यूपी विधानसभा के चुनाव में आज सातवें चरण के 7 जिलों की 40 सीटों के लिये मतदान होना है. सभी राजनीतिक दलों ने सातवें चरण के मतदान से पहले अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लगातार तीन दिन वाराणसी में ही डेरा डाले रखा. पीएम मोदी ने इन तीन दिनो में वाराणसी में तीन रैलियां और दो रोड शो किए. इसके साथ ही पीएम मोदी पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के घर गए और गड़वा घाट पर यादव समाज के गुरु से भी मुलाकात की. पीएम मोदी की मेहनत से साफ है कि बीजेपी सातवें चरण के चुनाव में एक भी सीट पर रिस्क नहीं लेना चाहती.
वाराणसी में गठबंधन के पक्ष में माहौल बनाने के लिये अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने भी एक रोड शो किया साथ ही बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी अंतिम चरण में वाराणसी और उसके आस-पास के इलाकों में बीएसपी के लिए वोट मांगे.
सभी दलों के बड़े नेताओं के चुनाव प्रचार के बावजूद एक वर्ग ऐसा भी जो सांतवें चरण में मतदान नहीं करेगा. आंगनवाड़ी में काम करने वाली महिलायें ने सातवें चरण में मतदान ना करने का फैसला लिया है. उनकी शिकायत है कि कोई भी राजनीतिक दल आंगनवाड़ी में काम करने वाली महिलाओं की समस्याओं को लेकर सजग नहीं है.
आंगनवाड़ी में काम करने वाली महिलाओं का आरोप हैं कि सभी राजनीतिक दल उन्हें अपने नेताओं की रैली में लेकर जाते हैं और भरोसा देते हैं कि नेता उनकी समस्याओं का जिक्र करने के साथ-साथ अगली सरकार बनते ही उनके वेतन समेत सभी समस्याओं का जल्द ही निदान करेंगे. लेकिन किसी भी राजनीतिक दल के नेता ने उनकी समस्याओं का ज़िक्र तक नहीं किया.
इसी के मद्देनजर आंगनवाड़ी वर्कर आखिरी चरण में मतदान नहीं करेंगी. भले ही उनकी संख्या और प्रभाव कम हो लेकिन पूर्वांचल की करीब 40 हज़ार आंगनवाड़ी वर्कर इस बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं करेंगी. यूपी विधानसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों को चुनाव जीतने के लिए पूरा दमखम लगाना पड़ रहा है और इतने कम वोट बैंक पर कोई ध्यान भी नहीं दे रहा हैं जो जाति-धर्म से अलग है. बावजूद इसके लोकतंत्र में हर एक वोट महत्वपूर्ण है.