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UP Election 2022: पश्चिमी यूपी की सियासी जंग का फाइनल दौर, समझें पहले चरण की 58 सीटों का पूरा गुणा-गणित

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 58 सीटों पर 10 फरवरी को वोटिंग होगी. ऐसे में पहले चरण की सीटों के लिए चुनाव प्रचार मंगलवार शाम थम जाएगा. यह चरण बीजेपी के लिए अपनी सत्ता को बचाए रखने के लिए अहम है तो सपा-आरएलडी गठबंधन के लिए सत्ता में वापसी के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है. इसी चरण में जयंत चौधरी की अग्निपरीक्षा तो मायावती के लिए भी अहम है.

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अखिलेश यादव, योगी आदित्यनाथ, मायावती, प्रियंका गांधी
अखिलेश यादव, योगी आदित्यनाथ, मायावती, प्रियंका गांधी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • पहले चरण की 58 सीटों पर 10 फरवरी को चुनाव
  • योगी सरकार के 9 मंत्रियों की साख दांव पर लगी है
  • अखिलेश-जयंत की दोस्ती की असल इम्तेहान भी

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण की 58 सीटों पर मंगलवार को शाम छह बजे प्रचार का शोर थम जाएगा. इस चरण में पश्चिमी यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर 623 उम्मीदवार मैदान में हैं. पिछले चुनाव में वेस्ट यूपी बीजेपी के लिए बेस्ट रहा था और सूबे की सत्ता में वापसी के लिए गेमचेंजर साबित हुआ था, लेकिन इस बार सपा-आरएलडी गठबंधन एक बड़ी चुनौती है. योगी सरकार के 9 मंत्रियों की साख दांव पर लगी है. वहीं, विपक्ष के पास भले ही खोने के लिए कुछ ज्यादा नहीं है, लेकिन अखिलेश यादव और जयंत चौधरी की दोस्ती अग्निपरीक्षा इसी चरण में होनी है. 

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बता दें कि 2017 के चुनाव के तर्ज पर पश्चिमी यूपी से एक बार फिर यूपी के चुनाव की शुरुआत हो रही है, लेकिन इस बार बीजेपी के लिए राह आसान नहीं दिख रही. विपक्ष के लिए पहले चरण में कुछ खास खोने के लिए नहीं है जबकि बीजेपी की सत्ता में वापसी का सारा दारोमदार टिका है. तीन कृषि कानून के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाले किसान आंदोलन का गढ़ पश्चिमी यूपी रहा है. पश्चिमी यूपी से चुनाव शुरू होने से किसानों की नाराजगी का बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है. 

58 में से 54 सीटों पर बीजेपी का कब्जा 
पहले चरण में जिन सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, उनमें से 90 फीसदी सीटों पर बीजेपी की कब्जा है. प्रदेश के 11 जिलों शामली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मथुरा, आगरा और अलीगढ़ की कुल 58 सीट शामिल है. पिछले चुनाव में इनमें से छह जिलों में बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया था. 58 सीटों में से बीजेपी ने 53 सीटें जीती थी जबकि सपा और बसपा के खाते में दो-दो सीटें आई थी. एक सीट आरएलडी ने जीती थी, जो बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे. इस तरह से पहले चरण की 58 सीटों में से बीजेपी के पास 54 सीटें है. 

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सपा-आरएलडी गठबंधन की अग्निपरीक्षा
विधानसभा चुनाव के पहले चरण में ही सपा और आरएलडी गठबंधन की दोस्ती की भी परख होगी. मुजफ्फरनगर दंगे के बाद आरएलडी से छिटका वोटबैंक किसान आंदोलन के बाद एकजुट माना जा रहा है. जाट और मुस्लिम मुजफ्फरनगर की खलिश भुलाकर साथ तो आए हैं, लेकिन बूथ पर यह कितना कारगर होंगे, यह 10 फरवरी में ही साफ होगा. 2017 के चुनाव में आरएलडी अकेले लड़ी थी जबकि सपा-कांग्रेस साथ थी. इस बार कांग्रेस और बसपा अकेले-अकेले किस्मत आजमा रही हैं तो सपा-आरएलडी एक साथ हैं. 

बीजेपी ने नए चेहरे पर खेला दांव
बीजेपी ने 2017 में 58 में से 53 सीटें जीती थीं, लेकिन इस बार अपने जीते हुए 19 विधायकों के टिकट काट दिए हैं. साथ ही चार हारे हुए उम्मीदवारों पर भरोसा न करते हुए नए चेहरों को मैदान में उतारा है. बीजेपी ने तीन ऐसे उम्मीदवारों को भी टिकट दिया है जिन्होंने पिछला विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा था. इनमें खैरागढ़ से भगवान सिंह कुशवाहा, बरौली से ठाकुर जयवीर सिंह और एत्मादपुर से डॉक्टर धर्मपाल सिंह शामिल हैं.

पहले चरण में रालोद बड़े भाई की भूमिका में
वहीं, सपा-आरएलडी के साथ गठबंधन कर मैदान में है. पहले चरण की 58 में से 29 सीटों पर आरएलडी, 28 पर सपा और एक सीट पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी चुनाव लड़ रही हैं. सपा-आरएलडी ने 58 में से 43 विधानसभा सीटों पर नए उम्मीदवार उतारे हैं. इन 43 उम्मीदवारों ने 2017 का चुनाव न तो सपा के टिकट पर लड़ा था और न ही राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर. अनूपशहर विधानसभा सीट एनसीपी को दी गई है, जहां से केके शर्मा चुनाव लड़ रहे हैं.

