मुलायम सिंह के दूसरे बेटे प्रतीक यादव का कहना है कि पिछले महीनों में जो जंग दिख रही थी, वह स्क्रिप्टेड नहीं बल्कि सही थी और अब सबकुछ ठीक हो चुका है. आजतक संवाददाता बालकृष्ण से खास बातचीत मे प्रतीक यादव ने अपने निजी जीवन और मुलायम परिवार के बारे में विस्तार से बातचीत की. पेश है इस बातचीत का संपादित अंश...
नेताजी जल्दी दुखी नहीं होते
नेताजी जल्दी दुखी होते नहीं हैं और अगर होते भी हैं तो चुपचाप दुखी हो
लेते हैं. एक जनवरी को भैया द्वारा राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया गया था तो यह
उस दिन की बहुत बड़ी खबर थी, मुझे लगा कि नेता जी इस बात से बहुत आहत हुए
होंगे और बहुत दुखी हुए होंगे. जब मैं रात में उनसे मिलने गया तब वह बहुत
मजे में बैठे थे. मैंने पूछा आपको खराब नहीं लगा, तो बोले-राजनीतिक
उतार-चढ़ाव है. आज यह है तो कल कुछ और होगा. मुझे याद है वह मक्के की रोटी
और सरसो का साग खा रहे थे. काफी हंसमुख है. मैंने पूछा कि आपको कोई टेंशन
नहीं है, तो बोले राजनीतिक करियर बहुत बड़ा होता है और उतार-चढ़ाव होते रहते
हैं, फिर सब चीजे ठीक हो जाएंगी.नेताजी के हाई ब्लड प्रेशर के बारे में मीडिया को गलत जानकारी मिलती है, मेरी तो हर रोज उनसे मुलाकात होती है. उनका कहना है कि आदमी को बस मेहनत से अपना काम करते रहना चाहिए.
विचारों का मंथन है परिवार में
भाई साहब और पिताजी अलग-अलग इंसान है इसलिए जरूरी नहीं है कि हर बात में उनकी विचारधारा एक ही हो. जब विचारों का मंथन होता है तब नई चीज बनती है मंथन से ही अमृत निकला था. विचारों का मतभेद होने से नई चीज निकलती विचारों के मंथन से ही यह गठबंधन हुआ है जो आज पार्टी को जीत दिलाएगी.
लैंबोर्गिनी कार खरीदना था सपना
Lamborghini कार खरीदना मेरा 10 साल पुराना सपना था. जब मैं कॉलेज में था तब पहली बार इस कार के बारे में पता चला और तभी से सोचा था कि यही कार खरीदूंगा. जब मैंने पहली बार यह कार देखी थी तभी सोच लिया था कि अपना काम बढ़ाऊंगा इतनी मेहनत करूंगा कि ये कार खरीद सकूं. जब लोगों ने मजाक उड़ाया तब 10 साल बाद के सपने के तौर पर मैंने हवाई जहाज की फोटो डाल दी. मेरे बारे में भी बहुत से लोग सोचते हैं कि घमंडी होगा, लेकिन जब लोग मुझसे मिलते हैं तो उनके विचार बदल जाते हैं. मेरे पास दो इटेलियन चीजे हैं. एक गाड़ी मेरे पास है और दूसरे जिम का जो ब्रांड देख रहे है वह भी इटेलियन है- टेक्नो जिम, इसके मशीन वर्ल्ड में सबसे अच्छे मने जाते हैं. ओलम्पिक में लोग इन्ही मशीन से ट्रेंड किये जाते हैं. नेता जी ने इस जिम का उद्घटान किया था और सुशील कुमार रेसलर ने इसका उद्घाटन किया था.
कसरत बन गया शौक
मैं मानता हूं कि हर आदमी के सपने होने चाहिए और वही करना चाहिए जिससे आपको खुशी हो. मैं आलोचना की परवाह नहीं करता सिर्फ करता. सिर्फ इतना समझता हूं कि कुछ अवैध मत करो किसी को नुकसान मत पहुंचाओ. बचपन में मुझे निमोनिया हुआ था. जान जाने की हालत हो गई, स्टेरॉयड का इंजेक्शन लगा और उसके बाद मेरा वजन 100 किलो से भी ज्यादा हो गया था. बाद में वजन ठीक करने के लिए मैंने कसरत शुरू किया और तभी से यह शौक बन गया. बिजनेस और फिटनेस के अलावा मैं जानवरों के लिए बहुत कुछ करता हूं.
बचपन मे दांव सिखाते थे नेताजी
नेता जी से कभी पंजा तो नहीं लड़ाया, लेकिन बचपन में पिता जी कहा करते थे कि तुम बहुत मोटे और अनहेल्थी हो. बचपन में वह दांव सिखाते थे और सिखाते-सिखाते गिरा दिया करते थे.
अखिलेश के साथ खेलते हैं बैडमिंटन
मेरी भाई साहब से रोज मुलाकात होती है आज भी हुई हमारे घर के बीच में एक बैडमिंटन कोर्ट है, जहां हम लोग बैडमिंटन खेलते हैं. घर के भीतर माहौल पारिवारिक होता है इसलिए टेंशन की ज्यादा बात नहीं होती. अखिलेश भैया को भी स्पोर्ट्स बहुत पसंद है उनके बच्चे भी बैडमिंटन खेलते हैं. हम सब लोग साथ खेलते हैं. बैडमिंटन कोर्ट के पास ही बच्चों के लिए गिटार, ड्रम भी है तो वह हमारे लिए गेट-टुगेदर की जगह है. पॉलिटिकल मतभेद की बात मैं ज्यादा नहीं करता था, मुझे लगता था कि जो लोग इसमें हैं उन्हीं को बात करनी चाहिए.
मां भी अखिलेश से लगातार करती हैं बात
मेरी माता जी का रोल यह रहा कि वह नेताजी से अखिलेश जी से लगातार बात करती रहीं ताकि परिवार में एकता बनी रहे. लोग कहते हैं कि जो भी झगड़ा हुआ वह सब स्क्रिप्ट था, लेकिन यह बात सच नहीं है. मतभेद थे सचमुच लेकिन वह सब खत्म हो चुके हैं. परिवार की एकता बनी रहनी चाहिए. जो छोटे-मोटे मतभेद थे उनको सुलझाया जा चुका है. अगर कुछ बाकी है तो उन्हें भी ठीक कर लिया जाएगा. यह बहुत घटिया बात है कि लोग कहते हैं कि इसके पीछे मेरी माता जी थी. माताजी ने कभी नहीं चाहा है कि मुझे राजनीति से कुछ मिल जाए. मैं अपने बिजनेस में इतना आगे निकल आया हूं कि मुझे पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं है, न ही मुझे कुछ ऐसा चाहिए.
मोदी हैं देश के PM,उनका सम्मान करना चाहिए
मोदी साहब हमारे देश के प्रधानमंत्री हैं. हम लोगों के मन में उनका सम्मान होना चाहिए. हमारे देश का वह चेहरा हैं. वह जिस दल बीजेपी से हैं उसकी विचारधारा अलग हो सकती है, लेकिन प्रधानमंत्री होने के नाते हम सब को उनका सम्मान करना चाहिए. नेता जी कहते हैं प्रधानमंत्री ने बहुत मेहनत की है. नेता जी जानते हैं कि प्रधानमंत्री चाय बेचा करते थे, उनके पिताजी भी चाय बेचते थे. वे 10 साल के लिए शायद समाज से विलुप्त हो गए थे. बहुत बलिदान किए हैं उन्होंने, उनके मेहनत की हमें रिस्पेक्ट करनी चाहिए.