उत्तर प्रदेश के चुनावी रण में हारने होने के बाद समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने गुरुवार को विधायकों की बैठक बुलाई है. समाजवादी पार्टी के दफ्तर में इस बैठक में हार की समीक्षा के साथ-साथ विधानमंडल का नेता भी चुना जाएगा.
मुलायम सिंह पर सस्पेंस
इसी के साथ यह कयास तेज हो गए हैं कि क्या इस बैठक में मुलायम सिंह यादव भी शामिल होंगे? शिवपाल यादव और अखिलेश यादव विधायकों की बैठक में शामिल होने के लिए सपा दफ्तर पहुंच गए हैं. हालांकि शिवपाल ने
पहले ही इशारो-इशारो में हार की वजह कुछ लोगों का अहंकार बताया था.
हार की समीक्षा
जाहिर है हार की समीक्षा पर आरोप प्रत्यारोप की झड़ियां लग सकती हैं. चुनाव से पहले अखिलेश ने कहा था कि वह जीत मुलायम सिंह की झोली में डाल देंगे. अखिलेश के आलोचक अब सपा
की खराब परफॉरमेंस का ठीकरा अखिलेश के मत्थे फोड़ने के मूड में है. हालांकि पार्टी के एक धड़े का मानना है कि सपा को मौजूदा संकट से उबारने के लिए अखिलेश और शिवपाल का साथ में
आना जरूरी है. कहीं ना कहीं नेताजी भी यही चाहते हैं. यही वजह है कि सबकी नजरें 16 मार्च की बैठक पर टिकी हुई हैं.
ईवीएम का दंगल
वहीं इस बैठक में लखनऊ से दिल्ली तक मची ईवीएम पर दंगल पर भी चर्चा मुमकिन है. अखिलेश ने पहले ही मायावती के आरोपों का समर्थन किया है और मामले की जांच की मांग की है.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष नरेश उत्तम ने तमाम प्रत्याशियों से उनके इलाके की हर बूथ की रिपोर्ट मांगी है. समाजवादी पार्टी भी इस मसले पर कानूनी रास्ता इख्तियार करने पर विचार विमर्श
कर रही है.