उत्तरप्रदेश का जिला है कौशांबी. यहां यमुना नदी के तट से सटी है मंझनपुर विधानसभा सीट. मान्यता है कि गौतम बुद्ध के समय में कौशांबी भारत के सबसे समृद्ध 6 शहरों में से एक था. बौद्ध साहित्य में वर्णित कौशांबी में अशोक स्तंभ, जैन मंदिर और घोषिताराम मठ है. भगवान बुद्ध बोध ज्ञान प्राप्त होने के छठवें और नौवें साल में उपदेश देने यहां आए थे. कालांतर में 4 अप्रैल 1997 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) जिले से टूटकर बना कौशांबी दक्षिण में चित्रकूट, उत्तर में प्रतापगढ़, पूर्व में प्रयागराज और पश्चिम में फतेहपुर से घिरा है. इतिहास की दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के साथ ही यह राजनीतिक लिहाज से भी काफी खास है. बसपा ने कौशांबी की स्थापना से पहले ही यहां अपना दबदबा बना लिया था.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
कौशांबी की मंझनपुर विधानसभा सीट पर चार बार बसपा का कब्जा रहा है. हालांकि 2017 में बीजेपी ने बसपा का तिलिस्म तोड़ा. बीजेपी के लालबहादुर ने बसपा से चार बार के विधायक रहे इंद्रजीत सरोज को हराकर परचम लहराया था. पिछले कुछ चुनावों की बात करें तो मंझनपुर विधानसभा सीट में बसपा का कब्जा रहा है. 2017 में तीनों विधानसभा सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी. मंझनपुर विधानसभा सीट 2017 में इस सीट पर पहली बार कमल खिला था. 2017 विधानसभा चुनाव के बाद इंद्रजीत सरोज ने बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था.
2017 का जनादेश
2017 विधानसभा चुनाव में मंझनपुर विधानसभा सीट पर कुल 7 प्रत्याशी मैदान में थे, लेकिन मुकाबला भाजपा और बसपा के बीच रहा. भाजपा प्रत्याशी लाल बहादुर को सबसे ज्यादा 92,818 वोट मिले थे. दूसरे नंबर पर बसपा के प्रत्याशी इंद्रजीत सरोज को 88,658 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर सपा के प्रत्याशी हेमंत कुमार टुन्नू को 33,717 वोट मिले थे. दूसरे स्थान पर रहे बसपा के इंद्रजीत सरोज को भाजपा प्रत्याशी लाल बहादुर ने 4,133 वोट से हराया था. यहां कुल 394192 मतदाता हैं. इसमें 213086 पुरुष और 181106 महिला मतदाता हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां वोटरों की संख्या 322721 थी.
सामाजिक तानाबाना
2017 में हुए विधानसभा चुनाव में मंझनपुर (सुरक्षित ) सीट पर कुल 41.50 प्रतिशत वोट पड़े थे. यह विधानसभा अनुसूचित जाति और जनजातीय बाहुल्य वाली मानी जाती है. इसके बाद पिछड़ी और मुस्लिम समाज के मतदाता ज्यादा हैं. जो चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. पिछले 20 सालों से बसपा ने यहां कब्जा जमाए रखा था. मायावती के करीबी माने जाने वाले इंद्रजीत सरोज यहां से चार बार विधायक रहे.
विधायक का रिपोर्ट कार्ड
मंझनपुर विधानसभा सीट से वर्तमान भाजपा विधायक लाल बहादुर का जन्म 11 मार्च 1969 को मंझनपुर तहसील इलाके के बनिखास (चंपहा ) गांव में हुआ था. 2017 में बीजेपी से विधायक बने लाल बहादुर चौधरी राजनीति से पहले सेना में अपनी सेवा दे चुके हैं. रिटायर होने के बाद उन्होंने राजनीति में किस्मत आजमाई. उन्होंने विधायक निधि से सड़क के हाई मास्ट लाइट, सौर ऊर्जा उत्सव भवन का निर्माण कराने के साथ ही हैंड पंप लगवाए हैं.
(रिपोर्ट- अखिलेश कुमार)