यूपी में महागठबंधन के ख्वाब को एक और झटका लगा है. समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है. लिस्ट में करीब मौजूदा कांग्रेसी विधायकों की सीटों पर पार्टी ने उम्मीदवारों का एलान किया है.
नहीं सुलझी गठबंधन की गांठ?
कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन का एलान दिल्ली में गुलाम नबी आजाद और लखनऊ में यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पहले ही कर चुके हैं. ऐसे में इन सीटों पर प्रत्याशी उतारना हैरानी भरा कदम माना जा रहा है.
इतना ही नहीं, प्रेस कांफ्रेंस में समाजवादी पार्टी के उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने साफ कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस को 84 सीटों से ज्यादा देने के मूड मे नहीं है. मामला तब और गरमा गया जब उन्होंने गांधी परिवार को गढ़ अमेठी से गायत्री प्रजापति की उम्मीदवारी को तय बताया. नंदा ने दोहराया कि लखनऊ कैंट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार ही चुनाव लड़ेंगे.
जारी है बातचीत
कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक गठबंधन के मसले पर अभी भी समाजवादी पार्टी से बातचीत चल रही है. कुछ सीटों पर जारी मतभेद को सुलझाने की कोशिश जारी है. कांग्रेस के यूपी इंचार्ज गुलाम नबी आज़ाद सीधे अखिलेश यादव से संपर्क में हैं. हालांकि कांग्रेस अब भी 100 सीटों की मांग पर कायम है. यूपी चुनाव को लेकर पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति बैठक में इस गतिरोध पर चर्चा हो सकती है. इधर समाजवादी वादी पार्टी की लेकर दिल्ली में कांग्रेस के वॉर रूम में गुलाम नबी आजाद समेत यूपी के नेताओं और स्क्रीनिंग कमेटी के सदस्यों की मैराथन बैठक हुई है.
इन सीटों पर है गतिरोध
समाजवादी पार्टी ने कांग्रेस के कब्जे वाली 9 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. ये सीटें हैं गंगोह, रामपुर में शामली, स्वार और बिलासपुर , बुलंदशहर से हापुड़ ,स्याना, कानपुर से खजुरा, मथुरा और किदवई नगर. मथुरा में कांग्रेस के विधायक दल के नेता प्रदीप माथुर मौजूदा विधायक हैं लेकिन समाजवादी पार्टी ने यहां भी प्रत्याशी का एलान किया है.
आलाकमान के फैसले का इंतजार
बिलासपुर में कांग्रेस के मौजूदा विधायक संजय कपूर का कहना है कि वो आलाकमान के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. यहां से समाजवादी पार्टी ने बीना भारद्वाज को उम्मीदवार बनाया है. संजय के मुताबिक वो दो बार बीना भारद्वाज को हरा चुके हैं और इस बार भी जीत को दोहरा सकते हैं.