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केजरीवाल सरकार के प्रचार पर फूटा कांग्रेस-बीजेपी का गुस्सा, EC से करेंगे शिकायत

निगम चुनाव की रणभेरी बजते ही दिल्ली में आचार संहिता लागू हो गई है. दिल्ली में कहीं भी निकल जाइए, केजरीवाल सरकार के प्रचार से बच नही पाएंगे. सड़क हो, बस स्टॉप हो, मेट्रो हो या बड़े-बड़े यूनीपोल, हर जगह केजरीवाल सरकार की योजनाओं का बखान करते हुए प्रचार नजर आएगा.

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केजरीवाल सरकार का प्रचार करता होर्डिंग
केजरीवाल सरकार का प्रचार करता होर्डिंग

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निगम चुनाव की रणभेरी बजते ही दिल्ली में आचार संहिता लागू हो गई है. दिल्ली में कहीं भी निकल जाइए, केजरीवाल सरकार के प्रचार से बच नही पाएंगे. सड़क हो, बस स्टॉप हो, मेट्रो हो या बड़े-बड़े यूनीपोल, हर जगह केजरीवाल सरकार की योजनाओं का बखान करते हुए प्रचार नजर आएगा.

कांग्रेस ने इसी पर हमला बोला है. कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा है कि केजरीवाल जी ने पूरी दिल्ली में जबर्दस्त ऐडवर्टिजमेंट लगाया है, जिसमें अधिकतर झूठे वादे किए गए हैं.

दरअसल मुख्य मुद्दा वह प्रचार है जिसमें केजरीवाल ने दिल्ली में न्यूनतम मजदूरी में बढ़ोतरी की बधाई दी है, जबकि इस मसले पर राष्ट्रपति ने यह फाइल अस्वीकार करते हुए वापस कर दी है. विपक्षी दलों का आरोप है कि केजरीवाल अपने सरकार की झूठी तारीफ जनता के बीच कर रहे हैं.

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अजय माकन ने कहा कि सीएजी और कोर्ट की फटकार के बाद केजरीवाल ने 500 करोड़ रुपये केवल प्रचार में ही खर्च कर दिया. ऐसे में करोड़ों रुपये सरकार को वापस खजाने में जमा करना चाहिए. बीजेपी ने भी चुनाव आयोग से इस मसले पर ध्यान देने की मांग की है.

बीजेपी नेता कुलजीत चहल ने केजरीवाल सरकार पर झूठा प्रचार करके लोगो को गुमराह करने का आरोप लगाया है. हालांकि आम आदमी पार्टी इन सब बातों से इंकार कर रही है. जाहिर है आचार संहिता लगते ही विपक्षी दल सत्ताधारी पार्टी पर ज्यादा प्रचार का आरोप लगा रहे हैं.

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