौर 29 दिसंबर तक तो चलेंगे. मंगलवार को चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की.

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किस पार्टी ने कौन से मुद्दे उठाए?

- बीजेपीः फर्जी वोटिंग पर सख्ती हो. सभी बूथों पर महिला सुरक्षा कर्मियों की संख्या पर्याप्त होनी चाहिए ताकि घुंघट और परदे में आने वाली महिला मतदाताओं की पहचान भली-भांति हो सके. मतदाता सूची में गड़बड़ियों को दुरुस्त किया जाए ताकि एक परिवार के सभी वोटर एक ही बूथ पर मतदान कर सकें.

- कांग्रेसः चुनाव के दौरान यूपी पुलिस और पीएसी को मतदान केंद्र से दूर रखा जाए. केंद्रीय सुरक्षाबलों और अर्धसैनिक बलों की तैनाती और कड़ी निगरानी में मतदान कराया जाए. अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी को हटाने की मांग भी की.

- समाजवादी पार्टीः 80 वर्ष से अधिक आयु वाले बुजुर्ग मतदाता और दिव्यांग मतदाताओं की सूची मुहैया कराई जाए. ये सूची अगर पार्टी को मिलती है तो उन्हें मतदाताओं से संपर्क करने में आसानी होगी.

- बहुजन समाज पार्टीः चुनाव आयोग के साथ मीटिंग के दौरान कहा कि जिस तरह हाल के वर्षों में चुनाव को धार्मिक रंग देकर पोलराइजेशन की राजनीति की जा रही है उस पर आयोग को सख्ती से रोक लगानी चाहिए. 

- राष्ट्रीय लोकदलः प्रत्याशी की मांग पर विधानसभा के 50 फीसदी बूथों पर वीवीपैट और ईवीएम के आंकड़ों का मिलान होना चाहिए. साथ ही एक व्यक्ति एक से ज्यादा बूथों पर वोट न डाल सके, इसे लेकर सख्ती से कार्रवाई हो.

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