UP Election 2022: पांच साल पहले की बात है. उत्तर प्रदेश में जब ऐतिहासिक रूप से सत्ता में बीजेपी 300 से ज्यादा सीट जीतकर आई. तब चुनाव प्रचार में तीसरे चरण के मतदान से पहले ध्रुवीकरण वाले शब्दों की राजनीति ने एंट्री पाई थी. 2017 के चुनाव में श्मशान कब्रिस्तान आया था. इन शब्दों की एंट्री यूपी में पिछली बार तब हुई थी जब पश्चिमी यूपी के चुनाव हो चुके थे लेकिन इस बार फर्स्ट फेज के वोट से महीने भर पहले ही अब्बाजान, जिन्ना, हिंदूगर्दी, गर्मी औऱ चर्बी जैसे अलग अलग दांव चले गए. मगर कहते हैं कि लखनऊ की लड़ाई में ध्रुवीकरण की गाड़ी स्पीड नहीं पकड़ पा रही थी. तो क्या हिजाब के विवाद ने इस स्पीडब्रेकर को हटा दिया.
Ahead of assembly election 2022, the Hijab row has intensified across the country after which the politicians have made a grand entry into the issue. Watch this video to understand how this hijab row will impact the Assembly Election of UP.