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अखिलेश ने निकाला 'महागठबंधन' का फॉर्मूला, सपा-275, कांग्रेस-103, RLD को 20 सीटें

पार्टियों के बीच सहमति के मुताबिक उत्तर प्रदेश के कुल 403 विधानसभा सीटों में से समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को 103 सीटें दी हैं, जिस पर कांग्रेस ने भी लगभग हामी भर दी है. इस 103 सीटों में से 89 पर कांग्रेस उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे जबकि 14 सीटों से कांग्रेस के चुनाव-चिह्न पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे.

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सपा और कांग्रेस के बीच लगातार बैठक जारी
सपा और कांग्रेस के बीच लगातार बैठक जारी

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चुनाव आयोग द्वारा साइकिल चुनाव-चिह्न अखिलेश यादव के खेमे को मिलते ही कांग्रेस से गठबंधन का फार्मूला भी लगभग तैयार हो गया है. वहीं बीजेपी को रोकने के लिए कांग्रेस, सपा, जेडीयू, आरजेडी समेत कई यूपी की छोटी पार्टियों को साथ लेकर महागठबंधन बनाने पर भी करीब-करीब आम सहमति बन गई है. हालांकि अभी तक इसकी अनौपचारिक ऐलान नहीं किया गया है.

पार्टियों के बीच सहमति के मुताबिक उत्तर प्रदेश के कुल 403 विधानसभा सीटों में से समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस को 103 सीटें दी हैं, जिस पर कांग्रेस ने भी लगभग हामी भर दी है. इस 103 सीटों में से 89 पर कांग्रेस उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे जबकि 14 सीटों से कांग्रेस के चुनाव-चिह्न पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे. इससे पहले ये फॉर्मूला बिहार में एनडीए ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपनाया था. वहीं आरएलडी को 20 सीटें सपा ने दी है लेकिन अजीत सिंह 28 सीटों की मांग कर रहे हैं और बातचीत जारी है.

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कांग्रेस दबदबे वाले इलाके अमेठी, रायबरेली और सुल्तानपुर में सपा 11 सीटें कांग्रेस को देने के लिए राजी हो गई, क्योंकि यहां गांधी परिवार की पकड़ है. महागठबंधन में कांग्रेस, सपा, आरएलडी, जेडीयू, आरजेडी, संजय निषाद की निषाद पार्टी, महान दल, पीस पार्टी और अपना दल (अनुप्रिया पटेल की मां की अगुवाई वाली पार्टी) शामिल हैं.

दरअसल बीजेपी को रोकने के लिए अखिलेश यादव ने ये महागठबंधन का दांव चला है. खबरों की मानें तो खुद अखिलेश की अगुवाई वाली समाजवादी पार्टी 403 सीटों में से 275 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. बाकी 128 सीटों पर कांग्रेस, आएलडी समेत बाकी महागठबंधन के घटक दल अपने-अपने उम्मीदवार उतारेंगे.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस नेताओं के बीच पिछले काफी दिनों से गठबंधन को लेकर बातचीत चल रही थी, और जैसे से चुनाव आयोग अखिलेश यादव की अगुवाई वाली पार्टी को समाजवादी पार्टी करार देते हुए साइकिल चुनाव-चिह्न उनके नाम किया, दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन का रास्ता साफ हो गया. शायद मंगलवार को महागठबंधन द्वारा इस फैसले का ऐलान किया जा सकता है.

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