
यूपी में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. यहां सात चरणों में होने वाले चुनावों की तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी हैं. इसी बीच बीजेपी में इस्तीफ़ा एक्सप्रेस भी चल चुकी है. बीते कुछ ही दिनों में एक दर्जन इस्तीफे हो चुके हैं तो वहीं बीजेपी से निकलकर मंत्री और विधायक समाजवादी पार्टी का रुख कर रहे हैं. ऐसे में जहां एक तरफ आयाराम-गयाराम का दौर चल पड़ा है तो वहीं बीजेपी अभी भी यूपी में बहुमत के साथ वापसी की बात पर अडिग है.
इसी बीच 'लल्लनटॉप' ने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ से भी ख़ास बातचीत की है. अपने खास कार्यक्रम जमघट में लल्लनटॉप के एडिटर सौरभ द्विवेदी से बातचीत में सीएम योगी से जनता के सवाल रखे. जिसमें हाथरस रेप मामले से लेकर यूपी के तमाम मुद्दों पर सवाल-जवाब हुए तो वहीं जयंत चौधरी से अंदरखेमे में चल रही बातचीत, सीएम योगी पर लगे मुकदमों और अखिलेश के बयानों पर भी बात हुई.
जयंत सिंह के साथ अंदरखेमे में चल रही है बातचीत?
गठबंधन के मुद्दे पर सीएम योगी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी समान मूल्य और विचारधारा के हरेक दल के साथ संवाद बनाती है. और जो भी BJP के साथ आना चाहता है वह BJP के साथ मिलकर चुनाव भी लड़ता है आगे भी बढ़ता है. अपना दल आज हमारा पार्टनर है. निषाद पार्टी आज हमारी पार्टनर है. और हम सब मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं 'जयंत चौधरी से अंदरखेमे में बातचीत चल रही है', के सवाल पर सीएम योगी ने कहा कि अभी उनसे कोई संवाद नहीं है. भविष्य की बात बताई नहीं जा सकती.
'यूपी सरकार के अधिकारियों को तत्काल हटाया जाए', अखिलेश की मांग
इंटरव्यू के दौरान अखिलेश यादव की एक मांग जिसमें उन्होंने चुनाव आयोग से यूपी सरकार के कुछ अधिकारियों को हटाने की बात कही थी, पर भी सवाल किया गया. इस पर सीएम योगी ने कहा कि अधिकारी, अधिकारी होता है. वह न भाजपा का, न सपा का, न बसपा का और न ही कांग्रेस का होता है. वह अपने अधिकारी वाली मानसिकता के साथ काम करता है. मुझे लगता है कि समाजवादी पार्टी, यही भूल करती है. आखिर अधिकारी अपने उत्तरदायित्वों का निर्वहन न करें.
उन्होंने आगे कहा कि अभी तो इलेक्शन की प्रक्रिया प्रारंभ ही नहीं हुई. अभी तो सामान्य तिथियों की घोषणा हुई है. इसकी औपचारिकता 14 जनवरी से शुरू होगी. और तब किसी अधिकारी पर भेदभाव करने के आरोप लगे… ये चारों अधिकारी डायरेक्ट इलेक्शन की व्यवस्था के साथ नहीं जुड़े हैं. हां उन लोगों ने अपने-अपने फील्ड में अच्छा काम किया होगा. लेकिन इलेक्शन की व्यवस्था के साथ डायरेक्ट नहीं जुड़े हैं. इलेक्शन की व्यवस्था में जिला अधिकारी जुड़ते हैं, पुलिस अधीक्षक जुड़ते हैं. चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी जुड़ते हैं, शेष अधिकारी की भूमिका डायरेक्ट तो नहीं होती है.
अखिलेश के 'चिलमजीवी' बयान पर सीएम योगी का जवाब
इसके अलावा अखिलेश यादव द्वारा दिए गए बयान 'चिलमजीवी...' को लेकर पर भी सीएम ने बात की. जिसमें उन्होंने कहा, 'हम तो जैसे पहले थे, वैसे आज भी हैं. मेरे बारे में हर व्यक्ति जानता है. मैं पहले भी योगी था. आज भी योगी हूं. हां, इन लोगों की सच्चाई सबके सामने आ रही है. कैसे-कैसे कारनामे थे. काम कम, कारनामे ज्यादा थे. तो जब ये कारनामे आ रहे हैं, तो उनकी चिढ़ स्वाभाविक है. जब व्यक्ति आपा खोता है, तब व्यक्तिगत टिप्पणी करता है. और ये इसीलिए इस प्रकार की टिप्पणी करते हैं.'
