यूपी में विधानसभा चुनाव का बिगुल क्या बजा, बाहरी पार्टियों से बीजेपी में आने वाले नेताओं का तांता लग गया है और पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष सिर उठाने लगा है. चुनावी तैयारियों में जुटी बीजेपी में लोकसभा चुनाव के बाद से दूसरी पार्टियों के कुल 166 ऐसे नेता शामिल हो चुके हैं, जो पिछले कई वर्षों में चुनावी राजनीति में सक्रिय हैं. आइए जानें उन खास गैरों को, जिनको बीजेपी ने यूपी में सौंपी बड़ी जिम्मेदारी....
1. कौशल किशोर
वामपंथी विचारधारा के पैरोकार रहे कौशल किशोर लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल हुए थे. मोहन लाल गंज लोकसभा सीट से बीजेपी सांसद बने. दलित खासकर पासी जाति में पकड़ को देखते हुए बीजेपी ने उन्हें प्रदेश अनुसूचित जाति मोर्चा की कमान सौंप दी है.
2. स्वामी प्रसाद मौर्य
बीएसपी विधानमंडल दल के नेता और नेता प्रतिपक्ष रहे स्वामी प्रसाद मौर्य पिछले वर्ष अगस्त में बीजेपी में शामिल हुए थे. बीजेपी के सहयोग से मौर्य ने पूरे प्रदेश में 100 से ज्यादा पिछड़ा वर्ग बैठकें की हैं. बीजेपी ने स्वामी प्रसाद मौर्य को प्रदेश चुनाव समिति का सदस्य बनाया है.
3. दारा सिंह चौहान
बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती की कोर कमेटी में शामिल रहे दारा सिंह लोकसभा में बीएसपी के नेता रह चुके हैं. लोकसभा चुनाव के बाद वे बीजेपी में शामिल हो गए और पार्टी ने भी ज्यादा देर न करते हुए इन्हें ओबीसी मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया.
4. राजेश वर्मा
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राजेश वर्मा बीएसपी को छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. पार्टी ने भी सीतापुर लोकसभा सीट से टिकट दिया और मोदी लहर में वर्मा सांसद बन गए. अब पार्टी ने इन्हें यूपी पिछड़ा वर्ग मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया है.
5. स्वाति सिंह
पूर्व बीजेपी नेता और मायावती के बारे में अपशब्द बोलने के आरोपी दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह को ठाकुर मतदाताओं के बीच मिले समर्थन का इनाम मिला है. राजनैतिक कार्यों का अनुभव न होने पर भी बीजेपी ने स्वाति को प्रदेश में महिला मोर्चे की कमान सौंपी है.
6. ब्रजेश पाठक
पूर्व बीएसपी सांसद और युवा ब्राह्मण नेता की छवि रखने वाले ब्रजेश पाठक अब बीजेपी में हैं. 28 अक्टूबर को इटावा में बीजेपी की रैली का सफलतापूर्वक संयोजन कर पाठक ने ब्राह्मणों के बीच अपनी पकड़ जाहिर की थी. अब ये प्रदेश चुनाव समिति के सदस्य बनाए गए हैं.
7. रीता बहुगुणा जोशी
कांग्रेस की पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और लखनऊ कैंट से विधायक रीता बहुगुणा जोशी की छवि एक जुझारू महिला नेता की है. कांग्रेस के ब्राह्मण कार्ड की काट के लिए बीजेपी ने रीता बहुगुणा को पार्टी में शामिल किया था. अब ये प्रदेश चुनाव समिति की सदस्य हैं.