बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा उत्तर प्रदेश विधानसभा के आगामी चुनाव के मद्देनजर शनिवार को जारी किए गए घोषणापत्र को जनता की आंखों में धूल झोंकने वाला करार देते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के वक्त किए गए वादों से मुकरने वाली यह पार्टी घोषणापत्र जारी करने का नैतिक अधिकार खो चुकी है.
मायावती ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह द्वारा जारी किए गए चुनावी घोषणापत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान किए गए वादों को पूरा करने में बुरी तरह नाकाम रही है. ऐसे में इस पार्टी को अपना चुनावी घोषणापत्र जारी करने का नैतिक अधिकार नहीं रह गया है. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के वक्त भाजपा और उनके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने अपने घोषणापत्र में उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश की जनता से तरह-तरह के प्रलोभन दिए थे और जो अच्छे दिन दिखाने के वादे किए थे, वे पूरे नहीं किए.
मायावती ने कहा कि बीजेपी का घोषणापत्र प्रदेश की जनता की आंख में धूल झोंकने वाला है. उन्होंने कहा कि भाजपा के सभी चुनावी वादे केंद्र के एजेंडे से ज्यादातर गायब हो गए हैं. बीजेपी ने केंद्र में अपनी सरकार के करीब तीन साल गुजरने के बावजूद अपने उन वादों में से अब तक एक चौथाई भी वादे पूरे नहीं किए. उन्होंने आशंका जताई कि भाजपा उत्तर प्रदेश की सत्ता में आने पर आरक्षण को खत्म कर देगी. उन्होंने कहा कि वह आगामी एक फरवरी से अपना प्रचार अभियान शुरू करेंगी. उसमें जो वादे किए जाएंगे, उन्हें सरकार बनने पर पूरा करूंगी.
वहीं समाजवादी ने बीजेपी के घोषणापत्र को झूठ का पुलिंदा करार दिया. सपा प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि बीजेपी का चुनाव घोषणापत्र झूठ का पुलिंदा है. लोकसभा चुनाव के कड़वे अनुभव के बाद अब कोई भी उसके वादों पर यकीन नहीं करेगा. चौधरी ने कहा कि चुनाव का वक्त आते ही भाजपा एक बार फिर राम मंदिर का मुद्दा उठाते हुए माहौल खराब करने की फिराक में है. इसके अलावा तीन तलाक जैसे मुद्दे, जो कि अदालत में लम्बित हैं, उन पर वादे करके भाजपा मुसलमानों को छलने की कोशिश कर रही है.