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बसपा ने सभी नए चेहरों पर लगाया दांव

पश्चिमी यूपी भी बसपा का गढ़ माना जाता है. बसपा सभी 58 सीटों पर चुनावी मैदान में है. 2017 विधानसभा चुनाव जीतने वाले दो उम्मीदवारों को छोड़कर बाकी की 56 सीटों पर नए उम्मीदवारों को उतारा है. इन दो उम्मीदवारों में मांट सीट पर श्याम सुंदर शर्मा और गोवर्धन सीट से राजकुमार रावत शामिल हैं. पहले चरण की 30 सीटें ऐसी हैं, जहां 2017 के चुनाव में बसपा के उम्मीदवार दूसरे नंबर पर रहे थे, लेकिन इनमें से सिर्फ एक उम्मीदवार ही इस बार मैदान में है. 

कांग्रेस ने भी नए उम्मीदवारों को उतारा है

कांग्रेस ने पहले चरण की सभी 58 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. कांग्रेस 58 उम्मीदवारों में से पांच उम्मीदवार ऐसे हैं जो पिछली बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े, लेकिन हार गए थे. इनमें पुरकाजी सीट से दीपक कुमार, कोइल से विवेक बंसल, मथुरा से प्रदीप माथुर, बलदेव से विनेश कुमार और आगरा ग्रामीण विधानसभा सीट से उपेंद्र सिंह शामिल हैं. ऐसे में बाकी 53 सीटों पर नए चेहरे मैदान में है. हालांकि, पिछले चुनाव में सपा के साथ गठबंधन होने के चलते कांग्रेस 23 सीटों पर ही चुनाव लड़ी थी. 

योगी के 9 मंत्रियों की साख दांव पर
पहले चरण में योगी सरकार के 9 मंत्री सहित बीजेपी के कई दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी है. गाजियाबाद सीट से योगी कैबिनेट के मंत्री अतुल गर्ग, शामली के थाना भवन सीट से मंत्री सुरेश राणा, मथुरा सीट से मंत्री श्रीकांत शर्मा, अतरौली सीट से राज्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पौत्र संदीप सिंह, शिकारपुर सीट से अनिल शर्मा, मुजफ्फरनगर सीट से मंत्री कपिल देव अग्रवाल, हस्तिनापुर से दिनेश खटिक, आगरा छावनी से डॉ. जीएस धर्मेश और छाता सीट से चौधरी लक्ष्मी नारायण मैदान में है. इसके अलावा आगरा ग्रामीण सीट से बेबीरानी मौर्य, सरधना सीट से संगीत सोम, लोनी सीट से नंदकिशोर गुर्जर और नोएडा सीट से राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह की चुनौती है. 

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विपक्ष के इन नेताओं के लिए अग्निपरीक्षा
सपा-रालोद के कई दिग्गज नेताओं की अग्निपरीक्षा पहले चरण में होनी है. चरथावल सीट पर सपा के पंकज मलिक, किठौर सीट पर पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर, सरधना सीट पर अतुल प्रधान मैदान में हैं तो आरएलडी से जेवर सीट पर अवतार भड़ाना, लोनी सीट पर मदन भैया, सिवालखास गुलाम मोहम्मद चुनाव लड़े रहे हैं. गढ़मुक्तेश्वर सीट पर मदन चौहान, मांट सीट पर श्याम सुंदर शर्मा की किस्मत का फैसला होना है. 

किस जिले में किसे कितनी सीटें मिली थीं
पहले चरण के जिलें शामली जिले की तीन चुनाव है, जिनमें 2 बीजेपी और एक सपा के पास है. मेरठ की 7 में से 6 बीजेपी और एक सपा के पास है. बागपत जिले की तीन में से 2 सीटें बीजेपी ने जीती और एक आरएलडी को मिली थी, जो बाद में बीजेपी में शामिल हो गए थे. बुलंदशहर की सभी सातों सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. नोएडा की तीनों सीटें बीजेपी के पास हैं. गाजियाबाद की सभी 5 सीटें बीजेपी ने जीती थी. अलीगढ़ की सभी सातों बीजेपी ने जीती थी. हापुड़ की 3 सीटों में से 2 बीजेपी और एक बसपा ने जीती थी, लेकिन बसपा विधायक सपा में शामिल हो गए हैं. मुजफ्फनगर की सभी 6 सीटें बीजेपी के पास हैं. मथुरा की पांच में चार बीजेपी और एक बसपा ने जीती हैं. आगरा की सभी 9 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है. 

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पहले चरण की 58 विधानसभा सीटें

पहले चरण की सीटों नोएडा, दादरी, जेवर, सिंकदराबाद, बुलंदशहर, मेरठ कैंट, मेरठ, मेरठ साउथ, छपरौली, बरौत, बागपत, लोनी, मुरादनगर, साहिबाबाद, गाजियाबाद, मोदी नगर, दौलाना, हापुड़, कैराना, थाना भवन, शामली, बुढ़ाना, छरतावल, पुरकाजी, मुजफ्फरनगर, खतौली, मीरापुर, सिवालखास, सरधना, हस्तीनापुर, किठौर, गढ़मुक्तेश्वर,  सयाना, अनूपशहर, देबाई, शिकारपुर, खुर्जा, खैर, बरौली, अतरौली, छर्रा, कोइल, अलीगढ़, इगलास, छाता, मंत, गोवर्धन, मथुरा, बलदेव, एतमादपुर, आगरा कैंट, आगरा साउथ, आगरा नॉर्थ, आगरा रूरल, फतेहपुर सीकरी, फतेहाबाद और बाह विधानसभा सीट पर मतदान होना है. 

 

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