scorecardresearch
 

UP Election: दलबदलु पार लगाएंगे बीजेपी की नैया या...

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य पिछले काफी महीनों से पार्टी को मजबूत करने की खातिर एक ही एजेंडे पर चल रहे हैं, वह है दूसरी पार्टी के बड़े नेता बटोरना. इस प्लान का सबसे बड़ा फायदा है कि पार्टी का जनाधार तो मजबूत होता ही है और सामने वाली पार्टी का मनोबल भी टूटता है.

Advertisement
X
यूपी बीजेपी
यूपी बीजेपी

Advertisement

2014 के आम चुनाव में यूपी में मिली अपार सफलता से लवरेज बीजेपी लगातार अपने दल में बड़े सियासी सेनापति भर्ती करती जा रही है. हाल ही में आगरा क्षेत्र के कद्दावर सपा नेता और पूर्व मंत्री अरिदमन सिंह और उनकी पत्नी ने साइकिल छोड़ कमल का दामन थामा है. रह-रह कर प्रतापगढ़ के बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह राजा भैया के भी सपा तोड़ भाजपा ने जाने की अफवाहें उड़ती रहती हैं, हालांकि हर बार राजा भैया ने अपनी निष्ठा सपा के प्रति ही जाहिर कर अफवाहों पर विराम लगाया है.

ये है बीजेपी का प्लान
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य पिछले काफी महीनों से पार्टी को मजबूत करने की खातिर एक ही एजेंडे पर चल रहे हैं, वह है दूसरी पार्टी के बड़े नेता बटोरना. इस प्लान का सबसे बड़ा फायदा है कि पार्टी का जनाधार तो मजबूत होता ही है और सामने वाली पार्टी का मनोबल भी टूटता है. बीजेपी में पिछले दिनों सपा और बीएसपी के तमाम नेता शामिल हुए हैं. पिछले कुछ महीनों में कई सिटिंग एमएलए बीजेपी का दामन थाम चुके हैं.

Advertisement

बड़े दलबदलु

- रीता बहुगुणा जोशी

- स्वामी प्रसाद मौर्य

- अरिदमन सिंह

- मुकेश श्रीवास्तव

- ब्रजेश पाठक

- संजय जायसवाल

- माधुरी वर्मा

- मोहम्मद मुस्लिम खां

- दिलनवाज खां

- प्रदीप चौधरी

- रानी पक्षालिका

बीजेपी को संभावित फायदे

- पार्टी का जनाधार बढ़ेगा

- प्रदेश स्तरीय नेताओं की बड़ी फौज

- चुनाव प्रचार अभियान में मजबूती

- जनता में बड़ी पार्टी के तौर पर पहचान

- जनता में कमजोर सपा का संदेश

बीजेपी को संभावित नुकसान

- टिकट संग्राम

- पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष

- भितरघात की आशंका

- बीजेपी में टूट की आशंका

मोदीनगर में सामने आया गुस्सा
राजनीतिक पैराशूट के सहारे पिछले एक वर्ष में कई कद्दावर नेता अपनी पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल हो चुके हैं. चुनाव नजदीक आते ही बीजेपी का यह प्लान उसके लिए घातक होता जा रहा है. सोमवार को गाजियाबाद बीजेपी ऑफिस में मोदीनगर के सपा प्रत्याशी राम आसरे शर्मा के बीजेपी में शामिल होने का जमकर विरोध हुआ. इस सीट मंजू शिवाच समेत कई बीजेपी नेता टिकट की दावेदारी कर रहे थे. कुछ ऐसा ही हाल अन्य सीटों पर भी है.

दलबदलू की होती है यही चाह
कोई भी नेता चुनाव पूर्व दल दो ही स्थिति में बदलता है. पहला- जब टिकट मिलने की संभावना न हो, दूसरा- जब पार्टी के टिकट पर जितने की संभावना कम हो. पिछले दिनों सपा छोड़ने वाले नेता समाजवादी दंगल के चलते पार्टी को कमजोर होता देख रहे हैं, पार्टी में जीत की गुंजाइश कम देख सभी मजबूत ठिकाना पकड़ना चाह रहे हैं. इसके अलावा कुछ नेता ऐसे हैं जिन्हें पार्टी में टिकट मिलने की संभावना न हो तो वे टिकट की चाह में दूसरी पार्टी के दरवाजे खटखटाते हैं. ऐसे दलबदलु नेता अपनी पार्टी छोड़ते वक्त सबसे पहली शर्त टिकट ही रखते हैं.

Advertisement
Advertisement