उत्तर प्रदेश चुनाव की आखिरी चरण की वोटिंग कल यानी 8 मार्च को होनी है. पिछले एक महीने से प्रदेशभर में चुनाव प्रचार में जुटे मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखनऊ लौटकर मीडिया से बात की. अखिलेश से उनकी सौतेली मां साधना यादव के ताजा बयान को लेकर भी सवाल पूछे गए लेकिन वे जानकारी न होने की बात कहकर उन्हें टाल गए.
अखिलेश से पूछा गया कि साधना यादव ने कहा है कि प्रतीक यादव को राजनीति में आना चाहिए इस पर अखिलेश ने जवाब दिया कि राजनीति में कोई भी आ सकता है. आपको आना हो तो आप भी आ जाइए. इस सवाल पर कि साधना ने कहा है कि अखिलेश को गुमराह किया गया है, अखिलेश ने कहा कि मैं सीधे प्रचार से लौट रहा हूं. मेरे कान में अब तक हेलीकॉप्टर के पंखे की आवाज गूंज रही है. मुझे नहीं पता कि किसने क्या कहा है.
गायत्री प्रजापति के मंत्री बने रहने पर राज्यपाल राम नाईक ने सवाल उठाया है इसपर जब पत्रकारों ने अखिलेश यादव से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा कि मैंने राज्यपाल को जवाब दे दिया है. आपको पढ़ना है तो राज्यपाल जी से चिट्ठी ले आएं. उन्होंने कहा कि गायत्री पर सरकार को जो कार्रवाई करनी चाहिए वो की है. एक-आध दिन की बात है सब साफ हो जाएगा.
अखिलेश ने कहा कि जनता बहुत समझदारी से वोट दे. हमारी सरकार दोबारा बनी तो हम और तेजी से यूपी को विकास के रास्ते में ले जाएंगे. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी नौकरियों में इंटरव्यू खत्म करने की बात कहते हैं लेकिन हमने 70 हजार भर्तियां ऐसी कीं जिनमें इंटरव्यू लिया ही नहीं गया.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा. अखिलेश ने कहा पूजा के दौरान पंखा बंद करने के लिए अधिकारी ने बटन दबाया था और गलती से लाइट वाला बटन दब गया. मगर पीएम ने उसे बिजली व्यवस्था का मुद्दा बना दिया. गढ़वा आश्रम में मोदी की गौसेवा पर भी अखिलेश यादव ने पीएम पर निशाना साधा, कहा हमारे यहां तो कितनी गाय हैं, हमने कभी नहीं कहा.
अखिलेश ने कहा कि वाराणसी की जनता ने उनके रोड शो को भरपूर समर्थन दिया इसी का असर हुआ कि बीजेपी के लोगों को (पीएम मोदी को) कई रोड शो करने पड़े. दरअसल जो लोग फेल हो जाते हैं वही दोबारा परीक्षा में बैठते हैं. अखिलेश ने पीएम मोदी पर चुटकी लेते हुए कहा कि पता नहीं कैसा गला बनाया है इन्होंने कि इनका गला ही नहीं खराब होता.
अखिलेश यादव ने बीएसपी अध्यक्ष मायावती पर भी जोरदार हमला किया, अखिलेश ने कहा कि उनके यहां लोग घुटने के बल रेंगते हुए जाते हैं, मगर किसी को प्रसाद नहीं मिलता जो चढ़ावा देते हैं उन्हें ही प्रसाद मिलता है.