गोरखपुर हिंसा को याद कर क्या बोले सीएम
यही नहीं लल्लनटॉप के जमघट में सीएम योगी सपा सरकार में अपने ऊपर हुए मुकदमों के बारे में भी खुलकर बात की. सीएम योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी की सरकार के समय सुनियोजित तरीके से गोरखपुर में दंगे करवाए गए. गोरखपुर में क्या पूरे राज्य में ही दंगे होते थे. लेकिन गोरखपुर में मोहर्रम के जलूस में जाने वाले उपद्रवी एक हिंदू बालिका को छेड़ते हैं, उसको ले जाने का प्रयास करते हैं, तब एक व्यापारी लड़का उस लड़की को बचाता है, वह लड़की को तो बचा लेता है, लेकिन उस लड़के के पीछे लोग भागते हैं, वह पुलिस की जीप में घुस जाता है. उन लोगों ने पुलिस की जीप से उसे खींचकर उसकी चाक़ू से गोदकर हत्या कर दी. उसके घरवालों को शव नहीं दिया, मिट्टी का तेल छिड़ककर उसमें आग लगा दी गई.
सीएम ने कहा कि गोरखपुर में इस घटना के बाद व्यापारियों के कई प्रतिष्ठानों में आग लगाई गई थी. और जिन व्यापारियों ने एप्लीकेशन दी उनके खिलाफ ही मुकदमा दर्ज कर दिया गया. कानून-व्यवस्था की ऐसी बदहाली थी उस समय कि सपा सरकार में न तो राह चलती बेटियां सुरक्षित थीं और न नौजवान और ना ही व्यापारी सुरक्षित थे.
खुद पर मुकदमों की बात पर क्या बोले योगी?
उन्होंने आगे कहा कि अगर कोई व्यक्ति सुरक्षा की मांग करता था तो उसे झूठे मुकदमों में फंसा दिया जाता…मैं उस दिन वहां था नहीं, मैं कुशीनगर से वापस आ रहा था. मुझे रोका गया और जेल भेज दिया गया, 101/16 में मुझ पर मुकदमे दर्ज किए गए, जिसपर कोर्ट ने सवाल उठाए, फिर इन्होंने बैकडेट में मुझ पर गंभीर मामलों में मुकदमे दर्ज किए. समाजवादी पार्टी की फितरत थी झूठे मुक़दमे लगाने की. आज जब अपराधियों पर कार्रवाई होती है, इनके कारनामे सामने आते हैं तो इनको पीड़ा होती है.'
हाथरस की बेटी पर क्या बोले सीएम योगी आदित्यनाथ?
इसी बीच 30 सितंबर 2020 को हाथरस में हुई घटना को लेकर भी सीएम योगी से सवाल पूछा गया. जिसमें पुलिस ने रेप पीड़िता के शव को उसके घरवालों की मर्जी के बिना, आधी रात में जला दिया था. जिसके बाद ना सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश की राजनीति का माहौल एकदम गर्म हो चुका था. सीएम योगी ने इस सवाल पर कहा कि आपको मालूम है कि इस मामले में कितने शरारत पूर्ण काम किए गए. पहले शव को आने नहीं दिया जाता है, शव को छीनने का प्रयास होता है. दिल्ली में तीन घंटे तक शव को रोका जाता है, फिर दिल्ली से हाथरस तक पहुंचने में 12 घंटे लगे जबकि रास्ता तीन घंटे का ही है.
सीएम ने कहा कि इस घटना के अगले दिन प्रदेश में राम जन्म भूमि से संबंधित मामले पर महत्वपूर्ण फैसला आने वाला था, इसे लेकर हाई अलर्ट था. उसकी आड़ में पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को दंगों में झोंकने की साजिश थी. हम उन सभी रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं कर सकते कि किन परस्थितियों में पुलिस ने वहां कार्रवाई की. पुलिस ने परिवार के लोगों से संवाद बनाकर सारी कार्रवाई वहां की, अकेले कुछ नहीं किया, लड़की के पिता और भाई शव के साथ हाथरस तक आए थे. परिवार के लोगों के सुपुर्द शव था और उसके बाद सारी कार्रवाई संपन्न हुई थी. उसको इश्यू बनाया गया, जांच चल रही है, आज तक तो कोई इस बात को साबित नहीं कर पाया, CBI जांच चल रही है. दोषी हैं तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो जानी चाहिए. क्यों किसी को बख्शा जा रहा है?
समाजवादी पार्टी पर हमलावर रहे योगी आदित्यनाथ
लल्लनटॉप के साथ हुए इस खास इंटरव्यू में यूपी के सीएम ने समाजवादी पार्टी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी की संवेदना माफिया और अपराधियों के प्रति है. उसकी संवेदना उन आतंकवादियों के प्रति है जो रामजन्म भूमि पर आतंकी हमला करते हैं. उनके प्रति है जो संकटमोचन मंदिर पर हमला करते हैं. उनकी संवेदना उनके प्रति है जो देश की न्यायपालिका पर हमला करते हैं. वाराणसी, अयोध्या लखनऊ की कचहरियों पर हमला करने वालों के खिलाफ मुकदमे उन्होंने बेशर्मी के खिलाफ वापस लेने का प्रयास किया था. उनके प्रति उनकी संवेदना है. जब संवेदना का स्तर एंटीसोशल और एंटीनेशनल हो जाएगा तो फिर बेटियां, व्यापारी और प्रदेश का आम नागरिक उस परिधि के बाहर होगा.